प्रादेशिक
‘आइए चलें यूपी की ओर’ कार्यक्रम में बोले शिक्षाविद- चार सालों में यूपी सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में किए बड़े बदलाव
लखनऊ। शिक्षा और ज्ञान अनुभव का हस्तांतरण व्यक्तित्व के विकास की सतत प्रक्रिया है। यूपी में योगी सरकार आने के बाद शिक्षा का कायाकल्प हुआ। प्राथमिक शिक्षा में बीते चार सालों में सवा लाख शिक्षकों की भर्ती की गई। इससे प्राथमिक शिक्षा में बुनियादी सुधार शुरू हुए।
1.35 लाख प्राइमरी स्कूलों का कायाकल्प हुआ। मिशन प्रेरणा, अभ्युदय कोचिंग जैसी योजनाओं ने युवाओं को पंख दिए। यह विचार जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग की ओर से आयोजित श्रृंखला आइए चलें यूपी की ओर की पांचवी कड़ी में यूपी में शिक्षा की दिशाएं एवं संभावनाएं विषय पर आयोजित संगोष्ठी में जेएनयू की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. अनुजा आंनद ने व्यक्त किए।
इस अवसर पर प्रो आहूजा ने कहा कि मिशन प्रेरणा/ अभ्युदय निःशुल्क कोचिंग/ एवं कायाकल्प जैसी सरकार की तमाम योजनाएं शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कदम साबित हुई हैं । सरकार ने प्रदेश में 248 नए इंटर कॉलेज बनवाए। कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों की संख्या एवं गुणवत्ता बढ़ाए जाने से लड़कियों की शिक्षा बेहतर हुई।
शिक्षाविद् प्रो निरंजन कुमार ने कहा कि प्राथमिक विद्यालय में ड्रेस/ किताबें / बैग / पुष्टाहार जैसी आवश्यक उपादान मे तो योगी सरकार ने सुधार किया, साथ ही अध्यापकों की उपस्थिति सुनिश्चित करके इन उपादानों को सार्थक सिद्ध करने का बेड़ा भी उठाया।
उन्होंने बताया कि पहले की सरकारों मे शिक्षक की उपस्थिति उदासीन करने वाली थी। छात्रों की कक्षाएं साल भर में केवल 120 दिन चल पाती थी जबकि आज 200 दिन के करीब कक्षाएं संचालित हो रही हैं, जो सरकार की प्रतिबद्धता जाहिर करती है।
प्रोफेसर निरंजन ने बताया की योगी आदित्यनाथ बच्चों में शिक्षा को लेकर क्या बदलाव आ रहे, इसको लेकर भी सजग हैं। कमजोर बच्चो के लिए अतिरिक्त दो घंटे दिए जाने के निर्देश भी दिया गए हैं, जिसमें बच्चों को विशेष समीक्षकों द्वारा विभिन्न क्रियाकलाप करवाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके अलावा प्रो निरंजन ने नई शिक्षा नीति मे रोजगारपरक शिक्षा को महत्वपूर्ण बताया।
उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति को लेकर योगी सरकार अच्छा काम कर रही है, जिसके अंतर्गत प्रदेश सरकार ने 900 के करीब नए पॉलीटेक्निक, 305 से अधिक आईटीआई की स्थापना की। जो लाखो बच्चो को स्किल्ड करने के साथ साथ स्वरोजगार के लिए आत्मनिर्भर बना रहे हैं।
उन्होंने बताया कि तीन नए विश्वविद्यालय की आधारशिला प्रदेश सरकार द्वारा रखी जा चुकी है जिसमे कानून,आयुष, तथा प्राचीन भारतीय चिकित्सा पद्धति से छात्रों को रूबरू कराया जाएगा। प्रो.निरंजन ने शिक्षक भर्तियों मे पारदर्शिता को बनाए रखने में योगी सरकार को अव्वल बताया। उन्होंने कहा कि 4000 नए असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति मे निष्पक्षता काबिले तारीफ है। संगोष्ठी संयोजिका प्रो.पूनम कुमारी ने सभी का आभार प्रकट किया।
उत्तर प्रदेश
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के चाचा राजपाल सिंह यादव का लंबी बीमारी के बाद निधन
इटावा। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के चाचा राजपाल सिंह यादव का लंबी बीमारी के बाद गुरुवार तड़के एक प्राइवेट अस्पताल में निधन हो गया। वह 73 वर्ष के थे। यह जानकारी सपा के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव ने दी। रामगोपाल ने अपने सोशल मीडिया हैंडल X पर कहा, ‘‘मैं अत्यंत दुख के साथ ये सूचित कर रहा हूं कि मेरे अनुज राजपाल सिंह का आज सुबह चार बजे मेदांता अस्पताल, गुरुग्राम में असामयिक निधन हो गया है। उनका अंतिम संस्कार मेरे पैतृक गांव सैफ़ई में आज दोपहर बाद किया जाएगा। प्रभु उनकी आत्मा को शांति दे और उन्हें अपने श्री चरणों में स्थान दे। ओम शांति!’’
जानें राजपाल सिंह के बारे में-
राजपाल सिंह यादव दिवंगत सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के छोटे भाई थे। मुलायम सिंह यादव के परिवार के सदस्य होने के बावजूद राजपाल ने सक्रिय राजनीति से दूर रहना चुना। वह वंचितों और जरूरतमंदों की मदद के लिए जाने जाते थे। उनकी पत्नी प्रेमलता यादव जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुकी हैं और उनके बेटे अभिषेक यादव उर्फ अंशुल और आर्यन हैं। अंशुल लगातार दूसरी बार जिला पंचायत अध्यक्ष चुने गए हैं। राजपाल सिंह के पार्थिव शरीर को उनके पैतृक गांव सैफई लाया गया है, जहां गुरुवार शाम को उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
समाजवादी परिवार में शोक की लहर
समाजवादी पार्टी की ओर से सोशल मीडिया साइट एक्स पर जानकारी दी गई कि – राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सैफई में अपने चाचा स्वर्गीय राजपाल यादव के पार्थिव शरीर को नमन करते हुए उन्हें भावपूर्ण श्रद्धासुमन अर्पित किए। राजपाल के निधन से गांव में शोक की लहर है। परिवार के सभी लोग सैफई पहुंचे और राजपाल के अंतिम दर्शन किए।
मुलायम सिंह की समाधि स्थल के पास होगा अंतिम संस्कार
डॉ.रामगोपाल यादव, डिंपल यादव, शिवपाल सिंह यादव, तेज प्रताप सिंह यादव के अलावा पार्टी के कई नेता और कार्यकर्ता समेत परिवार के कई सदस्य श्रद्धांजलि देने के लिए गांव पहुंचे हैं। वहीं, राजपाल सिंह का अंतिम संस्कार स्वर्गीय मुलायम सिंह यादव की समाधि स्थल के पास में ही किया जाएगा।
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