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प्रदेश का कौशल विकास विभाग एक नए युग में प्रवेश कर रहा है : सीएम योगी
लखनऊ। प्रदेश के युवाओं को इंडस्ट्री और बाजार की डिमांड के अनुसार अपना कौशल निखारने के लिए अब कहीं और नहीं भटकना पड़ेगा। प्रदेश का कौशल विकास विभाग आज से एक नए युग में प्रवेश कर रहा है। हमारी सरकार ने इंडस्ट्री 4.0 के हिसाब से हमारी युवा शक्ति को अपग्रेड करने के लिए आज टाटा टेक्नोलॉजीज के साथ प्रदेश के 150 आईटीआई को अपग्रेड करने के लिए पांच हजार करोड़ से ज्यादा का एमओए साइन किया है। इस मेमोरेंडम ऑफ एग्रीमेंट (एमओए) के साथ प्रदेश के युवाओं के कौशल को निखारने के लिए नया मंच मिलेगा। ये बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को 5 कालीदास मार्ग पर आयोजित टाटा टेक्नोलॉजी के साथ एमओए के आदान-प्रदान के दौरान अपने उद्बोधन में कही।
समय के साथ अपने स्किल को करना होगा अपग्रेड : योगी
उन्होंने कहा कि ये एमओए न केवल राज्य के युवाओं के स्किल डेवलप करने में मददगार होगा, बल्कि टाटा टेक्नोलॉजीज के कार्यक्रमों को भी आगे बढ़ाने में सहायक साबित होगा। सीएम योगी ने युवाओं का आह्वान करते हुए कहा कि हमें समय के साथ अपने स्किल को अपग्रेड करना होगा। तेजी से बदल रही दुनिया में तकनीकी स्तर पर व्यापक बदलाव हुए हैं, मगर प्रदेश के आईटीआई को कभी अपग्रेड करने के बारे में नहीं सोचा गया। हम अगर नई टेक्नोलॉजी के साथ नहीं चले तो निश्चित रूप से पिछड़ जाएंगे। हमें समय के साथ चलते हुए नई तकनीक से जुड़े प्रशिक्षण कार्यक्रमों से भी जुड़ना होगा, इसलिए प्रदेश सरकार आज टाटा टेक्नोलॉजीज के साथ ₹5472 करोड़ रुपये का एमओए साइन कर रही है। मुख्यमंत्री ने बताया कि ये बड़ा बदलाव है। इसके बाद हमारे आईटीआई की प्रयोगशालाएं, इक्विपमेंट तो अपग्रेड होंगी ही साथ ही साथ टाटा टेक्नोलॉजीज के अच्छे प्रशिक्षक भी प्रदेश की आईटीआई को मिलेंगे। इससे प्रति वर्ष 35 हजार युवाओं को प्रशिक्षित करने के साथ ही उन्हें टाटा तथा देश विदेश के प्रतिष्ठित संस्थानों में नौकरी मिल सकेगी।
उल्लेखनीय है कि टाटा टेक्नोलॉजीज की ओर से प्रदेश में संचालित होने वाले 150 राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) को उन्नत मशीनरी और इक्विपमेंट से अपग्रेड करने का कार्य शुरू होगा। योगी सरकार और टाटा ग्रुप के बीच हुए इस करार के बाद प्रतिवर्ष प्रदेश के 35 हजार युवाओं को लाभ होगा और वो भारत ही नहीं बल्कि वैश्विक स्तर पर मौजूदा इंडस्ट्री 4.0 की डिमांड के हिसाब से स्किल और रोजगार हासिल कर सकेंगे। पूरे प्रोजेक्ट की लागत का 87 प्रतिशत अंश टाटा टेक्नोलाजी लिमिटेड द्वारा तथा 12 प्रतिशत अंश राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।
भारत की आत्मनिर्भरता का रास्ता उत्तर प्रदेश से जाता है : कपिल देव अग्रवाल
इस मौके पर व्यवसायिक शिक्षा और कौशल विभाग के राज्य मंत्री, स्वतंत्र प्रभार, कपिल देव अग्रवाल ने कहा कि सीएम योगी के नेतृत्व में पिछले 6 वर्ष में उत्तर प्रदेश की छवि देश और दुनिया में बदली है। 150 राजकीय आईटीआई के उन्नयन हेतु टाटा टेक्नोलॉजी प्रदेश में 5 हजार 472 करोड़ रूपया का निवेश कर रहा है। इससे प्रदेश के हर साल 35 हजार छात्र ट्रेंड होंगे। भारत की आत्मनिर्भरता का रास्ता उत्तर प्रदेश से जाता है और बिना कौशल विकास के उत्तर प्रदेश आत्मनिर्भर नहीं हो सकता है।
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काम के घंटो को लेकर छिड़ी बहस महिंद्रा समूह के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने दिया अपना बयान
नई दिल्ली। महिंद्रा समूह के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने शनिवार को काम की क्वालिटी पर ध्यान देने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि काम की क्वालिटी पर ध्यान दें उसकी मात्रा पर नहीं, क्योंकि 10 घंटे में दुनिया बदल सकती है। उन्होंने यह बयान राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय युवा महोत्सव के दौरान दिया, जब उन्हें लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी) के अध्यक्ष एस. एन. सुब्रह्मण्यन के सप्ताह में 90 घंटे काम करने पर किए गए बयान को लेकर सवाल किया गया। पिछले वर्ष, इंफोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति ने भी यह कहकर एक बहस छेड़ दी थी कि युवाओं को सप्ताह में 70 घंटे काम करने के लिए तैयार रहना चाहिए।
दरअसल, एस. एन. सुब्रह्मण्यन ने कुछ दिन पहले टिप्पणी की थी कि कर्मचारियों को सप्ताह में 90 घंटे काम करना चाहिए और रविवार को भी छुट्टी नहीं लेनी चाहिए। इस टिप्पणी से सोशल मीडिया पर बहस शुरू हो गई थी। उनका कहना था, “आप अपनी पत्नी को कितनी देर तक निहार सकते हैं?” इस टिप्पणी से कई लोग असहमत हो गए थे। हालांकि, आनंद महिंद्रा ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इस बहस का ध्यान सिर्फ काम की मात्रा पर केंद्रित किया जा रहा है, जबकि असल मुद्दा काम की गुणवत्ता का है।
“काम की गुणवत्ता सबसे जरूरी”
उन्होंने ने कहा, “मेरा कहना है कि हमें काम की गुणवत्ता पर ध्यान देना चाहिए, न कि काम की मात्रा पर। चाहे आप 40 घंटे, 70 घंटे या 90 घंटे काम करें, यदि आप 10 घंटे में दुनिया बदल सकते हैं, तो वही महत्व रखता है। काम की गुणवत्ता सबसे जरूरी है।” महिंद्रा ने कहा कि उनक हमेशा से मानना रहा है कि आपकी कंपनी में ऐसे लोग होने चाहिए जो समझदारी से निर्णय लें। तो सवाल यह है कि किस तरह का मस्तिष्क सही निर्णय लेता है? उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि एक ऐसा मस्तिष्क होना चाहिए जो समग्र तरीके से सोचता हो, जो दुनिया भर से आने वाले सुझावों के लिए खुला हो।
परिवार और मित्रों के साथ समय बिताने पर जोर
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि इंजीनियरों और एमबीए जैसी पृष्ठभूमि वाले व्यक्तियों को कला और संस्कृति का अध्ययन करना चाहिए ताकि वे बेहतर निर्णय ले सकें। महिंद्रा उन्होंने परिवार और मित्रों के साथ समय बिताने की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए कहा, “यदि आप घर पर समय नहीं बिता रहे हैं, यदि आप मित्रों के साथ समय नहीं बिता रहे हैं, यदि आप पढ़ नहीं रहे हैं, यदि आपके पास चिंतन-मनन करने का समय नहीं है, तो आप निर्णय लेने में सही इनपुट कैसे लाएंगे?”
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