उत्तर प्रदेश
सामूहिक दुष्कर्म मामले में सीएम योगी की कार्रवाई से निषाद समाज संतुष्ट
लखनऊ/अयोध्या। भदरसा कस्बे में सामूहिक दुष्कर्म के मामले में योगी सरकार द्वारा की जा रही कार्रवाई पर निषाद समाज ने संतुष्टि जताई है। बुधवार सुबह निषाद समाज के प्रतिनिधियों ने अयोध्या में मुख्यमंत्री से मुलाकात की। वहीं मुख्यमंत्री ने भी सभी को आश्वस्त किया कि बालिका के साथ हुए शर्मनाक कृत्य के दोषियों को सख्त से सख्त सजा मिलेगी, इसमें किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। तकरीबन 15 मिनट चली मुलाकात के दौरान निषाद समाज के आधा दर्जन प्रतिनिधियों ने आरोपी सपा नेता के खिलाफ हो रही कार्रवाई को उचित ठहराया।
पीड़िता के स्वास्थ्य और सुरक्षा का योगी सरकार रख रही पूरा ध्यान
बता दें कि भदरसा कस्बे में नाबालिग के साथ सामूहिक दुष्कर्म के मामले में फैजाबाद के सांसद अवधेष प्रसाद का करीबी और सपा नेता मुईद खान व उसके नौकर राजू को पुलिस ने पहले ही गिरफ्तार कर लिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान घटना की कठोर शब्दों में भर्त्सना करते हुए दोषियों को न बख्शने की बात कही थी, साथ ही समाजवादी पार्टी की इस बात के निंदा भी की थी उनकी ओर से आरोपियों को लेकर सॉफ्ट कार्नर है। वहीं मुख्यमंत्री ने पीड़िता की मां से मुलाकात करके कठोर से कठोर कार्रवाई का भरोसा दिया था। साथ ही सीएम के निर्देश पर राज्य बाल संरक्षण आयोग की सदस्य ने भी पीड़िता और उसके परिवार से मुलाकात कर ढांढस बंधाया था। इसके अलावा मुख्यमंत्री की ओर से पीड़िता के परिवार की मदद के लिए तत्काल पांच लाख रुपए की धनराशि मुहैया कराई गई थी। वहीं भारतीय जनता पार्टी के प्रधिनिधि मंडल ने भी पीड़िता और उसके परिजनों से मुलाकात करके योगी सरकार द्वारा आरोपियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई का भरोसा दिया है।
योगी सरकार का कस रहा शिकंजा, जिम्मेदारों पर गिरी गाज
घटना की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री के निर्देश पर न केवल पूराकलंदर थानाध्यक्ष रतन शर्मा व भदरसा चौकी इंचार्ज अखिलेश गुप्ता को सस्पेंड किया गया, बल्कि मुख्य आरोपी की संपत्ति की जांच भी शुरू की गई। जिसके बाद राजस्व विभाग को मुख्य आरोपी सपा नेता मुईद खान की तकरीबन आधा दर्जन अवैध संपत्तियों का पता लग चुका है। वहीं मुख्य आरोपी की बेकरी पर हुए अवैध निर्माण पर योगी सरकार का बुलडोजर भी चल चुका है। माना जा रहा है जल्द ही उसकी अन्य संपत्तियों पर सरकार का बुलडोजर गरज सकता है। इसके अलावा पीड़िता और उसके परिवार को धमकी देने के मामले भदरसा नगर पंचायत के चेयरमैन सहित तीन लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया है।
योगी सरकार की ओर से दुष्कर्म पीड़िता और उसके परिवार की मदद पर संतोष व्यक्त करने पहुंचे निषाद समाज के प्रनिधियों में महंत रामसेवक दास निषाद, अंजू निषाद, दुर्गा प्रसाद निषाद, संदीप निषाद, मंजीत निषाद, आशाराम निषाद और विष्णु निषाद शामिल रहे।
उत्तर प्रदेश
योगी सरकार टीबी रोगियों के करीबियों की हर तीन माह में कराएगी जांच
लखनऊ | योगी सरकार ने टीबी रोगियों के संपर्क में रहने वाले व्यक्तियों एवं पूर्व टीबी रोगियों की स्क्रीनिंग कराने का निर्णय लिया है। यह स्क्रीनिंग हर तीन महीने पर होगी। वहीं साल के खत्म होने में 42 दिन शेष हैं, ऐसे में वर्ष के अंत तक हर जिलों को प्रिजेंम्टिव टीबी परीक्षण दर के कम से कम तीन हजार के लक्ष्य को हासिल करने के निर्देश दिये हैं। इसको लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने सभी जिला क्षय रोग अधिकारियों (डीटीओ) को पत्र जारी किया है।
लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को किया जा रहा और अधिक सुदृढ़
प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। ऐसे मेें टीबी रोगियों की युद्धस्तर पर स्क्रीनिंग की जा रही है। इसी क्रम में सभी डीटीओ डेटा की नियमित माॅनीटरिंग और कमजोर क्षेत्रों पर ध्यान देने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) का लक्ष्य टीबी मामलों, उससे होने वाली मौतों में कमी लाना और टीबी रोगियों के लिए परिणामों में सुधार करना है। ऐसे में इस दिशा में प्रदेश भर में काफी तेजी से काम हो रहा है। इसी का परिणाम है कि इस साल अब तक प्रदेश में टीबी रोगियों का सर्वाधिक नोटिफिकेशन हुआ है। तय समय पर इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को और अधिक सुदृढ़ किया गया है।
कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग से टीबी मरीजों की तेजी से होगी पहचान
राज्य क्षय रोग अधिकारी डाॅ. शैलेन्द्र भटनागर ने बताया कि टीबी के संभावित लक्षण वाले रोगियों की कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग को बढ़ाते हुए फेफड़ों की टीबी (पल्मोनरी टीबी) से संक्रमित सभी लोगों के परिवार के सदस्यों और कार्यस्थल पर लोगों की बलगम की जांच को बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग जितनी ज्यादा होगी, उतने ही अधिक संख्या में टीबी मरीजों की पहचान हो पाएगी और उनका इलाज शुरू हो पाएगा। इसी क्रम में उच्च जोखिम वाले लोगों जैसे 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों, डायबिटीज रोगियों, धूम्रपान एवं नशा करने वाले व्यक्तियों, 18 से कम बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) वाले व्यक्तियों, एचआईवी ग्रसित व्यक्तियों और वर्तमान में टीबी का इलाज करा रहे रोगियों के सम्पर्क में आए व्यक्तियों की हर तीन माह में टीबी की स्क्रीनिंग करने के निर्देश दिये गये हैं।
हर माह जिलों का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लेने के निर्देश
टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए नैट मशीनों का वितरण सभी ब्लाॅकों पर टीबी की जांच को ध्यान रखने में रखते हुए करने के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही उन टीबी इकाइयों की पहचान करने जो आशा के अनुरूप काम नहीं कर रहे हैं उनमें सुधार करने के लिए जरूरी कदम उठाने का आदेश दिया गया है। क्षेत्रीय टीबी कार्यक्रम प्रबन्धन इकाई (आरटीपीएमयू) द्वारा हर माह में जनपदों का भ्रमण करते हुए वहां की स्थिति का जायजा लेने के भी निर्देश दिए हैं।
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