अन्तर्राष्ट्रीय
रूसी राष्ट्रपति पुतिन के कट्टर विरोधी नवलनी की जेल में मौत, 19 साल की मिली थी सजा
नई दिल्ली। रूस के विपक्षी नेता एलेक्सी नवलनी की जेल में मौत हो गई है वह राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन कट्टर आलोचक थे. उनकी मौत राजनीतिक हत्या के रूप में देखा जा रहा है. पुतिन के सबसे प्रमुख और कट्टर आलोचकों में से एक 47 वर्षीय नवलनी को आर्कटिक सर्कल के उत्तर में लगभग 40 मील दूर एक जेल में रखा गया था. सूत्रों के अनुसार राजनेता की मौत का कारण खून का थक्का जमना था. नवलनी के वकील ने कहा कि वह बुधवार को अपने मुवक्किल से मिले और “उनके साथ सब कुछ ठीक था.” रूसी राष्ट्रपति के प्रेस सचिव दिमित्री पेसकोव ने कहा कि व्लादिमीर पुतिन को नवलनी की मौत की जानकारी दी गई है.
पेसकोव ने कहा, “फेडरल पेनिटेंटरी सर्विस मौजूदा नियमों के अनुसार निरीक्षण कर रही है. इस संबंध में किसी निर्देश की आवश्यकता नहीं है.” फेडरल पेनिटेंटरी सर्विस एक कमीशन भेज रही है, जहां नवलनी की मृत्यु हुई थी.यमल फेडरल पेनिटेंटरी सर्विस ने एक बयान में कहा, “दोषी नवलनी ने टहलने के बाद अस्वस्थ महसूस किया और लगभग तुरंत ही होश खोने लगे, संस्थान के चिकित्साकर्मी तुरंत पहुंचे, और एक आपातकालीन चिकित्सा टीम को बुलाया गया. पुनर्जीवन के सभी आवश्यक उपाय किए गए, लेकिन सकारात्मक नहीं रहा.”
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14 जनवरी को अपना आखिरी भाषण देंगे जो बाइडेन
अमेरिका। अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडेन आगामी 14 जनवरी को अपना आखिरी भाषण देंगे। यही उनका विदाई भाषण भी होगा। इसके लिए ह्वाइट हाउस ने तैयारी शुरू कर दी है। नव निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह से पांच दिन पहले यानि बुधवार को ओवल ऑफिस से बाइडेन का यह विदाई भाषण होगा। बीस जनवरी को पद छोड़ने से पहले यह राष्ट्रपति के तौर पर अमेरिकियों और दुनियाभर के लोगों के लिए बाइडेन का यह अंतिम भाषण होगा, जो रात आठ बजे आरंभ होगा।
इससे पहले बाइडेन सोमवार को विदेश मंत्रालय में अपने कार्यकाल की विदेश नीति पर केंद्रित एक भाषण देंगे। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव केरिन जीन-पियरे ने शुक्रवार को संवाददाताओं को बताया कि बाइडेन सोमवार को अपने भाषण में ‘‘50 से अधिक वर्षों के अपने सार्वजनिक जीवन’’ पर बात करेंगे। राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों के बीच हुई ‘डिबेट’ में बाइडन (82) का प्रदर्शन कुछ खास नहीं था, जिसके बाद से उनकी ही पार्टी के सदस्य बाइडेन के इस पद की दौड़ से हटने की बात करने लगे थे और अंतत: बाइडेन ने ट्रंप के खिलाफ अमेरिकी राष्ट्रपति पद की दौड़ से हटने का फैसला किया था।
बाइडेन की जगह कमला हैरिस से हुआ ट्रंप का मुकाबला
बाइडेन की पीछे हटने के बाद उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को डेमोक्रेट्स की ओर से राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया गया। इसके बाद अमेरिकियों को देश की पहली महिला राष्ट्रपति मिलने की उम्मीद भी जगी, लेकिन डोनाल्ड ट्रंप ने उन्हें चुनाव में हरा दिया। इस प्रकार ट्रंप दोबारा अमेरिका के राष्ट्रपति चुन लिए गए। हालांकि बाइडेन का दावा है कि यदि वह नैतिक दबाव में पीछे नहीं हटे होते तो ट्रंप को हरा सकते थे।
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