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अन्तर्राष्ट्रीय

अब इस्लामी हिंसा के खिलाफ खड़े होने का वक्त: इजरायली पीड़ितों के परिजनों ने लगाई गुहार

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Now is the time to stand against Islamic violence Families of Israeli victims appeal

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रोम। इजरायल-हमास युद्ध के 21वें दिन दिन भी खूनी कहर जारी है। इटली की राजधानी रोम पहुंचे इजरायली पीड़ितों के परिवारों ने कहा कि दुनिया को इस्लामी हिंसा को फैलने से रोकने के लिए उसके खिलाफ खड़ा होना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि 7 अक्टूबर को दक्षिणी इजरायल पर हमले के बाद हमास आतंकवादियों द्वारा बंधक बनाए गए बंधकों की शीघ्र रिहाई सुनिश्चित करने के लिए कार्रवाई करनी चाहिए।

पीएम जॉर्जिया से मिलने पहुंचे परिजन

बंधक बनाए गए 200 से अधिक लोगों को मुक्त कराने के विश्व प्रयासों को बढ़ावा देने के पीड़ित परिजनों के एक प्रतिनिधिमंडल ने इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी सहित अधिकारियों के साथ बातचीत करने के लिए रोम का दौरा किया। इन परिजनों में एवी इलोन शामिल था, जिसकी 23 वर्षीय बेटी शिरा की एक संगीत समारोह में भाग लेने के दौरान एक दोस्त के साथ हत्या कर दी गई थी।

यह धार्मिक लड़ाई है

एक पीड़ित परिजन ने कहा, “कृपया जागें। दुनिया के लोगों के लिए, यूरोप के लोगों के लिए, कृपया जागें, क्योंकि यह भूमि संघर्ष नहीं है, यह एक धार्मिक संघर्ष है।” दक्षिणी इजरायल पर हमले के बाद लगभग 222 लोगों को बंधक बना लिया गया था और उस दौरान 1,400 लोग मारे गए थे। पिछले शुक्रवार को अमेरिकी-इजरायली दोहरी राष्ट्रीयता वाले दो बंधकों की रिहाई के बाद हमास ने सोमवार को दो इजरायली नागरिक महिलाओं को भी रिहा कर दिया है।

अब तक 6500 लोगों की मौत

हमास द्वारा संचालित गाजा पट्टी के स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा कि जवाब में इजरायल द्वारा बमबारी अभियान शुरू करने के बाद से 6,500 से अधिक लोग मारे गए हैं। 7 अक्टूबर को हमास के हमले में दोहरी इतालवी-इजरायली नागरिकता वाले तीन लोग मारे गए, जिनमें एविएटर मोशे किपनिस और उनकी पत्नी, लिलाच ली हावरॉन शामिल थे।

इन दोनों का बेटा, नदाव ने अपने परिवार के कई सदस्यों को खो दिया है। हाल ही में उन्होंने अपने चाचा को भी खो दिया। यह सभी बंधकों को मुक्त कराने के लिए कार्रवाई की मांग करने के लिए इटली आए हैं।

हमास पर बनाया जा रहा दबाव

नदाव ने कहा, “ये लोग आम नागरिक हैं, जो अपने साथ हुई किसी भी दर्दनाक घटना के लायक नहीं थे।” उन्होंने कहा, “इजरायल खुद हमास से केवल एक आतंकवादी संगठन के रूप में निपट सकता है, लेकिन इजरायल उनके साथ बातचीत नहीं कर सकता है।” उन्होंने कहा कि कतर और मिस्र जैसे राज्य बंधकों को रिहा करने के लिए हमास पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं।

नदाव ने कहा कि यह दुखद है कि फलस्तीन के समर्थन में यूरोप में सड़कों पर उतरे कुछ प्रदर्शनकारी हमास के पक्ष में थे। उन्होंने कहा, “यह बात बिल्कुल झूठी है कि हमास आजादी के लिए लड़ रहा है, हमास दूसरे धर्मों से लड़ रहा है।”

अन्तर्राष्ट्रीय

देश छोड़कर भागने वाले असद की मुश्किलें बढ़ी, पत्नी अस्मा अल-असद ने अदालत में तलाक के लिए दी अर्जी

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सीरिया। सीरिया में छिड़े गृहयुद्ध के बाद राष्ट्रपति बशर अल-असद देश छोड़कर रूस भाग गए। देश छोड़कर भागने वाले असद की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक असद की ब्रिटिश पत्नी अस्मा अल-असद ने रूस की अदालत में तलाक के लिए अर्जी दी है। तुर्की और अरब मीडिया में चल रही खबरों के मुताबिक अस्मा अल असद मॉस्को में खुश नहीं हैं और वो अब लंदन जाना चाहती हैं। बता दें कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बशर अल असद के परिवार को अपने देश में राजनीतिक शरण दी है।

25 साल की अस्मा से हुई थी असद की शादी

बशर अल-असद की पत्नी अस्मा अल असद ने रूस के कोर्ट में तलाक के लिए अर्जी दाखिल की है और मॉस्को छोड़ने के लिए विशेष अनुमति का अनुरोध किया है। उनके दिए गए आवेदन पर रूसी अधिकारियों द्वारा विचार किया जा रहा है। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, अस्मा के पास ब्रिटेन और सीरिया की दोहरी नागरिकता है। अस्मा का घर लंदन में है जहां सीरियाई माता-पिता के यहां उनका जन्म हुआ था। अस्मा साल 2000 में सीरिया चली गईं थीं। साल 2000 में ही उनकी शादी बशर अल असद से हुई थी। उस वक्त अस्मा की उम्र 25 साल थी।

रूस में असद पर लगाए गए हैं गंभीर प्रतिबंध

अपना देश छोड़कर भागे सीरिया के अपदस्थ राष्ट्रपति बशर अल असद को भले ही रूस ने राजनीतिक शरण दिया था, लेकिन रूस में उनपर गंभीर प्रतिबंध लगाए गए हैं। असद को मॉस्को छोड़ने या किसी भी राजनीतिक गतिविधियों में शामिल होने की अनुमति नहीं है। जानकारी के मुताबिक रूसी अधिकारियों ने बशर अल-असद की संपत्ति और पैसा भी जब्त कर लिया है। असद सीरिया छोड़ते वक्त 270 किलोग्राम सोना लेकर आए थे। उनकी संपत्ति में 2 अरब डॉलर और मॉस्को में 18 अपार्टमेंट शामिल हैं।

असद के भाई को रूस में नहीं मिली है शरण

सीरिया के अपदस्थ राष्ट्रपति बशर अल-असद के भाई, माहेर अल-असद को रूस ने अपने देश में शरण नहीं दी है। उन्हें शरण देने के अनुरोध की अब भी समीक्षा की जा रही है। जानकारीा के मुताबिक असद के भाई माहेर और उनका परिवार रूस में ही नजरबंद हैं।

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