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उत्तराखंड

सिलक्यारा सुरंग हादसा: 40 श्रमिकों को को बचाने में लगी अमेरिकी ऑगर मशीन कर रही चमत्कार, ड्रिलिंग जारी

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41 workers are trapped in the tunnel

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उत्तरकाशी। उत्तराखंड के यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग के एक हिस्से के ढहने से पिछले चार दिनों से उसके अंदर फंसे 40 श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए दिल्ली से लाई गई भारी अमेरिकी ऑगर मशीन से गुरुवार को ड्रिलिंग शुरू कर दी गई। ड्रिलिंग के बाद स्टील के बड़े व्यास वाले पाइपों से ‘एस्केप टनल’ तैयार की जा रही है।

एक से दो दिन लग सकते हैं

ऑगर मशीन से ड्रिलिंग का काम शुरू हो गया, लेकिन शाम तक केवल डेढ़ पाइप ही मलबे में डाला जा सका है। एलाइनमेंट का भी विशेष ध्यान रखने के कारण पाइपों की वेल्डिंग में एक से डेढ़ घंटे का समय लग रहा है। सुरंग में करीब 60 से 70 मीटर तक मलबा फैला हुआ है। इससे यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि रेस्क्यू कार्य में एक से दो दिन का समय और लग सकता है।

तबीयत बिगड़ी तो पाइप से दवा भेजी

वहीं मंगलवार देर रात सुरंग के अंदर एक मजदूर की तबीयत खराब होने लगी। मजदूर को चक्कर आने और उल्टी होने की सूचना मिलने से बाकी मजदूर घबरा गए। इसके बाद डॉक्टरों की सलाह पर मजदूर को पाइप के जरिये दवा भेजी गई।

कुछ मजदूरों में बुखार, बदन दर्द और घबराहट की शिकायतें हैं। उनके लिए भी दवाएं और उनको कैसे लेना है इसके लिए एक पर्चा साथ में भेजा गया। मजदूरों की हालत बिगड़ने की सूचना पर उनके साथियों ने हंगामा भी किया।

फंसे लोगों को बचाने की मुहिम

सिलक्यारा सुरंग के एक हिस्से के ढहने से पांच दिनों से फंसे 40 मजदूरों को बाहर निकालने की कोशिशें तेज कर दी गई हैं। दिल्ली से लाई गई अमेरिकी ऑगर मशीन से गुरुवार को ड्रिलिंग शुरू कर दी गई।

ड्रिलिंग के बाद स्टील के बड़े व्यास वाले पाइपों से एक एस्केप टनल तैयार की जाएगी ताकि मजदूरों को बाहर निकाला जा सके। सुरक्षाकर्मियों ने सुरंग के 200 मीटर क्षेत्र को आम लोगों और मीडिया की आवाजाही के लिए प्रतिबंधित कर दिया है। मजदूरों को सुरंग में फंसे हुए 100 से अधिक घंटे हो गए हैं।

दिल्ली से पहुंची मशीन से काम शुरू

कुछ मजदूरों की तबीयत खराब होने की भी खबर है। हालांकि मजदूरों को हर आधा घंटे में खाद्य सामग्री भेजी जा रही है। उन्हें ऑक्सिजन, बिजली, दवाएं और पानी भी पाइप के जरिए लगातार पहुंचाया जा रहा है।

उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रति घंटे पांच से सात मीटर भेदन क्षमता वाली मशीन जल्दी ही सुरंग के अंदर फंसे मजदूरों तक पहुंच जाएगी। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार ने प्रदेश में सभी निर्माणाधीन सुरंगों की समीक्षा करने का फैसला लिया है।

अंदर फंसे शख्स ने बताया, सब सुरक्षित हैं

सिलक्यारा पहुंचे प्रदेश के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने कहा कि सुरंग में फंसे सभी मजदूर सुरक्षित हैं और उनसे लगातार बातचीत हो रही है। सुरंग में फंसे झारखंड निवासी 22 साल के महादेव ने अपने मामा से बातचीत की।

महादेव ने कहा कि वह और उसके सभी साथी सुरक्षित हैं। सुरंग में फंसे महादेव का अपने मामा से बातचीत का ऑडियो भी सामने आया है। चारधाम ऑल वेदर सड़क परियोजना के तहत निर्माणाधीन सुरंग का सिलक्यारा की ओर से 30 मीटर का हिस्सा ढह गया था। तब से 40 मजदूर उसके अंदर फंसे हुए हैं।

उत्तरकाशी की सिलक्यारा सुरंग के एक हिस्से के ढहने से फंसे 40 मजदूरों को निकालने के लिए दिल्ली से एयरफोर्स के विमानों से एक भारी ऑगर मशीन चिन्यालीसौड़ भेजी गई। बताया जा रहा है कि राज्य सरकार के अनुरोध पर पीएमओ के आदेश पर सेना की अति आधुनिक ऑगर मशीन उपलब्ध कराई गई है। इन मशीनों को ग्रीन कॉरिडोर बनाकर घटनास्थल के लिए रवाना कर दिया गया है।

भूस्खलन के चलते खलल भी पड़ा

बताया गया कि ऑगर मशीन के हिस्सों की पहली खेप सिलक्यारा सुरंग पर पहुंच गई है। इस रेस्क्यू ऑपरेशन में अब नॉर्वे और थाईलैंड की विशेष टीमों की मदद भी ली जा रही है। सुरंग में मंगलवार रात को ताजा भूस्खलन के चलते एस्केप टनल बनाने के लिए की जा रही ड्रिलिंग को रोकना पड़ा था।

इसके बाद ड्रिलिंग के लिए लाई गई ऑगर मशीन भी खराब हो गई थी जिससे बचाव काम बाधित हुआ था। अधिकारियों ने बताया कि नई ऑगर मशीन से ड्रिलिंग शुरू करने से पहले सिलक्यारा सुरंग के बाहर पूजा भी की गई।

केंद्रीय नागर विमानन, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्य मंत्री जनरल (सेवानिवृत्त) वी के सिंह ने सिलक्यारा पहुंचकर सुरंग में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए चलाए जा रहे बचाव अभियान का निरीक्षण किया।

इससे पहले मंगलवार देर रात मलबे की ड्रिलिंग के दौरान भूस्खलन होने व मिट्टी गिरने से काम को बीच में रोकना पड़ा था। बाद में ऑगर मशीन भी खराब हो गई थी। इसके बाद भारतीय वायु सेना के सी 130 हरक्यूलिस विमानों के जरिए 25 टन वजनी, अत्याधुनिक, बड़ी ऑगर मशीन दो हिस्सों में दिल्ली से उत्तरकाशी पहुंचाई गई।

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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का किया उद्घाटन

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देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का उद्घाटन किया। नीति आयोग, सेतु आयोग और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से राजधानी देहरादून में दून विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय कौशल एवं रोज़गार सम्मलेन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं प्रदेश के युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं को बेहतर रोजगार मुहैया कराने की दिशा में सकारात्मक कदम उठा रही है।

कार्यक्रम में कौशल विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा ने इसे सरकार की ओर से युवाओं के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड के तमाम बेरोजगार युवाओं को रोजगार देना है। मुख्यमंत्री ने कहा, “निश्चित तौर पर इस कार्यशाला में जिन विषयों पर भी मंथन होगा, उससे बहुत ही व्यावहारिक चीजें निकलकर सामने आएंगी, जो अन्य युवाओं के लिए समृद्धि के मार्ग प्रशस्त करेगी। हमें युवाओं को प्रशिक्षण देना है, जिससे उनके लिए रोजगार की संभावनाएं प्रबल हो सकें, ताकि उन्हें बेरोजगारी से निजात मिल सके।

उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में स्किल डेवलपमेंट का विभाग खोला था, ताकि अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार मिल सके। इसके अलावा, वो रोजगार खोजने वाले नहीं, बल्कि रोजगार देने वाले बनें। अगर प्रदेश के युवा रोजगार देने वाले बनेंगे, तो इससे बेरोजगारी पर गहरा अघात पहुंचेगा। ” उन्होंने कहा, “हम आगामी दिनों में अन्य रोजगारपरक प्रशिक्षण युवाओं को मुहैया कराएंगे, जो आगे चलकर उनके लिए सहायक साबित होंगे।

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