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उत्तर प्रदेश

बच्चों का पुनर्वास योगी सरकार की प्राथमिकता

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योगी सरकार द्वारा बड़े बच्चों के पुनर्वास और उन्हें नई दिशा देने के उद्देश्य से ‘दत्तक ग्रहण जागरूकता माह-2024’ के अंतर्गत एक विशेष राज्य स्तरीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। राजधानी के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान के मार्स ऑडिटोरियम में गुरुवार को आयोजित इस कॉन्क्लेव में भारत सरकार की ओर से महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री सावित्री ठाकुर बतौर मुख्य अतिथि मौजूद रहीं। वहीं प्रदेश सरकार की ओर से महिला कल्याण, बाल विकास एवं पुष्टाहार मंत्री बेबी रानी मौर्य ने योगी सरकार द्वारा बच्चों के पुनर्वास को लेकर किये जा रहे कार्यों पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम का आयोजन महिला एंव बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार के केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण और उत्तर प्रदेश महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा किया गया।

देखभाल और पालन-पोषण की भावना द्वारा बड़े बच्चों का पुनर्वास

इस दौरान केंद्रीय राज्य मंत्री सावित्री ठाकुर सहित उत्तर प्रदेश सरकार की महिला कल्याण, बाल विकास एवं पुष्टाहार मंत्री बेबी रानी मौर्य, राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष बबिता चौहान ने ‘देखभाल और पालन-पोषण की भावना द्वारा बड़े बच्चों का पुनर्वास’ विषय पर अपने विचार रखे। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य बड़े पैमाने पर लोगों को ऐसे बच्चों को गोद लेने और फोस्टर केयर (पालन-पोषण) की कानूनी प्रक्रिया के प्रति जागरूक करना रहा, जो या तो निराश्रित हों या करीबी परिवार के ही अनाथ सदस्य हों। साथ ही, समाज में ऐसे बच्चों के पुनर्वास के लिए अपनापन और संवेदनशीलता को प्रोत्साहित करने पर भी वक्ताओं ने विशेष जोर दिया।

कानूनी दत्तक-ग्रहण की सभी प्रक्रियाओं पर हुई परिचर्चा

कान्क्लेव के दौरान सावित्री ठाकुर ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार की सहायता से राजधानी लखनऊ में हमारे हितधारक और माता-पिता एकत्रित हुए हैं। यहां हम दत्तक परिवारों से चर्चा कर बच्चों को गोद लेने के उनके अनुभवों के बारे में जान रहे हैं, वहीं हम अपने हितधारकों के साथ कानूनी दत्तक-ग्रहण की सभी प्रक्रियाओं पर परिचर्चा कर रहे हैं। उन्होंनें मीडिया को सम्बोधित करते हुये कहा कि इस बार हमारे पूरे अभियान का थीम “फॉस्टर केयर और फॉस्टर अडॉप्शन के ज़रिए बड़ी उम्र के बच्चों का पुनर्वास” है। 6 साल से अधिक उम्र के बच्चे जिनका अडॉप्शन आसानी से नहीं हो रहा, उनके लिए हमारे सिस्टम में फॉस्टर केयर का एक विकल्प मौजूद है। इस विकल्प के ज़रिए ‘नो विज़िटेशन’ और ‘अनफ़िट गार्डियन्स/पेरेंट्स’ की श्रेणी के अंतर्गत आने वाले बच्चों को अस्थायी पारिवारिक देखरेख प्रदान की जाती है।

बाल संरक्षण योगी सरकार की प्राथमिकता

बेबी रानी मौर्या ने अपने वक्तव्य के दौरान प्रतिभागियों को बताया कि बाल संरक्षण उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के लिए प्राथमिकता का विषय रहा है। प्रदेश सरकार बच्चों की सुरक्षा, संरक्षण और कल्याण में अग्रणी भूमिका निभा रही है। महिला आयोग की अध्यक्ष बबीता सिंह चौहान ने कहा कि बच्चा दत्तकग्रहण के माध्यम से एक परिचित वातावरण में रहे और भाषाई या सामाजिक-सांस्कृतिक स्तर पर बड़ी चुनौतियाँ ना पेश करे, यह आवश्यक है।

गोद लेने वाले दंपत्तियों ने साझा किये अनुभव, बच्चों की रंगारंग प्रस्तुतियों ने मोह मन

इस अवसर पर केयरिंग पोर्टल के जरिए बच्चों को गोद लेने वाले दंपत्ति गुरप्रीत सिंह और नवनीत ग्रेवाल, मो आरिफ खान और दीप्ति सिंह, वीरेन्द्र और शर्मिला पाल तथा सिंगल पैरेंट डॉ रचना भारती को सम्मानित किया गया। सभी ने अपने अनुभवों को साझा किया। इसी प्रकार फॅास्टर केयर से बच्चा गोद लेने वाली डॉ शहनवाज ने अपने अनुभवों को साझा किया। कार्यक्रम के दौरान ‘किलकारियां’ शीर्षक से प्रेरक कहानियों का प्रस्तुतिकरण किया गया। वहीं बच्चों के सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने सबका मन मोह लिया। इसमें नन्हे मुन्ने बच्चों द्वारा ‘राधा तेरी चुनरी…’ गीत, किशोरियों द्वारा रानी झांसी के जीवन को प्रस्तुत करते हुए समूह नृत्य का विशेष आयोजन किया गया। वहीं बच्चों द्वारा बनाए गये उत्पादों की प्रदर्शनी को भी लोगों ने खूब सराहा।

बता दें कि केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण (सीएआरए) और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा हर साल नवंबर माह को ‘राष्ट्रीय दत्तक ग्रहण जागरूकता माह’ के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष, इस अभियान का विशेष आयोजन उत्तर प्रदेश के लखनऊ में किया गया है।

कार्यक्रम में भारत सरकार की महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री सावित्री ठाकुर, उत्तर प्रदेश सरकार की महिला कल्याण, बाल विकास एवं पुष्टाहार मंत्री बेबी रानी मौर्य, राज्य मंत्री प्रतिभा शुक्ला, राज्य महिला आयोग की आध्यक्ष बबिता चौहान, उपाध्यक्ष अपर्णा यादव, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार के सचिव अनिल मलिक, महिला एवं बाल विकास विभाग की प्रमुख सचिव लीना जौहरी, निदेशक संदीप कौर, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार की संयुक्त सचिव प्रीती पन्त समेत प्रदेश में गठित बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष व सदस्य, चिकित्सा विभाग के पदाधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग के पदाधिकारी, यूनिसेफ, चाइल्ड हेल्प लाइन, जिला बाल संरक्षण इकाई, देखरेख संस्थाओं तथा विशेषिकृत दत्तक ग्रहण अभिकरणों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

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उत्तर प्रदेश

कानपुर : 1992 के दंगो से बंद पड़े शिव जी के मंदिर को बीजेपी मेयर प्रमिला पांडेय ने खुलवाया

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कानपुर। यूपी के कानपुर से एक बड़ी खबर सामने आई है। यहां मेयर और बीजेपी नेता प्रमिला पांडेय ने मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र में बंद पड़े 2 मंदिरों को खुलवाया और पुलिस अधिकारियों को अतिक्रमण हटवाने के निर्देश दिए। मेयर ने बताया कि 1992 के दंगो के बाद से मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में कई मंदिरों पर कब्जा कर लिया गया था वहीं आज जब शिवालय को खुलवाया तो मंदिर के अंदर से शिवलिंग गायब मिला। वहीं दूसरे मंदिर में छोटा कारखाना चलता मिला।

क्या है पूरा मामला?

कानपुर की मेयर और बीजेपी नेता प्रमिला पांडेय अचानक पूरे दलबल के साथ थाना कर्नलगंज के लुधौरा क्षेत्र पहुंची तो वहां हड़कंप मच गया। मेयर ने क्षेत्र में मौजूद दो मंदिरों को खुलवाया और पुलिस अधिकारियों को मंदिर पर हुए अतिक्रमण को हटवाने के निर्देश दिए।

वहीं साथ गई नगर निगम की टीम को मंदिर के अंदर और बाहर साफ सफाई के निर्देश दिए गए। मेयर ने बताया कि 1992 के दंगो के बाद से मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में कई मंदिरों पर कब्जा कर लिया गया था वहीं आज जब शिवालय को खुलवाया तो मंदिर के अंदर से शिवलिंग गायब मिला तो दूसरे मंदिर में छोटा कारखाना चलता मिला। मेयर ने बताया कि उनको कुरान का भी ज्ञान है। उसमें भी लिखा है कि किसी भी धर्म का अपमान नही करना चाहिए। मंदिरों की साफ सफाई का अभियान लगातार चलता रहेगा।

एडीसीपी सेंट्रल का बयान आया सामने

एडीसीपी सेंट्रल राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि मेयर साहिबा के निर्देश पर चिन्हित मंदिरों के अंदर और बाहर हुए अतिक्रमण और कब्जों को हटवाने के निर्देश मिले हैं। जल्द ही कब्जों को हटवाया जाएगा।

एडीसीपी सेंट्रल का बयान आया सामने

एडीसीपी सेंट्रल राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि मेयर साहिबा के निर्देश पर चिन्हित मंदिरों के अंदर और बाहर हुए अतिक्रमण और कब्जों को हटवाने के निर्देश मिले हैं। जल्द ही कब्जों को हटवाया जाएगा।

अयोध्या में भी 32 साल बाद खुला शिव मंदिर

अयोध्या के कोतवाली थाना क्षेत्र स्थित मुस्लिम बहुल लद्दावाला इलाके में स्थित एक बंद पड़े शिव मंदिर को 32 साल बाद फिर से खोला गया है। यह मंदिर 1992 में अयोध्या के विवादित बाबरी ढांचे के ध्वस्त किए जाने के बाद से बंद पड़ा था। सोमवार को मंदिर को दोबारा खोलने के लिए आयोजित शुद्धीकरण समारोह और हवन पूजा शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न हुआ। इस मौके पर पर स्थानीय हिंदू कार्यकर्ताओं ने स्वामी यशवीर महाराज के नेतृत्व में पूजा अर्चना की और मंदिर में श्रद्धा से दर्शन किए।

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