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प्रधानमंत्री मोदी की प्रेरणा से आगे बढ़ रहा है मिशन रोजगार: सीएम योगी

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मिशन रोजगार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि सुशासन की पहली शर्त है सुरक्षा और कानून का राज है। प्रदेश में कानून के राज के लिए पुलिस बल के इकबाल को बनाए रखना है। पुलिस का इकबाल बना रहेगा तो हर जवान और अधिकारी का सम्मान बना रहेगा। पुलिस के इकबाल को तोड़ने वाला खुद को टूटा हुआ महसूस करेगा। आम आदमी के प्रति पुलिस का व्यवहार मित्रतापूर्ण और सद्भावनापूर्ण होना चाहिए। लेकिन अपराधी और कानून के साथ खिलवाड़ करने वाले के साथ पुलिस को जीरो टॉलरेंस की नीति पर कार्य करना चाहिए।

सीएम योगी रविवार को मिशन रोजगार के तहत इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती और प्रोन्नति बोर्ड द्वारा चयनित 9,055 उप निरीक्षक नागरिक पुलिस, प्लाटून कमाण्डर पीएसी और अग्निशमन द्वितीय अधिकारियों के नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने चयनित अभ्यर्थियों और उनके अभिभावकों बधाई एवं शुभकामनाएं दीं। इस मौके पर उन्होंने कहा कि समय के अनुरूप हमें खुद को तैयार करना होगा। पहले अपराध की चुनौती भौगोलिक हुआ करती थी आज उसकी नई प्रवृत्ति बनी है। अपराधी से दस कदम आगे सोचने की क्षमता जब हमारे पास होगी तो हम अपराधी पर नियंत्रण पा पाएंगे। हमारी सरकार ने प्रदेश में साइबर क्राइम को रोकने के लिए 18 रेंज में साइबर थाने और हेल्प डेस्क की कर्रवाई को आगे बढ़ाया है।

ई-प्रॉसीक्यूशन लागू करने वाले राज्यों में यूपी अग्रणी

सीएम योगी ने कहा कि महिला सुरक्षा के क्षेत्र में भी प्रदेश सरकार ने बेहतरीन कार्य किया है। ई-प्रॉसीक्यूशन लागू करने वाले देश के सबसे अग्रणी राज्यों में उत्तर प्रदेश है। यूपी के अंदर हम पुलिस रिफॉर्म की दिशा के कार्य कर रहे हैं। प्रदेश में 1973 से पुलिस कमिश्नर प्रणाली की मांग हो रही थी। आज प्रदेश के सात नगरों में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू है, जो लोगों के मन के सुरक्षा का भाव का पैदा कर रही है। उन्होंने कहा कि सुशासन की पहली शर्त यह तय करती है कि युवाओं को रोजगार नागरिकों के विश्वास को अर्जित करने में हम कितना सफल हो पा रहे हैं।

अब यूपी से पलायन नहीं होता

सीएम योगी ने कहा कि यही वही उत्तर प्रदेश है, जहां से कभी निवेशक अपना बिजनेस बंद करके चले जाते थे। कैरान और कांधला जैसे कस्बों से पलायन होता था। 2017 के पहले जो कैरान वीरान हो गया था आज वो आबाद हो गया है, जिन्होंने पलायन किया था वो वापस आ गए हैं। अब लोगों को भय नहीं लगता। आज प्रदेश से अपराधी पलायन कर रहे हैं। सुरक्षा के कारण यह संभव हो पाया है। उन्होंने कहा कि हाल ही में यूपी में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (जीआईएस-23) का आयोजन हुआ है। देश और दुनिया का हर निवेशक उत्तर प्रदेश में आया, जो निवेशक पहले यूपी में आने में डरता था वो तीन दिन तक लखनऊ में रहा। 25 हजार निवेशकों ने 35 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव हस्ताक्षरित कर इस बात का इंतजार कर रहे हैं कि कब सरकार हमें बुलाएगी और हम अपना निवेश यूपी में करके यहां के नौजवानों को नौकरी की सुविधा देंगे।

चयनित अभ्यर्थियों को दी सलाह

सीएम योगी ने कहा कि अमृतकाल के प्रथम वर्ष में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत जी20 की अध्यक्षता कर रहा है। उसकी डिजिटल इकोनॉमी से संबंधित तीन दिवसीय समिट का आयोजन लखनऊ में हुआ। जिसमें 20 देशों, सात मित्र देशों और सात अन्य देशों के संगठनों के प्रतिनिधियों ने प्रतिभाग किया। जी20 और जीआईएस में एक बात देखने को मिली लोगों ने यहां की व्यवस्था आतिथ्य भाव को सम्मान की दृष्टि देखा। प्रतिनिधियों ने उनके और नागरिकों के प्रति पुलिस के व्यवहार की सराहना की। किसी अतिथि और नागरिक के साथ कोई दुर्व्यवहार न हो, लोग ट्रैफिक जाम में न फंसे और किसी प्रकार की अराजकता और गुंडागर्दी के लिए जगह न हो तो हमें मानना चाहिए की हम सही दिशा में हैं। उन्होंने नए चयनित अभ्यर्थियों को सलाह देते कहा कि अब आप लोग प्रशिक्षण के लिए जाएंगे। उस समय आपकी असली परीक्षा शुरू होगी। एक बात ध्यान रखिएगा प्रशिक्षण में जितना पसीना बहाएंगे उतना ही बाद में खून बहाने की नौबत नहीं आएगी।

उत्तर प्रदेश के प्रति बदला है लोगों का परसेप्शन

सीएम योगी ने कहा कि आज उत्तर प्रदेश के प्रति लोगों का परसेप्शन बदला है। 6 वर्ष पहले जो युवा भर्ती की तैयारी करता था उसे उत्तर प्रदेश के बाहर अपनी पहचान छुपानी पड़ती थी। ये कौन लोग हैं, जिन्होंने यहां के युवाओं के सामने पहचान का संकट खड़ा कर दिया था। प्रदेश के बहुत सारे जनपद ऐसे थे जिनका युवा नाम ही नहीं लेना चाहते थे। गलती किसी जनपद के धरती की नहीं बल्कि सिस्टम की थी। आज प्रदेश 75 जनपद के लोग अपने जिले का नाम गौरव से ले सकता है। आज लोग बोल सकते हैं कि आजमगढ़ से हैं।

मिशन रोजगार के तहत 1 लाख 60 हजार से अधिक युवाओं की हुई भर्ती

सीएम योगी ने कहा कि 2017 से पहले प्रदेश के पुलिस कार्मिकों के डेढ़ लाख से अधिक पद रिक्त थे, जिन्हें निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से भर्ती की प्रक्रिया से जोड़ा गया है। मिशन रोजगार के जरिए हमारी सरकार 1 लाख 60 हजार से अधिक युवाओं को पुलिस बल की भर्ती करने में सफल रही है। पीएसी की 54 से अधिक कंपनियां समाप्त कर दी गईं थीं। फायर बिग्रेड के नाम पर विभाग तो था लेकिन बुनियादी सुविधाएं नहीं थी। आज अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त हमारा फायर बिग्रेड खड़ा है। पीएसी की सभी 54 बटालियन को पुनर्गठित कर दिया गया है। तीन महिला बटालियन का गठन भी किया जा चुका है। सुरक्षा की दृष्टि से संवेदनशील जनपदों में पीएसी के नई बटालियन की कर्रवाई को तेजी के साथ आगे बढ़ा रहे हैं। 2017 में पुलिस बल के ट्रेनिंग की क्षमता मात्र 6 हजार थी जिसे हम तीन गुना करने सफल हुए हैं। पुलिस लाइन, थानों और पुलिस चौकी में अवस्थापना सुविधाओं को बढ़ाया है। 2017 के सापेक्ष आज महिला कार्मिकों की संख्या तीन गुना है। उत्तर प्रदेश अपना फॉरेंसिक इंस्टीट्यूट बना रहा है जिसमें इसी सत्र से पाठ्यक्रम प्रारम्भ हो जाएगा। सीएम योगी ने कहा कि विगत 6 वर्ष के अंदर हमारी सरकार सभी विभागों के साथ मिलकर कार्यक्रम को आगे बढ़ा रही है। हम नगर विकास के साथ मिलकर सेफ सीटी के कार्यक्रम को आगे बढ़ा रहे हैं। आज हमारे 18 नगर निगम सेफ सीटी की ओर बढ़ रहे हैं। आईसीसीसी के माध्यम से हम वहां पर ट्रैफिक मैनेजमेंट की व्यवस्था के साथ ही सेफ सिटी के कॉन्सेप्ट को लागू कर रहे हैं।

मिशन रोजगार

योगी सरकार मिशन रोजगार के माध्यम से प्रदेश की बेरोजगारी दर 19 प्रतिशत से घटाकर 2% तक लाने में सफल रही। इसके तहत 6 साल में 5 लाख से अधिक सरकारी नौकरियां दी गईं। साथ ही 1.61 करोड़ नौजवानों को निजी क्षेत्र में नौकरी व रोजगार प्राप्त हुआ है। इसके अलावा 60 लाख से अधिक नौजवानों को यूपी में स्व रोजगार से जोड़ा गया है।

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काम के घंटो को लेकर छिड़ी बहस महिंद्रा समूह के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने दिया अपना बयान

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नई दिल्ली। महिंद्रा समूह के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने शनिवार को काम की क्वालिटी पर ध्यान देने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि काम की क्वालिटी पर ध्यान दें उसकी मात्रा पर नहीं, क्योंकि 10 घंटे में दुनिया बदल सकती है। उन्होंने यह बयान राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय युवा महोत्सव के दौरान दिया, जब उन्हें लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी) के अध्यक्ष एस. एन. सुब्रह्मण्यन के सप्ताह में 90 घंटे काम करने पर किए गए बयान को लेकर सवाल किया गया। पिछले वर्ष, इंफोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति ने भी यह कहकर एक बहस छेड़ दी थी कि युवाओं को सप्ताह में 70 घंटे काम करने के लिए तैयार रहना चाहिए।

दरअसल, एस. एन. सुब्रह्मण्यन ने कुछ दिन पहले टिप्पणी की थी कि कर्मचारियों को सप्ताह में 90 घंटे काम करना चाहिए और रविवार को भी छुट्टी नहीं लेनी चाहिए। इस टिप्पणी से सोशल मीडिया पर बहस शुरू हो गई थी। उनका कहना था, “आप अपनी पत्नी को कितनी देर तक निहार सकते हैं?” इस टिप्पणी से कई लोग असहमत हो गए थे। हालांकि, आनंद महिंद्रा ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इस बहस का ध्यान सिर्फ काम की मात्रा पर केंद्रित किया जा रहा है, जबकि असल मुद्दा काम की गुणवत्ता का है।

“काम की गुणवत्ता सबसे जरूरी”

उन्होंने ने कहा, “मेरा कहना है कि हमें काम की गुणवत्ता पर ध्यान देना चाहिए, न कि काम की मात्रा पर। चाहे आप 40 घंटे, 70 घंटे या 90 घंटे काम करें, यदि आप 10 घंटे में दुनिया बदल सकते हैं, तो वही महत्व रखता है। काम की गुणवत्ता सबसे जरूरी है।” महिंद्रा ने कहा कि उनक हमेशा से मानना ​​रहा है कि आपकी कंपनी में ऐसे लोग होने चाहिए जो समझदारी से निर्णय लें। तो सवाल यह है कि किस तरह का मस्तिष्क सही निर्णय लेता है? उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि एक ऐसा मस्तिष्क होना चाहिए जो समग्र तरीके से सोचता हो, जो दुनिया भर से आने वाले सुझावों के लिए खुला हो।

परिवार और मित्रों के साथ समय बिताने पर जोर

उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि इंजीनियरों और एमबीए जैसी पृष्ठभूमि वाले व्यक्तियों को कला और संस्कृति का अध्ययन करना चाहिए ताकि वे बेहतर निर्णय ले सकें। महिंद्रा उन्होंने परिवार और मित्रों के साथ समय बिताने की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए कहा, “यदि आप घर पर समय नहीं बिता रहे हैं, यदि आप मित्रों के साथ समय नहीं बिता रहे हैं, यदि आप पढ़ नहीं रहे हैं, यदि आपके पास चिंतन-मनन करने का समय नहीं है, तो आप निर्णय लेने में सही इनपुट कैसे लाएंगे?”

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