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उत्तर प्रदेश

गले मिलते ही रो पड़ी उमा भारती और साध्वी ऋतंभरा, मंदिर आंदोलन में निभाई थी अहम भूमिका

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Uma Bharti and Sadhvi Ritambhara cried as soon as they hugged

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अयोध्या। अयोध्या के श्रीराम मंदिर में आज सोमवार को रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह वैदिक मंत्रोच्चार के साथ संपन्न हुआ। प्राण प्रतिष्ठा समारोह में देश और दुनिया से करीब 7 हजार से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया। इस समारोह में राममंदिर आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली उमा भारती और साध्वी ऋतंभरा भी शामिल हुईं।

एक-दूसरे से गले मिलते ही रो पड़ी

उमा भारती और साध्वी ऋतंभरा एक-दूसरे के गले भी मिलीं। इस दौरान, अपने सपने को साकार होते देख दोनों एक-दूसरे से मिलते ही रो पड़ीं और नम आंखों के साथ गले मिलीं। दोनों ने एक-दूसरे को बधाई भी दी।

राम मंदिर आंदोलन में निभाई थी महत्वपूर्ण भूमिका

6 दिसम्बर 1992 को जब बाबरी मस्जिद को कारसेवकों ने विध्वंस कर दिया था, जिसके बाद इन दोनों पर भी लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, विनय कटियार, अशोक सिंघल, गिरिराज किशोर और विष्णु हरि डालमिया सहित कई प्रमुख भाजपा और संघ परिवार के नेताओं के साथ मुकदमा दर्ज हुआ था, हालांकि  30 सितंबर, 2020 को एक विशेष अदालत ने सभी को बरी कर दिया।

भगवान राम ने दिया साहस

साध्वी ऋतंभरा ने कहा कि राम मंदिर आंदोलन के समय भगवान राम ने उन्हें मंदिर के लिए लड़ाई जारी रखने का साहस और क्षमता दी थी।  उन्होंने आगे कहा कि इस समारोह में जो भी लोग शामिल हुए हैं वह सबी भाग्यशाली हैं। मैं इस भावना को शब्दों में बयां करने में सक्षम नहीं हूं।

शब्दों से परे है इसका कल्पना

उन्होंने आगे कहा कि भगवान राम का मंदिर बनना हिंदू समुदाय द्वारा दिखाए गए साहस का परिणाम है। यह कई लोगों की शहादत का परिणाम है। भगवान को अपने निवास में स्थापित करने के लिए हमने 500 सालों से अधिक समय तक संघर्ष किया और आज हमने जो सफलता हासिल की है वह शब्दों से परे है।

उत्तर प्रदेश

महाकुम्भ में दहेज प्रथा के खिलाफ उठी आवाज

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महाकुम्भ नगर। महाकुम्भ-2025 के पावन अवसर पर तीर्थराज प्रयाग में आयोजित परमार्थ निकेतन शिविर में गुरुवार को उत्तर प्रदेश की राज्यपाल, आनंदी बेन पटेल ने उपस्थिति दर्ज कराई। उन्होंने यहां राष्ट्रसंत पूज्य मोरारी बापू जी के श्रीमुख से हो रही श्रीरामचरित मानस कथा का भी श्रवण किया। इस अवसर पर आनंदी बेन पटेल ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर उनके पराक्रम और साधना को नमन किया। उन्होंने कहा कि महापुरुष अपने कार्यों और विचारों से सदैव जीवंत रहते हैं।

राज्यपाल का समाज सुधार पर संदेश

राज्यपाल ने बालिकाओं के सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए वैक्सीनेशन पर जोर दिया। उन्होंने बेटियों के स्वास्थ्य और शिक्षा को प्राथमिकता देने की अपील की। साथ ही, दहेज प्रथा के खिलाफ समाज को जागरूक करने का आह्वान किया।

पूज्य बापू का ज्ञान मार्ग

राष्ट्रसंत मोरारी बापू ने श्रीरामचरित मानस के माध्यम से श्रद्धा और आस्था का महत्व समझाया। उन्होंने कहा कि कथा, धर्म और परमार्थ का गूढ़ अर्थ प्रदान करती है। मलूकपीठाधीश्वर श्री राजेंद्र दास जी महाराज ने कहा कि श्रीरामचरित मानस, श्रीराम का सजीव चरित्र है। उन्होंने पूज्य बापू की कथा को सत्य, प्रेम और करुणा का संगम बताया।स्वामी चिदानंद सरस्वती जी ने नेताजी की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि सत्संग और कथा मन की गुलामी से आज़ादी प्रदान करती है।

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