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उत्तराखंड

उत्तराखंड: सिलक्यारा सुरंग हादसे को लेकर अलर्ट मोड में धामी सरकार, कराएगी विस्तृत जांच

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41 workers are trapped in the tunnel

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देहरादून। उत्तरकाशी जिले के सिलक्यारा में चारधाम ऑल वेदर रोड परियोजना की निर्माणाधीन सुरंग में हुए हादसे की उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी सरकार अब विस्तृत जांच कराएगी। सिलक्यारा सुरंग में हुए हादसे ने करीब 41 जिंदगियों को मुश्किल में डाल दिया था। ये सुरंग प्रदेश के विकास का अहम भाग है, लेकिन इस हादसे के बाद अब कई सवाल उठ रहे हैं।

इन सभी सवालों के जवाब और हादसे को देखते हुए अब उत्तराखंड सरकार अलर्ट मोड में आ गई है। अब इस मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं। इस सिलसिले में पूर्व में गठित जांच समिति को प्रारंभिक रिपोर्ट लौटाते हुए उसे दोबारा सभी पहलुओं पर विस्तृत जांच कर रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है। सचिव (आपदा प्रबंधन) डा रंजीत कुमार सिन्हा ने इसकी पुष्टि की।

जांच के लिए सात सदस्यीय टीम की थी गठित

सुरंग में भूस्खलन के कारण श्रमिकों के फंसने की घटना 12 नवंबर की सुबह हुई थी। तब सरकार ने भूस्खलन के अध्ययन एवं कारणों की जांच के लिए उत्तराखंड भूस्खलन न्यूनीकरण एवं प्रबंधन के निदेशक डा शांतनु सरकार की अध्यक्षता में समिति गठित की थी।

समिति में भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण, वाडिया हिमालय भू-विज्ञान संस्थान, भारतीय सुदूर संवेदन संस्थान, भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशालय के प्रतिनिधि और उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण एवं उत्तराखंड भूस्खलन न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केंद्र के भू-वैज्ञानिक शामिल थे।

समिति ने किया था निरीक्षण

इस सात सदस्यीय समिति को सिलक्यारा जाकर घटना से जुड़े विविध पहलुओं के अलावा मलबे की मिट्टी, पत्थर के सैंपल की जांच के साथ ही सुरंग में भूस्खलन जोन के लंबवत ठीक ऊपरी सतह पर पहाड़ की स्थिति का परीक्षण कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए थे। समिति ने 13 नवंबर को सिलक्यारा जाकर जांच-पड़ताल शुरू की। साथ ही प्रारंभिक रिपोर्ट शासन को सौंप दी थी।

अब विस्तृत जांच के दिए गए आदेश

सचिव आपदा प्रबंधन डा रंजीत कुमार सिन्हा के अनुसार समिति ने जो प्रारंभिक रिपोर्ट दी है, उसमें कई बिंदुओं पर स्पष्टता नहीं है। इसे देखते हुए समिति को दोबारा सिलक्यारा सुरंग हादसे के संबंध में विस्तृत जांच करने को कहा गया है।

रेस्क्यू ऑपरेशन पर थी देश-दुनिया की नजर

सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को निकालने के लिए 17 दिन चला बचाव अभियान विश्व भर में चर्चा के केंद्र में रहा था। केंद्र एवं राज्य के बेहतर समन्वय और तमाम एजेंसियों की कड़ी मेहनत से यह अभियान सफल रहा और सभी श्रमिक सुरक्षित निकाल लिए गए।

उत्तराखंड

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का किया उद्घाटन

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देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का उद्घाटन किया। नीति आयोग, सेतु आयोग और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से राजधानी देहरादून में दून विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय कौशल एवं रोज़गार सम्मलेन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं प्रदेश के युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं को बेहतर रोजगार मुहैया कराने की दिशा में सकारात्मक कदम उठा रही है।

कार्यक्रम में कौशल विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा ने इसे सरकार की ओर से युवाओं के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड के तमाम बेरोजगार युवाओं को रोजगार देना है। मुख्यमंत्री ने कहा, “निश्चित तौर पर इस कार्यशाला में जिन विषयों पर भी मंथन होगा, उससे बहुत ही व्यावहारिक चीजें निकलकर सामने आएंगी, जो अन्य युवाओं के लिए समृद्धि के मार्ग प्रशस्त करेगी। हमें युवाओं को प्रशिक्षण देना है, जिससे उनके लिए रोजगार की संभावनाएं प्रबल हो सकें, ताकि उन्हें बेरोजगारी से निजात मिल सके।

उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में स्किल डेवलपमेंट का विभाग खोला था, ताकि अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार मिल सके। इसके अलावा, वो रोजगार खोजने वाले नहीं, बल्कि रोजगार देने वाले बनें। अगर प्रदेश के युवा रोजगार देने वाले बनेंगे, तो इससे बेरोजगारी पर गहरा अघात पहुंचेगा। ” उन्होंने कहा, “हम आगामी दिनों में अन्य रोजगारपरक प्रशिक्षण युवाओं को मुहैया कराएंगे, जो आगे चलकर उनके लिए सहायक साबित होंगे।

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