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उत्तर प्रदेश

मानवता का कैंसर है पाकिस्तान, बिना ऑपरेशन इलाज संभव नहीं: सीएम योगी

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वेस्ट त्रिपुरा/लखनऊ| मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पाकिस्तान मानवता का कैंसर है, जो पूरी दुनिया के लिए नासूर बन चुका है। आजादी के समय का कांग्रेस नेतृत्व और जोगेंद्र नाथ मंडल अगर मिलकर मुस्लिम लीग की साजिश को विफल कर देते तो यह नासूर अस्तित्व में नहीं होता। उन्होंने कहा कि जब तक पाकिस्तान का ऑपरेशन नहीं होगा, तब तक इलाज संभव नहीं है। पाकिस्तान का उपचार शुरू हो चुका है। अब पाक अधिकृत कश्मीर के लोग भारत में शामिल होना चाहते हैं। बलूचिस्तान भी पाकिस्तान से अलग होना चाहता है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को त्रिपुरा के मुख्यमंत्री डॉ. माणिक साहा के साथ सिद्धेश्वरी मंदिर का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि संत ईश्वरीय सत्ता के प्रतिनिधि के रूप में इस धराधाम पर आकर कार्य कर रहे हैं। इतनी बड़ी संख्या में संत अगर किसी कार्य में जुड़ जाएंगे तो उसे सफल होना ही है। संतों के सानिध्य में हमें धर्म जागरण के अभियान को आगे बढ़ाने की आवश्यकता है। सीएम योगी ने कहा कि हमें मिलकर कार्य करना होगा और इस बात का ध्यान रखना है कि विधर्मियों को अवसर नहीं देना है। बांग्लादेश जैसे स्थिति की पुनरावृत्ति यहां न होने पाए, इसके लिए ऐसी शक्तियों को हमें समाप्त करना है। हमें देश और धर्म को सुरक्षित रखना है।

सीएम योगी ने कहा कि यहां के राजा में शक्ति एवं सामर्थ्य था, इसलिए त्रिपुरा स्वतंत्र एवं सुरक्षित रहा। यहां के राजा ने जनता को एकजुट करके त्रिपुरा को विधर्मियों एवं विदेशी आक्रांताओं से बचाए रखा। उन्होंने कहा कि जो सामर्थ्यवान होगा और ताकत का एहसास अपने दुश्मनों को कराएगा, वो हमेशा सुरक्षित रहेगा। लेकिन जो अपनी ताकत खोकर अपने दुश्मन और मित्र को समझने में भूल करेगा, उसी प्रकार का खामियाजा भुगतेगा जैसा आज बांग्लादेश में हो रहा है। सीएम योगी ने कहा कि बांग्लादेश के हालात पर हमें चिंतन करने की आवश्यकता है कि इसके लिए कौन लोग जिम्मेदार हैं।

सीएम योगी ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ इस बात को जानता था कि अगर हम कांग्रेस के द्वारा चलाई गई दुर्वयसंधि का शिकार होते रहेंगे तो कांग्रेस देश का विभाजन कराएगी, हिंदुओं का कत्लेआम कराएगी, उन्हें जातियों में बांटकर लड़ाएगी और भारत की परंपरा-संस्कृति को नष्ट एवं भ्रष्ट कर देगी। आरएसएस की बात सच साबित हुई और कांग्रेस ने अपने स्वार्थ के लिए देश का विभाजन कराया। उन्होंने कहा कि 1905 में बंगभंग आंदोलन के दौरान अगर बंगाल विरोध नहीं करता तो सबको पता है कि उस समय देश में क्या होता। सीएम योगी ने कहा कि आरएसएस-विश्व हिंदू परिषद अपनी सेवा का प्रोपेगेंडा और सौदेबाजी नहीं करते हैं।

सीएम योगी ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयं संघ आज केवल भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में विद्याभारती के माध्यम से हजारों शिक्षण संस्थानों एवं सेवा के प्रकल्पों का संचालन कर रहा है। विश्व हिंदू परिषद पूरे देश में जनजातीय क्षेत्रों में एक लाख से अधिक गांवों में एकल विद्यालय का संचालन कर रहा है। श्रीराम वनवासी कल्याण आश्रम के माध्यम से विश्व हिंदू परिषद ने 1984 में गोरखपुर में जनजातीय छात्रावास प्रारंभ किया था, जिसमें नॉर्थ ईस्ट के बच्चे जाकर शिक्षा प्राप्त करते थे। उन्होंने कहा कि अब भारत का समय है इसलिए आज हम लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत को दुनिया की एक बड़ी ताकत बनाने की ओर अग्रसर हैं।

सीएम योगी ने कहा कि अयोध्या में प्रभु श्रीराम का भव्य मंदिर बनने से पांच सदी का इंतजार समाप्त हुआ है। कुछ लोगों को मंदिर के बन जाने से बुरा लग रहा है, जिन्हें बुरा लग रहा है उनका हम क्या कर सकते हैं। हम भारत की बहुसंख्यक जनता की आस्था को सम्मान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि अयोध्या, मथुरा और काशी सनातन धर्म की आस्था के तीन प्रमुख स्तंभ हैं। ये तीनों स्थल जैसे आज पूज्य हैं, उसी रूप में आगे भी बढ़ते हुए दिखाई देंगे। इसमें कोई संदेह नहीं है। सीएम योगी ने कहा कि सनातन धर्म सर्वे भवन्तु सुखिन: की बात करता है, लेकिन ये तभी संभव है, जब हम सुरक्षित रहेंगे।

सीएम योगी ने कहा कि पीएम मोदी के कुशल नेतृत्व में आज पूरा देश एक भारत श्रेष्ठ भारत के लिए कार्य कर रहा है। आज त्रिपुरा में सुरक्षित और सौहार्दपूर्ण माहौल है। आज से सात-आठ वर्ष पहले यह संभव नहीं था। उन्होंने कहा कि एक ओर यहां की डबल इंजन की सरकार त्रिपुरा के सर्वांगीण विकास के लिए डबल स्पीड से कार्य कर रही है तो वहीं दूसरी ओर त्रिपुरा में धार्मिक क्षेत्र में भी प्रगति हो रही है। सीएम योगी ने कहा कि त्रिपुरा और उत्तर प्रदेश में पहले पर्व और त्योहार के दौरान दंगे होते थे। आज हमने उत्तर प्रदेश में दंगाइयों के लिए बुल्डोजर और भक्तों को प्रभु श्रीराम का मंदिर दे दिया है। उन्होंने कहा कि हम सबको ध्यान रखना होगा कि धर्म एव हतो हन्ति धर्मो रक्षति रक्षितः यानी अगर हम धर्म की रक्षा करेंगे तो धर्म आपकी भी रक्षा करेगा। वहीं अगर अपने स्वार्थ के लिए हम अपने धर्म का बलिदान करेंगे तो धर्म भी आपके साथ उसी प्रकार का व्यवहार करेगा। ‘यतो धर्मस्ततो जयः’ सनातन धर्म की यही शिक्षा है।

सीएम योगी ने कहा कि मां सिद्धेश्वरी की प्राण प्रतिष्ठा एवं मंदिर के उद्घाटन का यह कार्यक्रम हम सबके लिए महत्वपूर्ण क्षण है। उन्होंने कहा कि पूज्य संत शांतिकाली महाराज ने 1994 में आश्रम की श्रृंखला को आगे बढ़ाया था। शांतिकाली महाराज ने उस समय जो संकल्प लिए थे, उसे चितरंजन महाराज बिना रुके और बिना डिगे आगे बढ़ा रहे हैं। इसलिए भारत सरकार भी उनका सम्मान कर रही है। सीएम योगी ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण के एक हाथ में मुरली और दूसरे हाथ में सुदर्शन है। सुरक्षा के लिए केवल मुरली से काम नहीं चलेगा, उसके लिए सुदर्शन आवश्यक है और जब सुदर्शन हाथ में होगा तो फिर किसी शांतिकाली महाराज को बलिदान नहीं देना पड़ेगा।

महायज्ञ में शामिल हुए सीएम योगी

सीएम योगी ने नारियल फोड़कर मंदिर का उद्घाटन किया। इसके बाद उन्होंने विधि विधान से माता सिद्धेश्वरी की पूजा अर्चना की। उसके बाद सीएम योगी ने मंदिर प्रांगण में पौधरोपण भी किया। वे मंदिर में आयोजित महायज्ञ में भी सम्मलित हुए और आहुति डाली। साथ ही लोककल्याण की कामना की।

कार्यक्रम में सीएम योगी के साथ महाराजा चित्त रंजन देबबर्मा, त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री एवं सांसद विप्लब देब, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राजीव भट्टाचार्य, एनडीए के सहयोगी एवं त्रिपुरा राज परिवार के राजकुमार प्रमोद बिक्रम माणिक्य देब बर्मा, विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय सह मंत्री सचिंद्रनाथ सिन्हा, त्रिपुरा सरकार के मंत्री, विधायक एवं अन्य गणमान्य लोग मौजूद थे।

शांति काली आश्रम द्वारा प्रबंधित हैं 24 मंदिर

बरकथल स्थित यह नवनिर्मित मंदिर पूर्वोत्तर राज्य में शांति काली आश्रम द्वारा प्रबंधित 24 मंदिरों में से एक है। शांति काली आश्रम के प्रमुख महाराजा चित्त रंजन देबबर्मा हिंदू संस्कृति, परंपरा और धर्म की रक्षा के लिए काम करते रहे हैं। उन्हें पिछले साल पद्मश्री से सम्मानित किया गया था।

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उत्तर प्रदेश

महाकुंभ मेले में हीटर और ब्लोवर पर रहेगा प्रतिबंध

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प्रयागराज। आगामी महाकुंभ 2025 को सुरक्षित और अग्नि-मुक्त बनाने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। मेले में आग की घटनाओं को रोकने के उद्देश्य से कई प्रतिबंध और दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं, ताकि श्रद्धालुओं और संस्थाओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। पूर्व में हुई घटनाओं से सबक लेते हुए योगी सरकार ने इस बार कल्पवासियों के टेंट में हीटर, ब्लोवर और इमर्सन रॉड जैसे अनधिकृत उपकरणों के उपयोग पर पूर्णतः प्रतिबंध लगा दिया है। महाकुंभ 2025 में नियमों के सख्ती से पालन के साथ, सरकार का लक्ष्य एक सुरक्षित, व्यवस्थित और अग्नि-मुक्त आयोजन को सफल बनाना है।

विद्युत सुरक्षा को लेकर सख्ती

विद्युत विभाग ने मेले में बिजली के उपयोग को लेकर उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लि (यूपीपीसीएल) ने सख्त दिशानिर्देश जारी किए हैं। अधीक्षण अभियंता महाकुंभ मनोज गुप्ता ने बताया कि महाकुंभ मेले में हीटर, ब्लोवर और इमर्सन रॉड जैसे उपकरणों के उपयोग पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है। यह कदम आग की घटनाओं को रोकने के लिए उठाया गया है। पूर्व में देखा गया है कि मेले के दौरान हुई आग की अधिकतर घटनाओं में शॉर्ट सर्किट बड़ी वजह रही है जो हीटर या ब्लोवर के कारण उत्पन्न हुई।

कटिया पर होगी कार्रवाई

अधिशाषी अभियंता अनूप सिन्हा ने बताया कि हीटर, ब्लोवर और इमर्सन रॉड के साथ साथ मेले में कटिया लगाकर बिजली के उपयोग पर भी सख्त प्रतिबंध रहेगा। ऐसा करते पाए जाने पर संबंधित संस्था के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके अतिरिक्त, यदि किसी संस्था द्वारा विद्युत विभाग की वायरिंग में छेड़छाड़ की जाती है और उसके कारण कोई आगजनी की घटना होती है, तो उसकी पूरी जिम्मेदारी उस संस्था की होगी। ऐसी संस्थाओं को भविष्य में प्रतिबंधित भी किया जा सकता है।

सुरक्षा मानकों का पालन अनिवार्य

संस्थाओं को निर्देश दिया गया है कि यदि वे स्वयं वायरिंग करते हैं, तो यह कार्य सुरक्षा मानकों के अनुरूप होना चाहिए। वायरिंग के लिए एमसीबी और कंड्यूट पाइप का उपयोग अनिवार्य होगा। इसके साथ ही, संस्था को अपनी वायरिंग के उपरांत विद्युत सुरक्षा से अनापत्ति प्रमाण-पत्र (NOC) प्राप्त करना होगा। सरकार के इन कदमों का उद्देश्य महाकुंभ 2025 को पूरी तरह सुरक्षित और अग्नि-मुक्त बनाना है। इस बार का महाकुंभ एक ऐसा आयोजन होगा, जहां सुरक्षा मानकों का पूर्ण पालन किया जाएगा, ताकि लाखों श्रद्धालु बिना किसी भय के धार्मिक आयोजन में भाग ले सकें।

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