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उत्तर प्रदेश

तिरुपति मंदिर के प्रसाद में मिलावट करने वालों को जीने का हक नहीं, इन्हे फांसी मिलनी चाहिए: जगतगुरु रामदिनेशाचार्य

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गोरखपुर। आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर के प्रसाद (लड्डू) में जानवरों की चर्बी और मछली के तेल के इस्तेमाल को लेकर साधु-संतों ने नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा है कि ऐसे लोगों को जीने का हक नहीं है और उन्हें फांसी की सजा देनी चाहिए। जगतगुरु रामदिनेशाचार्य ने कहा कि ये एक जघन्य अपराध है। हिंदुओं की आस्था के साथ खिलवाड़ करने वाले ऐसे लोगों को फांसी की सजा देनी चाहिए। जब कोई श्रद्धा और सद्भाव लेकर के विश्व के सबसे बड़े मंदिर में जाता है, तब वहां वह प्रसाद के रूप में लड्डू प्राप्त करता है। मगर आस्था के केंद्र में फिश ऑयल और बीफ का इस्तेमाल क‍िया जा रहा है, वह एक जघन्य अपराध है। ऐसा करने वालों को धरती पर क्या नर्क में भी जगह नहीं मिलेगी।

स्वामी वासुदेवाचार्य ने कहा, “मुगलों के समय में तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में धर्म भ्रष्ट करने के लिए गाय का मांस डाल देते थे। इसी तरह जगन मोहन रेड्डी भी ईसाई मानसिकता वाले हैं। मेरा मानना है कि यह एक बड़ा षड्यंत्र है। हमारे मठ-मंदिरों की आमदनी सरकार लेती है और उसके बाद भी हमारे साथ इस तरह का अन्याय होता है। अगर हिंदू राष्ट्र बन जाएगा, तो इस तरह के कृत्य हमारे हिंदुस्तान में कभी नहीं होंगे। इसलिए इस तरह के षड्यंत्र को नाकाम करने के लिए लोगों को जागरूक होना होगा। मठ-मंदिरों से सरकारी नियंत्रण समाप्त होगा, तभी इसका समाधान निकल पाएगा।“

 

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उत्तर प्रदेश

झांसी मेडिकल कॉलेज के शिशु वार्ड में लगी भीषण आग, 10 बच्चों की मौत

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झंडी। झांसी के मेडिकल कॉलेज के शिशु वार्ड में शुक्रवार रात आग लगने से 10 बच्चों की मौत हो चुकी है। जबकि पांच बच्चों की हालत नाजुक बताई जा रही है। बचाव टीम रेस्क्यू में लगी हुई है। वार्ड में करीब 47 नवजात भर्ती थे। शुक्रवार देर-रात महारानी लक्ष्मी बाई मेडिकल कॉलेज के नवजात शिशु गहन चिकित्सा कक्ष एसएनसीयू वार्ड में भीषण आग लगने से 10 नवजात शिशुओं की झुलसने एवं दम घुटने से मौत हो गई। जिस वार्ड में आग लगी थी, वहां 47 नवजात भर्ती थे।

खबर लिखे जाने तक वार्ड से 31 नवजात को बाहर निकाल लिया गया था। हादसे की सूचना मिलते ही दमकल की गाड़ियां मौके पर पहुंच गईं। सेना को भी बुला लिया। सेना एवं दमकल की गाड़ियां आग बुझाने में जुटी हैं। दस नवजात की मौत से अस्पताल परिसर में कोहराम मचा हुआ है। नवजातों के माता-पिता भी अपने नवजातों को बचाने की गुहार लगा रहे हैं। शुरुआती जांच में सिलेंडर ब्लास्ट की बात कही जा रही है।

खिड़की तोड़कर बच्चों को बाहर निकाला गया

बच्चों और मरीजों को अस्पताल की खिड़कियां तोड़कर बाहर निकाला गया। सूत्रों ने बताया कि करीब 31 बच्चों को बचाया जा गया है। सूत्रों का कहना है कि करीब 47 बच्चे वार्ड में भर्ती थे। परिजनों का आरोप है कि उन्हें उनके बच्चों से मिलने नही दिया जा रहा है।

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