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उत्तर प्रदेश

सीएम योगी की पहल पर उत्तर प्रदेश में 20 जुलाई को महापर्व के रूप में मनाया जाएगा ‘पेड़ लगाओ-पेड़ बचाओ जन अभियान-2024’

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लखनऊ। प्रकृति व परमात्मा की असीम कृपा वाले उत्तर प्रदेश को हरा-भरा बनाए रखने के लिए योगी सरकार की पहल पर सब मिलकर कार्य करेंगे। सीएम योगी आदित्यनाथ की पहल पर उत्तर प्रदेश में 20 जुलाई को ‘पेड़ लगाओ-पेड़ बचाओ जन अभियान-2024’ महापर्व के रूप में मनाया जाएगा। योगी सरकार ने सबका साथ और सबके प्रयास की बदौलत इस वर्ष 36.46 करोड़ पौधरोपण का लक्ष्य दिया था, जिसके सापेक्ष वन विभाग ने 36.50 करोड़ पौधरोपण व उनके संरक्षण की तैयारी की है। प्रदेश के हरित क्षेत्र को 9 से बढ़ाकर 2026-27 तक 15 फीसदी तक ले जाना है। इसके लिए जनसहयोग भी जरूरी है। वहीं प्रदेशव्यापी अभियान में सभी विभागों व मंडलों के लिए भी लक्ष्य निर्धारण किया गया है। योगी सरकार का यह भी निर्देश है कि हर किसी को उच्च गुणवत्ता के पौधे सुलभता से मिल सकें, इसके लिए भी विधिवत तैयारी हो।

विभागवार तय किया गया लक्ष्य

योगी सरकार सभी के सहयोग से इस लक्ष्य को प्राप्त करेगी। विगत वर्ष की भांति इस वर्ष भी इस लक्ष्य को प्राप्त करने के साथ ही सकुशल पौधरोपण को लेकर विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है। वन विभाग की तरफ से पहले 35 करोड़ का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन विगत दिनों हुए बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 36.46 करोड़ पौधरोपण का लक्ष्य दिया। वहीं इसे संशोधित करने के बाद वन विभाग ने 20 जुलाई को 36.50 करोड़ पौधरोपण की तैयारी की है। इसके लिए वन, पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन की ओर से 14.29 करोड़, ग्राम्य विकास विभाग को 13 करोड़, कृषि को 2.80 करोड़, उद्यान विभाग 1.55 करोड़, पंचायती राज को 1.27 करोड़, राजस्व को 1.05 करोड़, नगर विकास को 44.97 लाख, उच्च शिक्षा को 22.54 लाख, रेशम को 14.19 लाख, लोक निर्माण को 14.93 लाख, रेलवे को 12.66 लाख व जलशक्ति को 13.41 लाख, बेसिक शिक्षा को 15.43 लाख, स्वास्थ्य विभाग को 19.91 लाख, उद्योग (एमएसएमई) को 15.55 लाख, औद्योगिक विकास विभाग को 7.73 लाख, माध्यमिक शिक्षा विभाग को 11.63 लाख, गृह को 10 लाख, पशुपालन को 7.26 लाख, ऊर्जा को 5.60 लाख, सहकारिता को 7.60 लाख, आवास विकास को 8.38 लाख, रक्षा को 4.95 लाख, प्राविधिक शिक्षा को 8.06 लाख, श्रम को 2.69 लाख, परिवहन विभाग को 2.53 लाख से अधिक पौधरोपण का लक्ष्य दिया गया है।

18 मंडलों में भी लगेंगे पौधे, सर्वाधिक लखनऊ मंडल में

अभियान के तहत सभी 18 मंडलों में भी पौधे लगाए जाएंगे। सबका लक्ष्य निर्धारित कर दिया गया है। सबसे अधिक पौधे लगाने का लक्ष्य लखनऊ मंडल को दिया गया है। लखनऊ मंडल में चार करोड़ एक लाख 73 हजार से अधिक पौधे लगाए जाएंगे। कानपुर मंडल में 2.96 करोड़, चित्रकूट में 2.89 करोड़, झांसी में 2.82 करोड़, मीरजापुर में 2.62 करोड़, अयोध्या में 2.39 करोड़, देवीपाटन में 2.14 करोड़, प्रयागराज में 2.07 करोड़, बरेली में 1.91 करोड़, वाराणसी में 1.76 करोड़, मुरादाबाद में 1.83 करोड़, आगरा में 1.68 करोड़, गोरखपुर में 1.65 करोड़, आजमगढ़ में 1.30 करोड़, अलीगढ़ में 1.22 करोड़, मेरठ मंडल में 1.16 करोड़, बस्ती में 1.11 करोड़ व सहारनपुर मंडल में 90.23 लाख पौधे लगेंगे। पौधरोपण स्थलों की जियो टैगिंग भी होगी।

पौधरोपण के लिए इन भूमि का किया गया चयन

योगी सरकार ने अफसरों को निर्देश दिया है कि पौधरोपण हर जगह हो, जिससे पूरे प्रदेश में हरियाली लहलहाए। वन भूमि, ग्राम पंचायत व सामुदायिक भूमि, एक्सप्रेसवे व नहरों के आसपास, विकास प्राधिकरण औद्योगिक परिसर भूमि, रक्षा-रेलवे की भूमि, चिकित्सा संस्थान-शिक्षण संस्थान की भूमि, अन्य राजकीय भूमि, कृषकों का सहयोग लेते हुए उनकी निजी भूमि, नागरिकों की ओर से निजी परिसर में पौधरोपण कर यूपी को हरा-भरा किया जाए।

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उत्तर प्रदेश

योगी सरकार टीबी रोगियों के करीबियों की हर तीन माह में कराएगी जांच

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लखनऊ |  योगी सरकार ने टीबी रोगियों के संपर्क में रहने वाले व्यक्तियों एवं पूर्व टीबी रोगियों की स्क्रीनिंग कराने का निर्णय लिया है। यह स्क्रीनिंग हर तीन महीने पर होगी। वहीं साल के खत्म होने में 42 दिन शेष हैं, ऐसे में वर्ष के अंत तक हर जिलों को प्रिजेंम्टिव टीबी परीक्षण दर के कम से कम तीन हजार के लक्ष्य को हासिल करने के निर्देश दिये हैं। इसको लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने सभी जिला क्षय रोग अधिकारियों (डीटीओ) को पत्र जारी किया है।

लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को किया जा रहा और अधिक सुदृढ़

प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। ऐसे मेें टीबी रोगियों की युद्धस्तर पर स्क्रीनिंग की जा रही है। इसी क्रम में सभी डीटीओ डेटा की नियमित माॅनीटरिंग और कमजोर क्षेत्रों पर ध्यान देने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) का लक्ष्य टीबी मामलों, उससे होने वाली मौतों में कमी लाना और टीबी रोगियों के लिए परिणामों में सुधार करना है। ऐसे में इस दिशा में प्रदेश भर में काफी तेजी से काम हो रहा है। इसी का परिणाम है कि इस साल अब तक प्रदेश में टीबी रोगियों का सर्वाधिक नोटिफिकेशन हुआ है। तय समय पर इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को और अधिक सुदृढ़ किया गया है।

कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग से टीबी मरीजों की तेजी से होगी पहचान

राज्य क्षय रोग अधिकारी डाॅ. शैलेन्द्र भटनागर ने बताया कि टीबी के संभावित लक्षण वाले रोगियों की कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग को बढ़ाते हुए फेफड़ों की टीबी (पल्मोनरी टीबी) से संक्रमित सभी लोगों के परिवार के सदस्यों और कार्यस्थल पर लोगों की बलगम की जांच को बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग जितनी ज्यादा होगी, उतने ही अधिक संख्या में टीबी मरीजों की पहचान हो पाएगी और उनका इलाज शुरू हो पाएगा। इसी क्रम में उच्च जोखिम वाले लोगों जैसे 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों, डायबिटीज रोगियों, धूम्रपान एवं नशा करने वाले व्यक्तियों, 18 से कम बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) वाले व्यक्तियों, एचआईवी ग्रसित व्यक्तियों और वर्तमान में टीबी का इलाज करा रहे रोगियों के सम्पर्क में आए व्यक्तियों की हर तीन माह में टीबी की स्क्रीनिंग करने के निर्देश दिये गये हैं।

हर माह जिलों का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लेने के निर्देश

टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए नैट मशीनों का वितरण सभी ब्लाॅकों पर टीबी की जांच को ध्यान रखने में रखते हुए करने के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही उन टीबी इकाइयों की पहचान करने जो आशा के अनुरूप काम नहीं कर रहे हैं उनमें सुधार करने के लिए जरूरी कदम उठाने का आदेश दिया गया है। क्षेत्रीय टीबी कार्यक्रम प्रबन्धन इकाई (आरटीपीएमयू) द्वारा हर माह में जनपदों का भ्रमण करते हुए वहां की स्थिति का जायजा लेने के भी निर्देश दिए हैं।

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