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उत्तर प्रदेश

पिछली सरकारों के नेताओं की आजीविका का माध्यम थे माफियाः सीएम योगी

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अंबेडकरनगर| समाजवादी पार्टी अंबेडकरनगर में गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निशाने पर रही। उन्होंने सपा को यहां खूब धोया और डबल इंजन सरकार के विकास कार्यों को भी गिनाया। सीएम ने कहा कि 2017 के पहले माफिया अंबेडकरनगर में जमीन पर कब्जा करते थे पर आज कोई माफिया किसी जमीन पर कब्जा या बेटी से छेड़छाड़ नहीं कर पाएगा, क्योंकि उसे मालूम है कि ऐसा करने वालों का यमराज अगले चौराहे पर उपचार कर देगा। सीएम ने आमजन से पूछा कि माफिया का उपचार सही है न, जिस पर लोगों ने योगी आदित्यनाथ का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि डबल इंजन की सरकार नहीं होती तो माफिया का इलाज नहीं होता। माफिया पिछली सरकारों द्वारा पाले गए जीव थे, जो उन नेताओं की आजीविका के माध्यम बनते थे। हमने कहा कि गरीबों के जीने के अधिकार को छीनने वालों से जीने का अधिकार छीन लिया जाएगा।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को अंबेडकरनगर के सिविल लाइन ग्राउंड पर 2122 करोड़ की 4977 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण-शिलान्यास किया। सीएम ने प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया। साथ ही दो निजी औद्योगिक विकास परियोजनाओं का भी शुभारंभ किया। सीएम ने यहां बच्चों का अन्नप्राशन कराया। कुछ बच्चों से बातचीत कर उनकी शिक्षा के बारे में भी जाना। सीएम ने अंबेडकरनगर में निवेशकों समेत विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों को सम्मानित किया।

दलित विरोधी है सपा, इसने गेस्ट हाउस कांड कराया

सीएम ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण सपा के लोग करा पाते। सपा के लोग आपके जनपद का नाम भी मिटा देना चाहते थे। बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के नाम पर कन्नौज मेडिकल कॉलेज का नाम हटा दिया, लेकिन हमने जोड़ दिया। हमने कहा कि बाबा साहब भीमराव अंबेडकर संविधान शिल्पी थे। उनके नाम पर कोई समझौता नहीं हो सकता। सपा दलित विरोधी है, उन्होंने भले ही नाम मिटाया, लेकिन हम फिर से नामकरण करेंगे। यह वही सपा है, जिसने गेस्ट हाउस कांड कराया और दलित महापुरुषों के नाम पर बने स्मारकों को हटाने का आह्वान किया था, लेकिन डबल इंजन की सरकार बाबा साहब के नाम पर पंच तीर्थ का निर्माण करती है। डबल इंजन सरकार ने 4 करोड़ देशवासियों को आवास दिया, पहले गरीब और भक्त को आवास दिया गया, फिर भगवान के मंदिर का भी निर्माण किया गया।

चाचा और भतीजे में लगी है जंग

सीएम ने कहा कि अभी यहां पर किसी को मकान, टैबलेट, नियुक्ति पत्र समेत अन्य विकास योजनाओं का लाभ दिया। यदि डबल इंजन सरकार नहीं होती तो यूपी में 56 लाख गरीबों को मकान नहीं मिल पाता। सपा और कांग्रेस के लोग नहीं दे पाते, वहां चाचा और भतीजे में जंग लगी है। नियुक्ति आते ही परिवार वसूली में मस्त हो जाता था। पहले लोगों को जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता था, लेकिन आज हर जरूरतमंद को बिना भेदभाव गरीब कल्याण योजनाओं का लाभ प्राप्त हो रहा है।

पहले सरकार में बैठे लोगों का चश्मा परिवार के बाहर नहीं देखता था

सीएम ने कहा कि जब सरकार का उद्देश्य लोककल्याण होता है तो ऐसे कार्यक्रम होते हैं, जब सरकार में बैठे लोगों का चश्मा परिवार के बाहर नहीं देखता है तो गरीब कल्याणकारी योजनाओं में डकैती पड़ती है। 2014 के पहले देश और 2017 के पहले यूपी में सरकार गरीबों के बारे में नहीं सोचती थी, वे सिर्फ मैं और मेरा परिवार के बारे में सोचते थे। मोदी जी कहते हैं कि 140 करोड़ लोगों का भारत ही मेरा परिवार है। जनता-जनार्दन मेरा परिवार है, इन्हें हम सुरक्षा भी देंगे और समृद्धि भी।

अंबेडकरनगर में एक साथ 10 हजार लोगों को नौकरी व रोजगार

सीएम ने कहा कि अंबेडकरनगर के दो उद्यमियों को उद्योग लगाने के लिए प्रमाण पत्र जारी किए। अंबेडकरनगर को छह हजार करोड़ से अधिक निवेश के प्रस्ताव मिले। इसका मतलब 10 हजार लोगों को यहां ही प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से नौकरी व रोजगार प्राप्त होगा। विकास का जितना कार्य हुआ है, पहले कभी नहीं हुआ था। दस वर्ष में केंद्र व सात वर्ष से प्रदेश में आपने भाजपा सरकार बनाई, दोनों सरकार मिलकर कार्य कर रही है तो निवेश भी आ रहा, विकास भी हो रहा, रोजगार भी मिल रहा, गरीब कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिल रहा है। विकास की रफ्तार को सरपट कई गुना बढ़ाने का कार्य हो रहा है।

विकसित यूपी के लिए विकसित अंबेडकर नगर आवश्यक

सीएम ने कहा कि अंबेडकरनगर हमारा पड़ोसी जनपद है। गोरखपुर व अंबेडकरनगर का बॉर्डर मिलता है। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे अंबेडकरनगर से होकर जा रहा है। विकसित भारत के लिए विकसित यूपी और विकसित यूपी के लिए विकसित अंबेडकरनगर आवश्यक है, विकसित अंबेडकरनगर के लिए डबल इंजन की सरकार आवश्यक है। मां लक्ष्मी हमेशा कमल के फूल पर आती हैं। मोदी सरकार के लिए मां लक्ष्मी का आशीर्वाद आवश्यक है। सीएम ने बताया कि अंबेडकर नगर मेडिकल कॉलेज में नर्सिंग कॉलेज का भी शिलान्यास किया है। इससे यहां की बेटियों को बीएससी, एमएससी नर्सिंग समेत आगे की पढ़ाई की सुविधा प्राप्त होगी।

इस दौरान अंबेडकरनगर के प्रभारी मंत्री गिरीश चंद यादव, सांसद व भाजपा के लोकसभा प्रत्याशी रितेश पांडेय, जिला पंचायत अध्यक्ष साधु वर्मा, विधान परिषद सदस्य पद्मसेन चौधरी, हरिओम पांडेय आदि मौजूद रहे।

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उत्तर प्रदेश

योगी सरकार टीबी रोगियों के करीबियों की हर तीन माह में कराएगी जांच

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लखनऊ |  योगी सरकार ने टीबी रोगियों के संपर्क में रहने वाले व्यक्तियों एवं पूर्व टीबी रोगियों की स्क्रीनिंग कराने का निर्णय लिया है। यह स्क्रीनिंग हर तीन महीने पर होगी। वहीं साल के खत्म होने में 42 दिन शेष हैं, ऐसे में वर्ष के अंत तक हर जिलों को प्रिजेंम्टिव टीबी परीक्षण दर के कम से कम तीन हजार के लक्ष्य को हासिल करने के निर्देश दिये हैं। इसको लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने सभी जिला क्षय रोग अधिकारियों (डीटीओ) को पत्र जारी किया है।

लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को किया जा रहा और अधिक सुदृढ़

प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। ऐसे मेें टीबी रोगियों की युद्धस्तर पर स्क्रीनिंग की जा रही है। इसी क्रम में सभी डीटीओ डेटा की नियमित माॅनीटरिंग और कमजोर क्षेत्रों पर ध्यान देने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) का लक्ष्य टीबी मामलों, उससे होने वाली मौतों में कमी लाना और टीबी रोगियों के लिए परिणामों में सुधार करना है। ऐसे में इस दिशा में प्रदेश भर में काफी तेजी से काम हो रहा है। इसी का परिणाम है कि इस साल अब तक प्रदेश में टीबी रोगियों का सर्वाधिक नोटिफिकेशन हुआ है। तय समय पर इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को और अधिक सुदृढ़ किया गया है।

कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग से टीबी मरीजों की तेजी से होगी पहचान

राज्य क्षय रोग अधिकारी डाॅ. शैलेन्द्र भटनागर ने बताया कि टीबी के संभावित लक्षण वाले रोगियों की कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग को बढ़ाते हुए फेफड़ों की टीबी (पल्मोनरी टीबी) से संक्रमित सभी लोगों के परिवार के सदस्यों और कार्यस्थल पर लोगों की बलगम की जांच को बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग जितनी ज्यादा होगी, उतने ही अधिक संख्या में टीबी मरीजों की पहचान हो पाएगी और उनका इलाज शुरू हो पाएगा। इसी क्रम में उच्च जोखिम वाले लोगों जैसे 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों, डायबिटीज रोगियों, धूम्रपान एवं नशा करने वाले व्यक्तियों, 18 से कम बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) वाले व्यक्तियों, एचआईवी ग्रसित व्यक्तियों और वर्तमान में टीबी का इलाज करा रहे रोगियों के सम्पर्क में आए व्यक्तियों की हर तीन माह में टीबी की स्क्रीनिंग करने के निर्देश दिये गये हैं।

हर माह जिलों का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लेने के निर्देश

टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए नैट मशीनों का वितरण सभी ब्लाॅकों पर टीबी की जांच को ध्यान रखने में रखते हुए करने के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही उन टीबी इकाइयों की पहचान करने जो आशा के अनुरूप काम नहीं कर रहे हैं उनमें सुधार करने के लिए जरूरी कदम उठाने का आदेश दिया गया है। क्षेत्रीय टीबी कार्यक्रम प्रबन्धन इकाई (आरटीपीएमयू) द्वारा हर माह में जनपदों का भ्रमण करते हुए वहां की स्थिति का जायजा लेने के भी निर्देश दिए हैं।

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