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उत्तराखंड

12 मई को खोले जाएंगे बद्रीनाथ धाम के कपाट

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देहरादून। श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट 12 मई 2024 को सुबह 6 बजे खोले जायंगे, जबकि गाढू घड़ा तेल 25 अप्रैल 2024 को राजमहल में पिरोया जायेगा। तेल से धाम के कपट खुलने तक हर रोज भगवान बद्री नारायण का अभिषेक किया जाता है। इसके बाद करोड़ों लोगों के इस आस्था के केंद्र के दरवाजें आम लोगों के लिए खोल दिए जाते हैं, ताकि वे दर्शन कर सकें। नरेंद्रनगर टिहरी स्थित राज दरबार में कपाट खोलने की तारीखों पर फैसला लिया गया।

बता दें कि हिन्दू धर्म में बद्रीनाथ धाम को भगवान विष्णु का निवास स्थल माना जाता है। बद्रीनाथ धाम अलकनंदा नदी के तट पर 2 पर्वतों के बीच स्थित है, जिनके नाम नर और नारायण हैं। इस धाम में भगवान विष्णु के 24 स्वरूपों में से एक नर-नारायण भगवान की पूजा की जाती है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही यात्रा शुरू हो जाएगी। चार धाम की यात्रा इस साल 10 मई को शुरू होगी, क्योंकि इस दिन अक्षय तृतीया है और चार धाम यात्रा इसी दिन शुरू करने की परंपरा है। गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट 10 मई को खुलेंगे। इसके बाद ही बद्रीनाथ के कपाट खोलने की परंपरा है और हर साल बद्रीनाथ के कपाट खोलने की तारीख बसंत पंचमी के दिन तय की जाती है।

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उत्तराखंड

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का किया उद्घाटन

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देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का उद्घाटन किया। नीति आयोग, सेतु आयोग और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से राजधानी देहरादून में दून विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय कौशल एवं रोज़गार सम्मलेन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं प्रदेश के युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं को बेहतर रोजगार मुहैया कराने की दिशा में सकारात्मक कदम उठा रही है।

कार्यक्रम में कौशल विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा ने इसे सरकार की ओर से युवाओं के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड के तमाम बेरोजगार युवाओं को रोजगार देना है। मुख्यमंत्री ने कहा, “निश्चित तौर पर इस कार्यशाला में जिन विषयों पर भी मंथन होगा, उससे बहुत ही व्यावहारिक चीजें निकलकर सामने आएंगी, जो अन्य युवाओं के लिए समृद्धि के मार्ग प्रशस्त करेगी। हमें युवाओं को प्रशिक्षण देना है, जिससे उनके लिए रोजगार की संभावनाएं प्रबल हो सकें, ताकि उन्हें बेरोजगारी से निजात मिल सके।

उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में स्किल डेवलपमेंट का विभाग खोला था, ताकि अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार मिल सके। इसके अलावा, वो रोजगार खोजने वाले नहीं, बल्कि रोजगार देने वाले बनें। अगर प्रदेश के युवा रोजगार देने वाले बनेंगे, तो इससे बेरोजगारी पर गहरा अघात पहुंचेगा। ” उन्होंने कहा, “हम आगामी दिनों में अन्य रोजगारपरक प्रशिक्षण युवाओं को मुहैया कराएंगे, जो आगे चलकर उनके लिए सहायक साबित होंगे।

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