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अन्तर्राष्ट्रीय

संसद की बुनियाद हिला डालेंगे- अमेरिका में बैठे खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की गीदड़भभकी

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नई दिल्ली। खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने अमेरिका में बैठकर भारत के खिलाफ जहर उगला है। इस बार उसने कुछ ऐसा करने की धमकी दी है जो ‘संसद की बुनियाद हिला देगा।’ एक बयान में उसने कहा कि ऐसा 13 दिसंबर या उससे पहले होगा। 13 दिसंबर 2001 को भारत की संसद पर पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों ने हमला किया था।

उस सिलसिले में 2013 में फांसी पर चढ़ाए गए अफजल गुरु की फोटो लेकर पन्नू ने एक वीडियो बनाया है। यह वीडियो कथित तौर पर उसकी हत्या की ‘असफल कोशिश’ के बाद आया है। उसने ‘दिल्‍ली बनेगा खालिस्तान’ लिखी टोपी भी पहन रखी थी।

अमेरिका के साथ-साथ कनाडा की भी नागरिकता रखने वाले पन्नू की धमकी के बाद सुरक्षा बढ़ा दी गई है। अमेरिका ने हाल ही में दावा किया था कि उसने जून में पन्नू की जान लेने की (कथित तौर पर भारत से जुड़े हत्यारों की) कोशिश नाकाम कर दी थी।

निखिल गुप्ता नाम के एक भारतीय मूल के ड्रग तस्कर को अमेरिकी सरकार के कहने पर 30 जून को प्राग हवाई अड्डे पर चेक अधिकारियों ने हिरासत में लिया था। गुप्‍ता पर एक अंडरकवर पुलिसवाले के साथ काम करने और कथित रूप से पन्नू को मारने के लिए ड्रग एनफोर्समेंट एजेंसी (DEA) के एक मुखबिर को काम पर रखने का आरोप था।

अमेरिका हो या कनाडा, बेलगाम घूम रहे खालिस्तानी

गुप्ता को बाद में नवंबर के पहले हफ्ते के आसपास अमेरिकी अधिकारियों को सौंपा गया था। कुछ समय बाद न्यूयॉर्क की एक अदालत में उसके खिलाफ मुकदमा दायर किया गया। इस घटनाक्रम के बाद, खालिस्तानी तत्वों ने न्यूयॉर्क में अमेरिका में भारत के राजदूत तरनजीत सिंह संधू के साथ धक्का-मुक्की की। उन लोगों ने संधू पर अमेरिकी धरती पर पन्नू की हत्या की कथित साजिश का हिस्सा होने का आरोप लगाया।

ब्रिटेन में भारतीय उच्चायुक्त विक्रम दोराईस्वामी को स्कॉटलैंड में ऐसी ही स्थिति का सामना करने के दो महीने के भीतर हुई थी। वहां उन्हें खालिस्तान समर्थक चरमपंथियों ने गुरुद्वारे में जाने से रोक दिया गया था। वह घटना भी तब हुई जब कनाडा ने भारत पर एक और खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया था।

दो साल से बौखलाया हुआ है पन्नू

पन्नू पिछले दो साल से पूरी दुनिया में भारत के खिलाफ आक्रामक रुख अख्तियार किए हुए है। पिछले एक साल में कनाडा और ब्रिटेन में भारतीय मिशनों और वहां तैनात अधिकारियों पर खालिस्तान समर्थकों ने कई बार हमले किए। पन्नू ने ओटावा और अन्य जगहों पर भारतीय मिशनों में तैनात टॉप डिप्लोमैट्स के नाम पर ‘हत्या के पोस्टर’ भी जारी किए थे।

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने पिछले दिनों पन्नू के संगठन सिख फॉर जस्टिस (SFJ) के एक सदस्य को पकड़ा था। उसने खुलासा किया था कि पन्नू ने उसे दिल्ली हवाई अड्डे पर खालिस्तान समर्थक नारे लगाने का निर्देश दिया था। उसने 1985 के कनिष्क बम विस्फोट को दोहराने की भी धमकी दी थी।

अन्तर्राष्ट्रीय

पीएम मोदी को मिलेगा ‘विश्व शांति पुरस्कार’

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विश्व शांति पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। यह पुरस्कार उन्हें अमेरिका में प्रदान किया जाएगा। इंडियन अमेरिकन माइनॉरटीज एसोसिएशन (एआइएएम) ने मैरीलैंड के स्लिगो सेवंथ डे एडवेंटिस्ट चर्च ने यह ऐलान किया है। यह एक गैर सरकारी संगठन है। यह कदम उठाने का मकसद अमेरिका में भारतीय अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के कल्याण को प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें एकजुट करना है। पीएम मोदी को यह पुरस्कार विश्व शांति के लिए उनके द्वारा किए जा रहे प्रयासों और समाज को एकजुट करने के लिए दिया जाएगा।

इसी कार्यक्रम के दौरान अल्पसंख्यकों का उत्थान करने के लिए वाशिंगटन में पीएम मोदी को मार्टिन लूथर किंग जूनियर ग्लोबल पीस अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। इस पुरस्कार को वाशिंगटन एडवेंटिस्ट यूनिवर्सिटी और एआइएएम द्वारा संयुक्त रूप से दिया जाएगा। जिसका मकसद अस्पसंख्यकों के कल्याण के साथ उनका समावेशी विकास करना भी है।

जाने माने परोपकारी जसदीप सिंह एआइएम के संस्थापक और चेयरमैन नियुक्त किए गए हैं। इसमें अल्पसंख्यक समुदाय को प्रोत्साहित करने के लिए 7 सदस्यीय बोर्ड डायरेक्टर भी हैं। इसमें बलजिंदर सिंह, डॉ. सुखपाल धनोआ (सिख), पवन बेजवाडा और एलिशा पुलिवार्ती (ईसाई), दीपक ठक्कर (हिंदू), जुनेद काजी (मुस्लिम) और भारतीय जुलाहे निस्सिम रिव्बेन शाल है।

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