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ऑफ़बीट

इस महिला के प्यार में दीवाने हो गए थे नेताजी सुभाष चंद्र बोस

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तुम मुझे खून दो मैं तुम्हे आजादी दूंगा का नारा आज भी हर भारतीय के दिलों-दिमाग पर छाया हुआ है। दरअसल यह नारा उस दौर का था जब भारत अंग्रेजों की गुलामी की जंजीरों में जकड़ा हुआ था। तब नेताजी का यह नारा उस समय हर भारतीय के लिए उम्मीद की नई रोशनी लेकर सामने आया था। आजादी के इस जन नायक सुभाषचंद्र बोस का आज जन्मदिन है।

सुभाषचंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी साल 1897 में हुआ था। आज भी उनके जीवन के कई राज है जो हम और आप नहीं जानते हैं। बहुत कम लोग जानते हैं कि नेताजी सुभाषचंद्र्र बोस एक महिला को अपना दिल दे बैठे थे।

आजादी के कुछ सालों बाद जब नेताजी के पत्र प्रकाशित हुए तब जाकर लोगों को नेताजी के जीवन से जुड़े कुछ अहम पहलू के बारे में जानकारी मिली।

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साल 1934 की बात है जब ब्रिटिश सरकार ने नेताजी को भारत से निर्वासित किया तो तब नेताजी यूरोप चले गए थे। वहां ब्रिटिश सरकार के खिलाफ नेताजी आजादी की लड़ाई लड़ रहे थे।

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वहां से वह अपने साथियों को पत्र लिखते थे। उस जमाने में टाइपिंग की जरूरत हुआ करती थी,उसी दौरान टाइपिंग के लिए उन्हें एक सहायक की जरूरत पड़ी। तब नेताजी के एक दोस्त ने मिस एमिली शांक्ले से उन्हें मिलवाया। नेताजी ने एमिली को नौकरी पर रख लिया। धीरे-धीरे दोनों के बीच नजदकियां बढ़ गई।

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एक दूसरे के बीच प्रति आकर्षत हुए तो दोनों के बीच प्यार भी हो गया। बाद में नेताजी सुभाष चंद्र्र बोस हिन्दुस्तान वापस आ गए थे पर व्यस्तता के बावजूद वह समय निकालकर एमिली को पत्र लिखते रहते थे। उनके पत्र के अनुसार तुम पहली महिला हो, जिससे मैंने प्यार किया।

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भगवान से यही चाहूंगा कि तुम मेरे जीवन की आखिरी स्त्री भी रहो, मैंने कभी नहीं सोचा था कि एक महिला का प्यार मुझको बांध भी सकेगा।

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इससे पहले बहुतों ने मुझे प्यार करने की कोशिश की लेकिन मैंने किसी की ओर नहीं देखा पर तुमने मुझे अपना बना ही लिया। इतिहास से मिली जानकारी के अनुसार नेताजी ने एमिली के साथ शादी भी कर ली थी। हालांकि इसकों लेकर अभी भी कुछ नहीं कहा जाता है।

उत्तर प्रदेश

संभल में 46 साल बाद खुले मंदिर के कुएं से निकली माता पार्वती की खंडित मूर्ति

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संभल। उत्तर प्रदेश के संभल में बिजली चोरी के खिलाफ अभियान चला रहे प्रशासन को बीते दिनों करीब 46 साल से बंद पड़ा मंदिर मिला था। यह मंदिर उसी इलाके में है, जहां हिंसा हुई थी और लंबे समय से बंद था। इस हिंदू मंदिर में पहले महादेव की मूर्ति निकली।

उसके बाद मंदिर के प्रांगण में स्थित कुएं की खुदाई की गई। इसके बाद इस मंदिर से मां पार्वती की खंडित प्रतिमा बरामद की गई है। फिलहाल पुलिस ने इस प्रतिमा को अपने कब्जे में ले लिया है और जांच-पड़ताल शुरू कर दी है। हालातों को देखते हुए इलाके में भारी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया है।

बता दें कि संभल के नखासा थाना इलाके के मोहल्ला ख़ग्गू सराय में स्थित शिव मंदिर के कपाट खुलने के बाद खुद पुलिसकर्मियों ने मूर्तियों की सफाई की थी। इस दौरान हर-हर महादेव के जयकारों से पूरा आसमान गूंज उठा था। 46 साल बाद खुले मंदिर में पूजा शुरू कर दी गई है। आज भी बड़ी संख्या में भक्त जलाभिषेक करने पहुंचे थे।

ये शिव मंदिर सपा सांसद ज़ियाउर्रहमान बर्क के घर से कुछ ही दूरी पर स्थित है। इस शिव मंदिर पर प्राचीन महादेव मंदिर लिख दिया गया है और मंदिर परिसर में मिले कुएं की खुदाई भी की जा रही है।

बताया जा रहा है कि प्रशासन अब इस मंदिर की कार्बन डेटिंग कराएगा. इसके लिए जिला प्रशासन ने भस्म शंकर मंदिर, शिवलिंग और वहां मिले कुएं की कार्बन डेटिंग कराने के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को एक पत्र लिखा है. इस जांच के जरिए प्रशासन इस बात की जानकारी प्राप्त करेगा कि ये मंदिर और इसकी मूर्ति कितनी पुरानी हैं.

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