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प्रादेशिक

लखीमपुर खीरी केसः आरोपी आशीष मिश्रा को लेकर क्राइम सीन रिक्रिएट कराने पहुंची एसआईटी

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नई दिल्ली। लखीमपुर खीरी कांड की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) ने गुरुवार को केंद्रीय मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा और उनके दोस्त अंकित दास सहित चार आरोपियों की मौजूदगी में अपराध स्थल पर जाकर क्राइम सीन रिक्रिएट (अपराध से जुड़े घटनाक्रम को दोहराना) किया।

क्राइम सीन रिक्रिएट प्रक्रिया में आशीष मिश्रा और अंकित दास के अलावा गनमैन लतीफ और ड्राइवर शेखर भारती भी शामिल रहे। पूरे इलाके की घेराबंदी कर दी गई है, जहां 3 अक्टूबर की घटना हुई थी, जिसमें चार किसानों को एक एसयूवी ने कुचल दिया था और पांच अन्य की मौत हो गई थी।

आरोपियों से मौके पर उनकी मौजूदगी के बारे में सवाल पूछा गया कि वह वहां क्या कर रहे थे, जबकि उन्हें पता था कि किसान वहां विरोध कर रहे हैं।गुरुवार को आशीष मिश्रा की पुलिस हिरासत का आखिरी दिन है और मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल मौजूद रहा।

एसआईटी ने तीन एसयूवी की व्यवस्था की और यह भी जाना कि कैसे तेज गति से चल रहे उन वाहनों ने उस दुर्भाग्यपूर्ण दिन किसानों को कुचल दिया था। एसआईटी ने मामले में चारों लोगों के बयानों की जांच की है।

इस अभ्यास के दौरान एसआईटी के साथ फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी लखनऊ की टीम भी मौजूद थी। प्रांतीय सशस्त्र बल (पीएसी) के साथ रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) को भी मौके पर तैनात किया गया है।

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उत्तर प्रदेश

डिजिटल महाकुम्भ: तकनीक बनी हथियार, 2,750 एआई सीसीटीवी संदिग्ध गतिविधियों पर रख रहे नजर

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महाकुंभ नगर। दिव्य और भव्य महाकुम्भ को पूरी तरह सुरक्षित बनाने के लिए प्रबंधन ने कड़े सुरक्षा इंतजाम किए हैं। इस बार एआई तकनीक को पुलिस ने अपना हथियार बनाया है। 2700 से ज्यादा एआई सीसीटीवी महाकुम्भ नगर में लगाए गए हैं। वह सीधे संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखेंगे और उसकी रिपोर्ट कंट्रोल रूम को देंगे। मेले के दौरान 37,000 पुलिसकर्मी और 14,000 होमगार्ड तैनात किए गए हैं। इसके साथ ही एनएसजी, एटीएस, एसटीएफ और अन्य सुरक्षा एजेंसियां भी चौकसी बरत रही हैं। सीसीटीवी और खुफिया एजेंसियों की निगरानी में हर कोना सुरक्षित है। यहां तक कि मेले में परिंदा भी पर नहीं मार पाएगा।

वॉच टावरों से बनाया सुरक्षा का अभेद्य घेरा

पूरे मेला क्षेत्र में अब तक 123 वॉच टावर बनाए गए हैं, जहां स्नाइपर, एनएसजी, एटीएस और सिविल पुलिस के जवान तैनात हैं। वॉच टावरों को इस तरह डिज़ाइन किया गया है कि इनसे दूरबीन की मदद से पूरे क्षेत्र की निगरानी की जा सके। हर वॉच टावर पर अत्याधुनिक हथियारों और उपकरणों से लैस सुरक्षाकर्मी मौजूद हैं। सभी वॉच टावरों को ऊंचाई और रणनीतिक स्थानों पर स्थापित किया गया है ताकि सुरक्षा में कोई चूक न हो। पुलिस के साथ जल पुलिस और फायर ब्रिगेड भी पूरी तरह मुस्तैद हैं।

स्नानार्थियों और श्रद्धालुओं की सुरक्षा प्राथमिकता

महाकुंभ मेले के डीआईजी वैभव कृष्ण ने बताया कि महाकुंभ में देश-विदेश से करीब 45 करोड़ श्रद्धालु, स्नानार्थी, कल्पवासी और पर्यटक आने की संभावना है। ऐसे में उनकी सुरक्षा के लिए चप्पे-चप्पे पर सख्त निगरानी रखी जा रही है। मेले के सभी जोन और सेक्टर में अलग-अलग स्थानों पर वॉच टावर बनाए गए हैं। प्रवेश के सात मुख्य मार्गों पर भी सुरक्षा के लिए विशेष प्रबंध किए गए हैं।

मुख्य धार्मिक स्थलों पर कड़ी की सुरक्षा

अखाड़ा क्षेत्र, बड़े हनुमान मंदिर, परेड मैदान, वीआईपी घाट, अरैल, झूसी, और सलोरी जैसे संवेदनशील स्थानों पर विशेष वॉच टावर बनाए गए हैं। यहां तैनात जवान आधुनिक हथियारों और उपकरणों से लैस हैं।

अत्याधुनिक तकनीक से लैस हुई कुम्भ की सुरक्षा

– 2,750 AI आधारित सीसीटीवी कैमरे और 80 VMD स्क्रीन मेले की हर गतिविधि पर नजर रख रहे हैं।
– 3 जल पुलिस स्टेशन और 18 जल पुलिस कंट्रोल रूम तैनात हैं।
– 50 फायर स्टेशन और 20 फायर पोस्ट बनाए गए हैं।
– 4,300 फायर हाइड्रेंट किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं।

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