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उत्तर प्रदेश

आतंकवाद और सिंध नदी का जल प्रवाह साथ-साथ नहीं चल सकताः सीएम योगी

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जम्मू |  उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हम लोग बचपन में गाते रहे हैं कि ”बिना सिंध के हिंद कहां है, रावी बिन पंजाब नहीं, गंगा आखिर खुश हो कैसे, जब तक संग चिनाब नहीं।” भारत सरकार ने 1960 के सिंधु बंटवारे की समीक्षा का आदेश देते हुए टो टूक कहा है कि ‘वॉटर एंड टेरिरिज्म डोंट फ्लो टूगेदर’ यानी आतंकवाद और सिंध नदी का जल प्रवाह साथ-साथ नहीं चल सकता। अभी तक पाकिस्तान के हाथों में कटोरा आया है, अब वह एक-एक बूंद पानी के लिए तरसने वाला है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दूसरे दिन भी जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव अभियान में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशियों के प्रचार में पहुंचे। शुक्रवार को उन्होंने रामनगर से उम्मीदवार सुनील भारद्वाज, उधमपुर ईस्ट से प्रत्याशी रणवीर सिंह पठानिया, कठुआ से प्रत्याशी भारत भूषण, किश्तवाड़ से उम्मीदवार शगुन परिहार के लिए कमल खिलाने की अपील की। सीएम योगी को देखने-सुनने के लिए दोनों जनसभा में जबर्दस्त भीड़ उमड़ी।

न ढकने के लिए कफन मिलेगा और न ही दो गज जमीन नसीब होगी

सीएम योगी ने कहा कि पाकिस्तान आज दो कारणों से परेशान है। पहला तो वह अपने कर्मों की सजा भुगत रहा है। बलूचिस्तान कहता है कि हमें पाकिस्तान में नहीं रहना है, क्योंकि वहां की हुकूमत हमें विदेशी कहती है। पाक अधिकृत कश्मीर भी कहता है कि हमें अब पाकिस्तान हुकूमत नहीं चाहिए। भूखों मरने से अच्छा है कि जम्मू-कश्मीर का हिस्सा बनकर अखंड भारत के सपनों को साकार बनाने में सहभागी बनेंगे। सीएम ने चेतावनी दी कि पाकिस्तान की शह पर आतंक फैलाने वालों को न ढकने के लिए कफन मिलेगा और न ही दफन करने के लिए दो गज जमीन ही नसीब होगी। पाकिस्तान परस्त आतंकी जानते हैं कि आतंकवाद की कीमत किस रूप में चुकानी पड़ेगी। तीन भागों में बंट जाएगा, पाकिस्तान का अता-पता नहीं चलेगा।

यूपी की तरह ही जम्मू-कश्मीर भी विकास का हकदार

सीएम योगी ने कहा कि डबल इंजन सरकार की ताकत का उदाहरण उत्तर प्रदेश में देखा जा सकता है, जहां 500 वर्ष बाद अयोध्या धाम में रामलला विराजमान हो गए। कुछ लोग कहते थे कि राम मंदिर बना तो खून की नदियां बहेंगी। हमने कहा कि नए भारत में खून की नदियां नहीं बहती हैं, बल्कि यह अपनी सुरक्षा करना जानता है। सीएम योगी ने कहा कि साढ़े सात वर्ष में यूपी में एक भी दंगा नहीं हुआ। यूपी की तरह ही जम्मू-कश्मीर भी विकास का हकदार है।

‘तिकड़ी’ ने धरती के स्वर्ग को मजहबी उन्माद के पाप का वेयर हाउस बना दिया

सीएम योगी ने कहा कि कांग्रेस, पीडीपी व नेशनल कॉन्फ्रेंस ने धरती के स्वर्ग को मजहबी उन्माद के पाप का वेयर हाउस बनाकर जनता का शोषण किया। इन लोगों ने राजनीतिक स्वार्थ के लिए आतंकवाद, भ्रष्टाचार को पनपाया, लेकिन अब 370 व 35 ए को हटाने के साथ ही जम्मू-कश्मीर में विकास तेजी से बढ़ गया है। टेरेरिस्ट स्टेट से टूरिज्म स्टेट बन गया है। जम्मू-कश्मीर में देश का सबसे बड़ा और ऊंचा ब्रिज बन रहा है तो वंदे भारत जैसी विश्व स्तरीय ट्रेन भी जम्मू से दिल्ली तक शुरू हुई है। नेकां. कांग्रेस व पीडीपी ने युवाओं को तमंचा थमाया था, लेकिन पीएम मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार टैबलेट देकर नौजवानों को रोजगार दे रही है।

फिर से आतंकवाद का दौर लाना चाहती है कांग्रेस, पीडीपी व नेकां

सीएम योगी ने कहा कि जो लोग कहते हैं कि हमारी सरकार आएगी तो 370 बहाल करेंगे यानी यह लोग फिर से आतंकवाद, परिवारवाद, भ्रष्टाचार के पुराने दौर को लाना चाहते हैं। इन्हें शांति-सौहार्द व विकास नहीं, बल्कि सत्ता चाहिए, लेकिन इन तीनों दल के लिए यहां जगह नहीं है। जनता तिकड़ी को विदा करने का संकल्प ले चुकी है। सत्ता मिलने पर कांग्रेस, नेकां व पीडीपी के नेता 12 में से 8 महीने यूरोप-इंग्लैंड और तीन महीने दिल्ली रहते थे। आखिर एक महीने में जम्मू का विकास कैसे होगा।

तिकड़ी ने अराजकता, भ्रष्टाचार, परिवारवाद और आतंकवाद को बढ़ाया

सीएम योगी ने कहा कि कांग्रेस, नेकां व पीडीपी की तिकड़ी ने यहां अराजकता, भ्रष्टाचार, परिवारवाद और आतंकवाद को बढ़ाया। बकरवाल, गुज्जर, दलित, वाल्मीकि समाज के लोगों को हक से वंचित कर रखा था। वहीं भाजपा पीएम मोदी के नेतृत्व में उनके जीवन में परिवर्तन ला रही है। यूपी में अयोध्या इंटरनेशनल एयरपोर्ट का नाम महर्षि वाल्मीकि के नाम पर रखा गया। पीएम मोदी के नेतृत्व में 80 करोड़ लोगों को भारत में फ्री में राशन मिल रहा है तो वहीं पाकिस्तान भीख का कटोरा लेकर घूम रहा है।

कांग्रेस ने हालात नहीं बदला, बल्कि बदहाल कर दिया

सीएम योगी ने कहा कि कांग्रेस कहती है कि हाथ बदलेगा हालात, लेकिन हाथ ने हालात को बदहाल किया है। उन्होंने अपील की कि जम्मू-कश्मीर में भाजपा की डबल इंजन सरकार बनवाइए। सुरक्षा-विकास पाइए और अटल जी के अखंड भारत के सपने को साकार कीजिए।

धारा-370 के पापों की जड़ है कांग्रेस

सीएम योगी ने कहा कि कठुआ वही जनपद है, जहां 1952 में कांग्रेस सरकार द्वारा बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर की भावनाओं के विरुद्ध संविधान में धारा-370 जुड़ने के खिलाफ भारतीय जनसंघ के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के लोकतांत्रिक विरोध के फलस्वरूप यातना दी गई थी। यहां की आवाज को दबाने का कार्य हुआ था। सीएम योगी ने कहा कि धारा- 370 कांग्रेस के पापों की जड़ है। जम्मू-कश्मीर ने विभाजन की त्रासदी, आतंकवाद, पलायन, उपेक्षा को झेला। पीएम मोदी का नेतृत्व मिला तो श्यामा प्रसाद मुखर्जी का सपना पूरा हुआ। भाजपा व जनसंघ का हर कार्यकर्ता नारा लगाता था कि जहां हुए बलिदान मुखर्जी, वह कश्मीर हमारा है। 370 हटते ही जम्मू-कश्मीर विकास की मुख्य धारा से जुड़ गया है। आज यहां सामूहिक नरसंहार नहीं, बल्कि जी-20 के सम्मेलन हो रहे हैं। हर हाथ को काम और हर खेत को पानी मिल रहा है।

सभी जनसभाओं में केंद्रीय मंत्री व उधमपुर के सांसद डॉ. जितेंद्र सिंह, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र रैना, उत्तराखंड के मंत्री धन सिंह रावत आदि मौजूद रहे।

उत्तर प्रदेश के नहीं, उत्तम प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं योगी महराजः जितेंद्र सिंह

केंद्रीय मंत्री व उधमपुर के सांसद जितेंद्र सिंह ने जनसभाओं में कहा कि योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश नहीं, उत्तम प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं। उन्होंने उत्तर प्रदेश को न सिर्फ उत्तम प्रदेश बना दिया, बल्कि वहां के कानून व्यवस्था को भी सुदृढ़ कर दिया। पूरा हिंदुस्तान उत्तम प्रदेश की मिसाल देता है। योगी आदित्यनाथ लाखों, करोड़ों हिंदुस्तानियों के आदर्श बन चुके हैं। जो जैसे समझता है, उसे वैसे ही समझाते हैं। यह महाराज भी हैं, मंत्रोच्चार भी करते हैं और यदि कोई जमीन हड़पता है तो बुलडोजर भी चलाते हैं। खराब मौसम के बावजूद सीएम योगी अपना वादा पूरा कर यहां आए। यहां ऐसे शख्सियत आए हैं, जिन्होंने पीएम मोदी के दिशानिर्देश में राम मंदिर का निर्माण कराया है।

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उत्तर प्रदेश

योगी सरकार ने पीड़ित एससी/एसटी परिवारों के लिए आवंटित किए 1400 करोड़ से अधिक रुपये

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लखनऊ | योगी सरकार अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (एससी/एसटी) के अधिकारों व हितों की रक्षा के लिए निरंतर प्रयत्नशील है। योगी सरकार ने हत्या, बलात्कार, सामूहिक बलात्कार की पीड़िताओं को साढ़े सात वर्ष में 1447 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता दी है। यह सहायता अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण अधिनियम, 1989) और नागरिक अधिकार संरक्षण (पीसीआर) अधिनियम के तहत प्रदान की जाती है। अपराध की गंभीरता के आधार पर वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि पीड़ितों और उनके परिवारों को जरूरत पर सरकार की तरफ से मदद मिले। केंद्र सरकार के नियमों के अनुसार यह सहायता 85,000 रुपये से 8.25 लाख रुपये तक होती है।

पीड़ितों को समय पर आवश्यक वित्तीय सहायता प्रदान करती है प्रदेश सरकार

समाज कल्याण विभाग के निदेशक कुमार प्रशांत ने बताया कि राज्य सरकार का उद्देश्य पीड़ितों और उनके परिवारों को समय पर आवश्यक वित्तीय सहायता प्रदान करना है, जिससे न्यायिक प्रक्रिया के दौरान उन्हें सहायता मिल सके। इस पहल के तहत सरकार यह सुनिश्चित करती है कि परिवारों को जांच और परीक्षण के महत्वपूर्ण बिंदुओं के आधार पर आवश्यक सहायता मिले।

जनपद स्तर पर जिलाधिकारी व तहसील स्तर पर एसडीएम की अध्यक्षता में गठित है समिति

विभिन्न अपराधों से पीड़ित एससी-एसटी की महिलाओं को न्याय मिले। इसके लिए जनपद स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला सतर्कता व मॉनीटरिंग समिति कार्य करती है, जबकि तहसील स्तर पर उपजिलाधिकारी की अध्यक्षता में उपखंड स्तरीय सतर्कता एवं मॉनीटरिंग समिति की व्यवस्था की गई है।

अपराध की प्रकृति के आधार पर निर्धारित की जाती है सहायता

हत्या या अत्याचार के कारण मृत्यु होने पर परिजनों को 8.25 लाख रुपये की वित्तीय सहायता मिलती है। इसमें मुआवजा दो चरणों में वितरित किया जाता है। 50 प्रतिशत राशि पोस्टमार्टम के तुरंत बाद और शेष 50 प्रतिशत औपचारिक रूप से अदालत में चार्जशीट जमा होने के बाद प्रदान की जाती है।

बलात्कार या सामूहिक बलात्कार (धारा 375, भारतीय दंड संहिता) के मामले में, पीड़ित 5.25 लाख रुपये की वित्तीय सहायता के हकदार हैं। कानूनी प्रक्रिया के दौरान यह सहायता चरणबद्ध तरीके से प्रदान की जाती है। कुल 50 प्रतिशत राशि मेडिकल जांच और मेडिकल रिपोर्ट की पुष्टि के बाद दी जाती है, 25 प्रतिशत राशि कोर्ट में चार्जशीट दाखिल होने के बाद दी जाती है और अंतिम 25 प्रतिशत राशि निचली अदालत में मुकदमा समाप्त होने के बाद दी जाती है। धारा 376 घ के तहत सामूहिक बलात्कार की पीड़िता को राज्य सरकार 8.25 लाख रुपये प्रदान करती है। इसमें 50 प्रतिशत राशि मेडिकल जांच और मेडिकल रिपोर्ट के सत्यापन के बाद दी जाती है। 25 प्रतिशत राशि कोर्ट में चार्जशीट दाखिल होने के बाद दी जाती है। अंतिम 25 प्रतिशत राशि निचली अदालत में मुकदमा समाप्त होने पर दी जाती है।

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