अन्तर्राष्ट्रीय
श्रीलंका संकट: राष्ट्रपति आवास में घुसे प्रदर्शनकारी, भाग खड़े हुए गोतबाया राजपक्षे
कोलंबो। श्रीलंका में जारी आर्थिक संकट के बीच जनता अब उग्र हो गई है। देश में तेल और बाकी जरूरत के सामान की कमी के बीच लोग एक बार फिर सड़कों पर हैं। प्रदर्शनकारियों की भीड़ ने शनिवार को राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे के आवास का घेराव कर लिया।
न्यूज एजेंसी एएफपी के मुताबिक, ये प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति के घर में घुसने की कोशिश करने लगे, जिसके बाद राजपक्षे अपना आवास छोड़कर भाग खड़े हुए। बताया गया है कि कुछ प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति आवास के परिसर तक घुस आए थे। इसके बाद सुरक्षाबलों ने राष्ट्रपति को आवास से बाहर निकाल कर सुरक्षित स्थान तक पहुंचाया।
श्रीलंका के एक टीवी चैनल सिरासा टीवी की ओर से जारी फुटेज में तो भीड़ को राष्ट्रपति आवास के अंदर घुसते भी देखा जा सकता है। हालांकि, सुरक्षाबल पानी की बौछारों और आंसू गैस के गोले छोड़कर भीड़ को तितर-बितर करने की कोशिश करती रही।
गौरतलब है कि श्रीलंका पिछले कई महीनों से आर्थिक संकट से जूझ रहा है। पूरे देश में खाने से लेकर ईंधन तक की कमी पैदा हो गई है। यहां तक कि घरों में बिजली तक सिर्फ कुछ ही घंटों के लिए आ रही है। श्रीलंका के लगातार घटते विदेशी मुद्रा भंडार की वजह से वह मेडिकल से जुड़े जरूरी सामान तक नहीं आयात कर पा रहा है।
अन्तर्राष्ट्रीय
14 जनवरी को अपना आखिरी भाषण देंगे जो बाइडेन
अमेरिका। अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडेन आगामी 14 जनवरी को अपना आखिरी भाषण देंगे। यही उनका विदाई भाषण भी होगा। इसके लिए ह्वाइट हाउस ने तैयारी शुरू कर दी है। नव निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह से पांच दिन पहले यानि बुधवार को ओवल ऑफिस से बाइडेन का यह विदाई भाषण होगा। बीस जनवरी को पद छोड़ने से पहले यह राष्ट्रपति के तौर पर अमेरिकियों और दुनियाभर के लोगों के लिए बाइडेन का यह अंतिम भाषण होगा, जो रात आठ बजे आरंभ होगा।
इससे पहले बाइडेन सोमवार को विदेश मंत्रालय में अपने कार्यकाल की विदेश नीति पर केंद्रित एक भाषण देंगे। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव केरिन जीन-पियरे ने शुक्रवार को संवाददाताओं को बताया कि बाइडेन सोमवार को अपने भाषण में ‘‘50 से अधिक वर्षों के अपने सार्वजनिक जीवन’’ पर बात करेंगे। राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों के बीच हुई ‘डिबेट’ में बाइडन (82) का प्रदर्शन कुछ खास नहीं था, जिसके बाद से उनकी ही पार्टी के सदस्य बाइडेन के इस पद की दौड़ से हटने की बात करने लगे थे और अंतत: बाइडेन ने ट्रंप के खिलाफ अमेरिकी राष्ट्रपति पद की दौड़ से हटने का फैसला किया था।
बाइडेन की जगह कमला हैरिस से हुआ ट्रंप का मुकाबला
बाइडेन की पीछे हटने के बाद उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को डेमोक्रेट्स की ओर से राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया गया। इसके बाद अमेरिकियों को देश की पहली महिला राष्ट्रपति मिलने की उम्मीद भी जगी, लेकिन डोनाल्ड ट्रंप ने उन्हें चुनाव में हरा दिया। इस प्रकार ट्रंप दोबारा अमेरिका के राष्ट्रपति चुन लिए गए। हालांकि बाइडेन का दावा है कि यदि वह नैतिक दबाव में पीछे नहीं हटे होते तो ट्रंप को हरा सकते थे।
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