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हेल्थ

बीते 24 घंटों में कोरोना के 11 हजार से ज्यादा नए मामले, एक्टिव केस 44998

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COVID-19

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नई दिल्ली। देश में कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। बीते 24 घंटों में कोरोना संक्रमण के 11 हजार से ज्यादा नए मामले सामने आए हैं। इसी के साथ ऐसे कोरोना संक्रमित जिनका इलाज चल रहा है, उनका आंकड़ा भी 49 हजार के पार पहुंच गया है।

इससे पहले बीते दिन भारत में कोरोना के 10 हजार 158 नए केस मिले थे। इसी के साथ देश में सक्रिय मरीजों की संख्या बढ़कर 44 हजार 998 हो गई थी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार सुबह यह आंकड़े जारी किए थे।

इसके मुताबिक, भारत में कोरोना संक्रमण की दैनिक दर 4.42 फीसदी और साप्ताहिक दर 4.02 प्रतिशत थी। देश में फिलहाल एक्टिव केसों की संख्या कुल मामलों का 0.10 प्रतिशत थी। मरीजों के ठीक होने की दर 98.71 प्रतिशत थी।

सात दिन के अंदर 42 हजार से ज्यादा मरीज बढ़े

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, पिछले सात दिन के अंदर देश में 42 हजार से ज्यादा लोग संक्रमित पाए गए हैं। इस बीच 97 लोगों की संक्रमण के चलते मौत भी हुई है।

वहीं, जब इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के रीजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर, गोरखपुर के निदेशक डॉ. रजनीकांत से कोरोना की चौथी लहर को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, ‘अभी चौथी लहर की कोई आहट नहीं है। देश में ज्यादातर लोगों को कोरोना की वैक्सीन लग चुकी है। इसलिए डरने की नहीं बल्कि बचाव की जरूरत है। प्रिवेंशन के लिए कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना चाहिए।’

नेशनल

भारत में HMPV वायरस से पीड़ितों की संख्या हुई आठ, मुंबई के हीरानंदानी अस्पताल में छह माह की बच्ची मिली संक्रमित

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नई दिल्ली। चीन के बाद भारत में एमएमपीवी की दस्तक हो गई है। इससे चिंता बढ़ गई है। अब एक नया केस मुंबई में मिला है। मुंबई के पवई स्थित हीरानंदानी अस्पताल में छह माह की बच्ची में HMPV वायरस से पीड़ित मिली है। इसे मिलाकर भारत में अब तक कुल आठ मामले सामने आ चुके हैं. बेंगलुरु, नागपुर और तमिलनाडु में दो-दो और अहमदाबाद और मुंबई में HMPV के एक-एक मामले सामने आए हैं।

चीन में वायरस का संक्रमण बढ़ रहा है, जिससे लोग डर रहे हैं। कुछ लोग इसकी तुलना कोविड-19 से करने लगे हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा है कि HMPV कोई नया वायरस नहीं है। पहली बार साल 2001 में इसकी पहचान हुई थी। वर्षों से दुनियाभर में फैल रहा है। चीन में HMPV के मामलों में बढ़ोत्तरी हुई है। भारत की इस पर नजर है। मुंबई की जिस बच्ची में HMPV का मामला पाया गया है, वह महज छह माह की है। खांसी, सीने में जकड़न और ऑक्सीजन स्तर 84 परसेंट से नीचे गिरने के कारण बच्ची को एक जनवरी को अस्पताल में भर्ती किया गया था। डॉक्टरों ने रैपिड पीसीआर टेस्ट के जरिए पुष्टि की कि वह HMPV से संक्रमित है।

मामले में बीएमसी स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि उन्हें मामले में कोई रिपोर्ट नहीं मिली है। उन्होंने इन्फ्लूएंजा और गंभीर सांस की बीमारी की निगरानी बढ़ा दी है। HMPV बुजुर्गों और बच्चों को प्रभावित करता है लेकिन ये कोविड-19 जैसा नहीं होगा।

किनको HMPV वायरस से ज्यादा खतरा?

इस वायरस से खासकर छोटे बच्चों, बुजुर्गों और कम इम्युनिटी वाले लोगों में ही गंभीर संक्रमण हो सकता है। ज्यादातर लोगों को खांसी-जुकाम जैसा लगता है, जो जल्द ठीक हो जाता है। केंद्र सरकार ने इसे लेकर एडवाइजरी जारी कर कहा है कि इससे डरने की जरूरत नहीं है और राज्य सरकारें भी सतर्क रहें।

HMPV क्या है?

ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) सांस संबंधी बीमारी की वजह बनने वाले वायरस है। इस वायरस का पता पहली बार साल 2001 में चला था.इस वायरस का संबंध पैरामाइक्सोविरिडे परिवार से है। यह ‘रेस्पिरेटरी सिंकाइटियल वायरस’ (आरएसवी) से निकटता से संबंधित है।

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