मुख्य समाचार
मुख्यमंत्री योगी का निर्देश, तैयार करें नई पीपीपी नीति
लखनऊ| मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निजी क्षेत्र की ओर से पीपीपी परियोजनाओं के लिए मिल रहे उत्साहजनक प्रस्तावों को देखते हुए भविष्य के दृष्टिगत राज्य की पीपीपी नीति को और अधिक सरल और व्यवस्थित बनाने की जरूरत बताई है।
मंगलवार को एक महत्वपूर्ण बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-23 में मिले कुल निवेश प्रस्ताव में से लगभग 10% पीपीपी परियोजनाओं के संबंध में थे, जो हमारी नीति के बेहतरीन परिणाम को प्रदर्शित करता है। भविष्य की जरूरत को देखते हुए एक ऐसी नीति की आवश्यकता है, जो पीपीपी के लिए उपयुक्त परियोजनाओं के चिन्हीकरण, स्टेकहोल्डर परामर्श, विकासकर्ता के लिए बिड तैयार करने, प्रोक्योरमेंट प्रोसेस स्टेज, अनुबंध और उसके उपरांत प्रबंधन जैसे सारे विषयों को बेहतर ढंग से संपादित करता हो।
इस उद्देश्य के साथ शीघ्र ही राज्य की नई पीपीपी नीति तैयार की जाए। उन्होंने कहा कि इन्वेस्ट यूपी में एक डेडीकेटेड पीपीपी सेल भी गठित किया जाना चाहिए, जो पीपीपी फ्रेमवर्क को विकसित करके, विभागों को सलाह देकर, निजी निवेश को और सरकारी योजनाओं के साथ समन्वय करके अंतर विभागीय सहयोग को सुविधाजनक बनाकर, परियोजना कार्यान्वयन को सुव्यवस्थित करेगा।
उत्तर प्रदेश
दूसरे दिन के सर्वे के लिए ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंची, कृष्ण कूप का किया निरीक्षण
संभल। उत्तर प्रदेश के संभल में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम लगातार दूसरे दिन भी सर्वे करने पहुंची। ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंच गई है। अब यहां पर ASI की टीम सर्वे का काम कर रही है। ASI की टीम के साथ प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद हैं। आज सर्वे का काम कृष्ण कूप में किया जाना है, जो कल्कि मंदिर के मेन गेट के पास है। बताया जा रहा है कि ये कृष्ण कूप संभल के जामा मस्जिद के पास से महज 500 मीटर की दूरी पर है। कृष्ण कूप चारों तरफ दीवारों से घिरा हुआ है। इसके चारों तरफ 5 फीट ऊंची दीवार बनी हुई है। इसके साथ ही कूप के अंदर झाड़ियां और गंदगी फैली हुई है।
संभल की एसडीएम वंदना मिश्रा ने बताया कि आर्कियोलॉजी की टीम आई थी। यहां पर एक प्राचीन कृष्ण कूप है। जिसका काल निर्धारण होना है। वह कितना पुराना है। उसी का निरीक्षण किया है। टीम ने कल्की मंदिर के भी दर्शन किए हैं। यह टीम लगभग 15 मिनट यहां पर रुकी है।
कल्कि मंदिर के पुजारी महेंद्र शर्मा ने बताया कि यहां पर एक टीम आई थी। उन्होंने एक कुआं देखा। वह कोने पर है। टीम परिसर में घूमी और मंदिर के अंदर की फोटो ली। मैंने उनसे कहा कि इस कार्य को मैं पुनर्जीवित करवाना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि यह बहुत पुराना मंदिर है। एक हजार वर्ष का नक्शा, उसमें यह मंदिर दिखाया गया है। जो हरि मंदिर है उसके अन्दर यह मंदिर बना है।
ज्ञात हो कि जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने संभल के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को देखते हुए एएसआई निदेशक को पत्र भेजकर सर्वे कराने की मांग की थी। इसके बाद एएसआई की टीम ने संभल में प्राचीन धार्मिक स्थलों और कुओं का सर्वे शुरू किया। डीएम ने कहा था कि संभल का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है। 19 कूप और पांच तीर्थों का एएसआई की टीम ने सर्वे किया है। यह सर्वे करीब 9 घंटे तक चला है।
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