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अन्तर्राष्ट्रीय

ट्रंप को राष्ट्रपति पद के लिए अयोग्य घोषित करने के फैसले के खिलाफ रामास्वामी, बोले- एकजुट हों रिपब्लिकन

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Vivek Ramaswamy Trump

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वॉशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति पद के रिपब्लिकन उम्मीदवार विवेक रामास्वामी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बचाव में उतर आए हैं। उन्होंने फैसला लिया है कि अगर सुप्रीम कोर्ट ट्रंप को चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं देगा, तो वह कोलोराडो में होने वाले चुनाव से पीछे हट जाएंगे।

दरअसल, व्हाइट हाउस की रेस के लिए चुनाव अभियान में जुटे ट्रंप को बड़ा झटका लगा है। कोलोराडो प्रांत की प्रमुख अदालत ने यूएस कैपिटल हिंसा मामले में मंगलवार को ट्रंप को अमेरिकी संविधान के तहत राष्ट्रपति पद के लिए अयोग्य करार दिया है।

अदालत ने रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से व्हाइट हाउस की दौड़ के लिए प्रमुख दावेदार ट्रंप को राष्ट्रपति पद के लिए राज्य के प्राथमिक मतदान से हटा दिया है। इसी फैसले का भारतवंशी विवेक रामास्वामी ने विरोध जताया है।

उन्होंने जीओपी प्राइमरी बैलेट से नाम वापस लेने का संकल्प लिया है। साथ ही उन्होंने अन्य उम्मीदवारों से भी अपील की है कि अगर अदालत अपना फैसला नहीं बदलती है तो वो लोग भी चुनाव से पीछे हट जाएं।

वीडियो संदेश जारी कर अपील

उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक वीडियो संदेश जारी किया है। उन्होंने कहा, ‘अगर डोनाल्ड ट्रंप को चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं दी जाती है, तो मैं भी इससे पीछे हटने का फैसला लेता हूं। मैं कोलोराडो जीओपी प्राथमिक मतदान से हटने का संकल्प लेता हूं । मैं अन्य उम्मीदवारों रॉन डेसैंटिस, क्रिस क्रिस्टी और निक्की हेली से भी अपील करता हूं कि वह भी चुनाव से पीछे हटने का फैसला लें।’

ट्रंप को प्राथमिक मतदान से हटाने के फैसले को एक गलत चाल बताया। उन्होंने कहा कि इस पैंतरेबाजी का परिणाम अमेरिका के लिए बहुत खरतनाक होगा। उन्होंने कहा कि या तो ट्रंप को चुनाव लड़ने की अनुमति मिले, नहीं तो वह भी इसका हिस्सा नहीं बनेंगे।

इतिहास में पहली बार 14वें संशोधन की धारा-3 का इस्तेमाल

अमेरिका के इतिहास में पहली बार है कि 14वें संशोधन की धारा-3 का इस्तेमाल राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को अयोग्य ठहराने के लिए किया गया है। कोलोराडो हाईकोर्ट ने 4-3 के बहुमत वाले अपने फैसले में कहा था कि अदालत के बहुमत का मानना है कि ट्रंप 14वें संशोधन की धारा-3 के तहत राष्ट्रपति पद संभालने के लिए अयोग्य हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, जिस अदालत ने ट्रंप के खिलाफ फैसला दिया है, उसके सभी न्यायाधीश डेमोक्रेटिक पार्टी के गवर्नरों द्वारा नियुक्त किए गए थे।

जिला अदालत के न्यायाधीश के निर्णय को पलटा

कोलोराडो प्रांत के हाईकोर्ट ने जिला अदालत के न्यायाधीश के निर्णय को पलटते हुए यह आदेश दिया था। निचली अदालत ने कहा था कि ट्रंप ने 6 जनवरी, 2021 को कैपिटल (अमेरिकी संसद) पर हुए हमले के लिए भीड़ को हिंसा के लिए उकसाया था। लेकिन ट्रंप को राष्ट्रपति चुनाव में भाग लेने से नहीं रोका जा सकता क्योंकि यह स्पष्ट नहीं है कि संविधान की धारा राष्ट्रपति पद को कवर करती है।

हाईकोर्ट ने अपने फैसले पर चार जनवरी तक या अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट का मामले में फैसला आने तक रोक लगा दी। वहीं, इस फैसले से अमेरिका की सर्वोच्च अदालत को अब यह तय करना चुनौतीपूर्ण होगा कि क्या ट्रंप रिपब्लिकन की तरफ से नामांकन दौड़ में बने रह सकते हैं।

ट्रंप पर समर्थकों को हिंसा के लिए उकसाने के आरोप

साल 2021 में अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप को हार का सामना करना पड़ा था। चुनाव नतीजों के बाद ट्रंप के समर्थकों ने 6 जनवरी, 2021 को यूएस कैपिटल (अमेरिकी संसद) पर धावा बोल दिया था। बड़ी संख्या ट्रंप के समर्थक संसद भवन के ऊपर और अंदर घुस आए थे।

इस दौरान ट्रंप के समर्थकों ने हिंसा और तोड़फोड़ की थी, जिसमें पांच लोग मारे गए। बाद में ट्रंप पर समर्थकों को संसद की तरफ बढ़ने और हिंसा के लिए उकसाने के आरोप लगे थे।

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14 जनवरी को अपना आखिरी भाषण देंगे जो बाइडेन

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अमेरिका। अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडेन आगामी 14 जनवरी को अपना आखिरी भाषण देंगे। यही उनका विदाई भाषण भी होगा। इसके लिए ह्वाइट हाउस ने तैयारी शुरू कर दी है। नव निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह से पांच दिन पहले यानि बुधवार को ओवल ऑफिस से बाइडेन का यह विदाई भाषण होगा। बीस जनवरी को पद छोड़ने से पहले यह राष्ट्रपति के तौर पर अमेरिकियों और दुनियाभर के लोगों के लिए बाइडेन का यह अंतिम भाषण होगा, जो रात आठ बजे आरंभ होगा।

इससे पहले बाइडेन सोमवार को विदेश मंत्रालय में अपने कार्यकाल की विदेश नीति पर केंद्रित एक भाषण देंगे। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव केरिन जीन-पियरे ने शुक्रवार को संवाददाताओं को बताया कि बाइडेन सोमवार को अपने भाषण में ‘‘50 से अधिक वर्षों के अपने सार्वजनिक जीवन’’ पर बात करेंगे। राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों के बीच हुई ‘डिबेट’ में बाइडन (82) का प्रदर्शन कुछ खास नहीं था, जिसके बाद से उनकी ही पार्टी के सदस्य बाइडेन के इस पद की दौड़ से हटने की बात करने लगे थे और अंतत: बाइडेन ने ट्रंप के खिलाफ अमेरिकी राष्ट्रपति पद की दौड़ से हटने का फैसला किया था।

बाइडेन की जगह कमला हैरिस से हुआ ट्रंप का मुकाबला

बाइडेन की पीछे हटने के बाद उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को डेमोक्रेट्स की ओर से राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया गया। इसके बाद अमेरिकियों को देश की पहली महिला राष्ट्रपति मिलने की उम्मीद भी जगी, लेकिन डोनाल्ड ट्रंप ने उन्हें चुनाव में हरा दिया। इस प्रकार ट्रंप दोबारा अमेरिका के राष्ट्रपति चुन लिए गए। हालांकि बाइडेन का दावा है कि यदि वह नैतिक दबाव में पीछे नहीं हटे होते तो ट्रंप को हरा सकते थे।

 

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