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मोदी कैबिनेट बैठक: सरकार ने बढ़ाया गन्ने का FRP, पांच करोड़ किसानों को होगा फायदा  

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Modi cabinet meeting

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नई दिल्ली। केंद्र की भाजपानीत मोदी सरकार ने देश के गन्ना किसानों के लिए तोहफे का एलान किया है। कैबिनेट ने गन्ने की FRP बढ़ाने का फैसला किया है। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि सरकार ने 2023-24 सीजन के लिए गन्ने का उचित एवं लाभकारी मूल्य (FRP) 10 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाकर 315 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है।

अनुराग ठाकुर ने बताया कि कैबिनेट ने चीनी सीजन 2023-24 के लिए गन्ना किसानों के लिए 315 रुपये प्रति क्विंटल के अब तक के उच्चतम उचित और लाभकारी मूल्य को मंजूरी दे दी है। इस निर्णय से पांच करोड़ गन्ना किसानों और उनके आश्रितों को फायदा होगा।

इसके साथ-साथ चीनी मिलों और संबंधित सहायक गतिविधियों में कार्यरत पांच लाख श्रमिकों को भी इसका लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि गन्ना सत्र अक्टूबर से शुरू होता है। गन्ने का न्यूनतम मूल्य 2014-15 में 210 रुपये प्रति क्विंटल था।

‘पीएम-प्रणाम’ योजना को मंजूरी

मंत्रिमंडल ने वैकल्पिक उर्वरकों को बढ़ावा देने के लिये नई योजना ‘पीएम-प्रणाम’ (कृषि प्रबंधन के लिये वैकल्पिक पोषक तत्वों को प्रोत्साहन) को मंजूरी दी। उर्वरक मंत्री मनसुख मांडविया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक के बाद इसकी जानकारी दी।

इस योजना का एलान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक फरवरी को 2023-24 के बजट के दौरान किया था। योजना के तहत केंद्र राज्यों को प्रोत्साहित करेगा कि वे वैकल्पिक उर्वरकों को बढ़ावा दें और रासायनिक उर्वरकों को कम करेंगे।

उन्होंने उदाहरण देते हुए समझाया कि मान लीजिए कि कोई राज्य 10 लाख टन पारंपरिक उर्वरक का उपयोग कर रहा है और यदि वह अपनी खपत 3 लाख टन कम कर देता है तो सब्सिडी की बचत 3,000 करोड़ रुपये होगी। उन्होंने कहा कि सब्सिडी बचत में से केंद्र वैकल्पिक उर्वरक के उपयोग और अन्य विकास कार्यों को बढ़ावा देने के लिए राज्य को 50 प्रतिशत यानी 1,500 करोड़ रुपये देगा।

नेशनल रिसर्च फाउंडेशन की होगी स्थापना

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि नेशनल रिसर्च फाउंडेशन (NRF) की स्थापना के लिए नेशनल रिसर्च फाउंडेशन बिल 2023 को संसद में लाया जाएगा। इसके साथ ही साइंस एंड इंजीनियरिंग रिसर्च बोर्ड एक्ट 2008 को रद्द किया जाएगा। FRP का संचालन एक गवर्निंग बोर्ड की ओर से किया जाएगा। इसमें 15 से 25 प्रतिष्ठित शोधकर्ता और पेशेवरों को शामिल किया जाएगा। इस गवर्निंग बोर्ड का नेतृत्व प्रधानमंत्री करेंगे।

SAP और FRP में क्या अंतर?

FRP सरकार की ओर से तय किया गया मूल्य है, जिस पर मिलें किसानों से खरीदे गए गन्ने का भुगतान कानूनी रूप से करने के लिए बाध्य हैं। हमेशा FRP (Fair and Remunerative Price) में बढ़ोतरी से देश के सभी किसानों को फायदा नहीं हो पाता।

दरअसल, कुछ राज्यों में एफआरपी के अलावे गन्ने की पैदावार के लिए राज्य समर्थित मूल्य यानी एसएपी (State Advisory Price) भी तय किया जाता है। जिन राज्यों में गन्ने का उत्पादन अधिक होता है, वह अपनी फसल की कीमत खुद तय करते है। इस कीमत को एसएपी कहा जाता है।

किसानों को कैसे होगा फायदा?

उत्तर प्रदेश,पंजाब और हरियाणा राज्य के किसान अपनी फसल के लिए एसएपी तय करते हैं। साधारण तौर पर एसएपी का मूल्य केंद्र सरकार के एफआरपी मूल्य से अधिक होता है। ऐसे में केंद्र की ओर से एफआरपी बढ़ाने के बाद अगर राज्य सरकार ने एसएपी नहीं बढ़ाया तो इससे किसानों को कोई फायदा नहीं हो पाता।

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दिल्ली में अवैध रूप से रहने वाले बांग्लादेशियों को पकड़ने के लिए पुलिस ने शुरू किया अभियान, 175 संदिग्ध लोगों की पहचान

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नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में अवैध रूप से रहने वाले बांग्लादेशियों को पकड़ने के लिए पुलिस ने अभियान शुरू कर दिया है। अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों खिलाफ अपने सत्यापन अभियान दिल्ली पुलिस ने ऐसे 175 संदिग्ध लोगों की पहचान की है। अधिकारियों ने रविवार को इस बात की जानकारी दी है। पुलिस ने शनिवार को शाम 6 बजे से बाहरी दिल्ली क्षेत्र में 12 घंटे का सत्यापन अभियान चलाया था।

दिल्ली पुलिस ने क्या बताया?

इस अभियान को लेकर दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने कहा- “पुलिस ने वैध दस्तावेजों के बिना रहने वाले व्यक्तियों की पहचान करने और उन्हें हिरासत में लेने के अपने प्रयास तेज कर दिए हैं। बाहरी दिल्ली में व्यापक सत्यापन अभियान के दौरान 175 व्यक्तियों की पहचान संदिग्ध अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों के रूप में की गई है।

एलजी के आदेश पर कार्रवाई

दिल्ली पुलिस ने बीते 11 दिसंबर की तारीख से राजधानी में रह रहे अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों को पहचानने के लिए अभियान की शुरुआत की थी। इससे एक दिन पहले 10 दिसंबर को एलजी वीके सक्सेना के सचिवालय ने अवैध प्रवासियों पर कार्रवाई का आदेश जारी किया था। इसके बाद से ही पुलिस ने अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों को पकड़ने का अभियान शुरू किया है।

इस तरीके से चल रहे अभियान

दिल्ली पुलिस के मुताबिक, बिना दस्तावेज वाले प्रवासियों की बढ़ती संख्या से चिंता बढ़ती जा रही है। बाहरी जिला पुलिस ने अपने अधिकार में आने वाले विभिन्न क्षेत्रों में कार्रवाई शुरू की है। पुलिस के मुताबिक, स्थानीय थानों, जिला विदेशी प्रकोष्ठों और विशेष इकाइयों के कर्मियों समेत विशेष टीम को घर-घर जाकर जांच करने और संदिग्ध अवैध प्रवासियों के बारे में खुफिया जानकारी इकट्ठा करने का निर्देश दिया गया है।

 

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