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युवा प्रतिभाओं की स्पोर्टिंग स्किल्स को महामंच देगी योगी सरकार

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ देशभर की युवा प्रतिभाओं की स्पोर्टिंग स्किल्स का जल्द ही साक्षात्कार करने जा रही है। योगी सरकार की ओर से 26 से 30 नवंबर के बीच 68वीं राष्ट्रीय विद्यालयी एथलेटिक्स अंडर-17 प्रतियोगिता-2024 का आयोजन होने जा रहा है जो पूरे देश की युवा प्रतिभाओं के लिए एक बड़ा मंच साबित होगा। गुरू गोविन्द सिंह स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में होने वाले खेलों के इस महाकुंभ में प्रतिभाग करने देशभर से प्रतिभावान खिलाड़ी आ रहे हैं। इस क्रम में, मंगलवार को लोकभवन में इस खेल प्रतियोगिता से जुड़ी ट्रॉफी और खेलों के शुभंकर सिंघा का अनावरण किया गया।

कार्यक्रम के बारे में जानकारी देते हुए अपर मुख्य सचिव (माध्यमिक शिक्षा, वित्त एवं गृह) दीपक कुमार ने बताया कि लखनऊ में होने वाली 68वीं राष्ट्रीय विद्यालयी एथलेटिक्स अंडर 17 प्रतियोगिता कई मायनों में विशिष्ट होगी। उल्लेखनीय है कि सीएम योगी के विजन अनुसार प्रदेश में खेलों को बढ़ावा देने के लिए स्पोर्ट्स फॉर स्कूल कार्यक्रम को भी शुरू किया गया है। साथ ही, प्रतिभावान खिलाड़ियों को उत्तम कोचिंग व्यवस्था उपलब्ध कराने के लिए सीएसआर फंड के जरिए विदेशी एजेंसियों की भी मदद ली जा रही है।

इंटरनेशनल लेवल के इक्विप्मेंट्स का होगा इस्तेमाल
इन गेम्स में इंटरनेशनल लेवल के इक्विप्मेंट्स का इस्तेमाल होगा। सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों से आने वाले प्रतिभागी खिलाड़ियों को ठहरने, भोजन और यातायात की उत्तम व्यवस्था उपलब्ध करायी जाएगी। उन्हें अतिथि भाव से देखते हुए उन्हें उपहार भी दिया जाएगा और यूपी के दर्शनीय स्थलों का भ्रमण भी कराया जाएगा। कुल मिलाकर, यह आयोजन राज्य के खिलाड़ियों समेत देश के विभिन्न कोनों से आने वाले खिलाड़ियों के लिए एक अविस्मरणीय अवसर बनेगा।

पूर्ण पारदर्शिता और शुचिता से होगा खेलों का आयोजन
सीएजीएफआई में पहले था ‘जिसका फील्ड उसका शील्ड’ यानी जो आयोजक होता था वह विजेता होता था, मगर उत्तर प्रदेश में होने वाले आयोजन में पूर्ण पार्दर्शिता और शुचिता के अनुसार गेम्स का आयोजन होगा।

दीपक कुमार के अनुसार, योग्यता के आधार पर विजेताओं का सम्मान होगा। राज्य के प्रतीक बारहसिंघा के आधार पर इन गेम्स का शुभंकर सिंघा को बनाया गया है। दीपक कुमार ने बताया कि इन कार्यक्रमों में वेटरन प्लेयर्स के द्वारा विजेता खिलाड़ियों को पुरस्कृत किया जाएगा। खेलों के अंतर्गत होने वाले विभिन्न इवेंट्स को यूट्यूब के माध्यम से लाइव स्ट्रीमिंग भी की जाएगी।

स्पोर्टस फॉर स्कूल कार्यक्रम से लाभान्वित होंगे प्रदेश के छात्र
सीएम योगी के विजन अनुसार, प्रदेश में स्पोर्ट्स फॉर स्कूल कार्यक्रम शुरू किया गया है। इसमें बेसिक शिक्षा के 18,500, माध्यमिक शिक्षा के 12,000 व कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय के कुल 733 विद्यालयों के 2 लाख 8 हजार विद्यार्थियों को जोड़ा गया है।

प्रक्रिया के अंतर्गत, खेलों को बढ़ावा देने के लिए बच्चों को प्रोत्साहित करने, उनको ड्रेस व इक्विप्मेंट देने तथा ग्राउंड व कोचिंग की उत्तम व्यवस्था उपलब्ध करायी जा रही है। प्रॉपर कोचिंग के लिए इच्छुक युवाओं व टीचर्स को प्रशिक्षित करने पर फोकस किया जा रहा है। सीएसआर के माध्यम से प्रतिभावान युवा खिलाड़ियों को प्रोत्साहन पहुंचाने और एक सकारात्मक माहौल बनाने का कार्य प्रदेश में हो रहा है। विदेश की संस्थाओं से भी सहयोग लिया जा रहा है और फुटबॉल की ट्रेनिंग देने के लिए डेनमार्क व स्वीडन की एजेंसियों का सहयोग लिया जा रहा है। सीएसआर के माध्यम से प्रतिभावान खिलाड़ियों को स्पॉन्सरशिप भी उपलब्ध कराया जा रहा है।

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सुदृढ लॉजिस्टिक्स रेग्युलेटरी इकोसिस्टम की जरूरत, तैयार करें स्टेट लॉजिस्टिक्स प्लान: मुख्यमंत्री योगी

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लखनऊ| मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में लॉजिस्टिक्स सेक्टर के लिए सुदृढ़ नीतिगत ढांचा तैयार करने की आवश्यकता बताई है। उन्होंने कहा है कि राज्य में अंतिम मील तक सुगम डिलीवरी के लिए परिवहन अवस्थापना तथा यातायात योजना बनाया जाना चाहिए। एक ऐसी योजना हो जो राज्य में वेयरहासिंग एवं अन्य टर्मिनल अवस्थापना को समर्थन प्रदान करे, साथ ही, एक सुरक्षित एवं सुदृढ लॉजिस्टिक्स रेग्युलेटरी इकोसिस्टम का निर्माण करने वाली हो। ऐसे में प्रदेश का एकीकृत स्टेट लॉजिस्टिक्स प्लान तैयार किया जाए।

मंगलवार को एक महत्वपूर्ण बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि सतत नियोजित प्रयासों का ही परिणाम है कि भारत सरकार की लीड्स रैंकिंग में उत्तर प्रदेश 13वें रैंक से ऊपर उठकर आज अचीवर स्टेट के रूप में उभरा है। इन प्रयासों को आगे बढ़ाते हुए लॉजिस्टिक्स उद्योग को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में निवेश आकर्षित किया जाए, राज्य में वेयरहाउसिंग सुविधाओं की स्थापना के लिए सुविधाजनक वातावरण सुनिश्चित किया जाए। आवश्यकता है कि इस सेक्टर के प्रभावी प्रशासन के लिए संस्थागत तंत्र बनाया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में कृषि उपज और उत्पादों के लिए आर्थिक केंद्रों और एकत्रीकरण बिंदुओं की पहचान करने और संबंधित लॉजिस्टिक्स संबंधी चुनौतियों का समाधान करने, सड़क, वायु, जल और रेल नेटवर्क के सामंजस्य को बढ़ावा देकर ट्रैफिक लिंकेज बढ़ाने, राज्य में भंडारण क्षमता बढाने के लिए नियोजित प्रयास आवश्यक है। स्टेट लॉजिस्टिक प्लान को तैयार करते समय हमें यह ध्यान देना होगा कि चोरी/आगजनी/दंगों आदि के कारण माल को कम से कम हानि हो। सड़क पर माल की आवाजाही के न्यूनतम निरीक्षण व न्यूनतम रुकावटों के लिए इकोसिस्टम को बढ़ावा दिया जा सके। उन्होंने कार्गो की सुरक्षित आवाजाही और ट्रैकिंग सुनिश्चित करने के लिए टेक्नोलॉजी अपनाने पर बल दिया साथ ही कहा कि राज्य में लॉजिस्टिक्स क्षेत्र से संबंधित कौशल विकास/प्रशिक्षण सुविधाओं में वृद्धि भी की जाए। आवश्यक प्रशिक्षित ड्राइवरों की मांग-आपूर्ति के अंतर को दूर करने की जरूरत बताते हुए मुख्यमंत्री ने उद्योग से संबंधित कौशल प्रदान करने के लिए पाठ्यक्रमों को कस्टमाइज़ करने के निर्देश भी दिए।

प्रस्तावित स्टेट लॉजिस्टिक्स प्लान पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में ट्रकों के लिए निर्धारित पार्किंग स्थलों की कमी है, जिससे ट्रैफिक जाम होता है। भारी ट्रैफिक, अतिक्रमण और निर्माण के कारण जाम की स्थिति बनती है। वहीं, नो-एंट्री जोन और रेलवे क्रॉसिंग पर अपर्याप्त पुल जैसी बाधाएँ, जिससे माल की आवाजाही प्रभावित होती है। यही नहीं, लंबी दूरी की यात्रा करने वाले ड्राइवरों के लिए विश्राम करने और पार्किंग क्षेत्र जैसी पर्याप्त सुविधाओं का अभाव का अनुभव किया गया है। नई योजना में इन समस्याओं के स्थायी समाधान भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्टेट लॉजिस्टिक्स प्लान को औपचारिक रूप देने के लिए लॉजिस्टिक्स डिवीजन का गठन भी होना चाहिए। यह डिवीजन लॉजिस्टिक्स योजना के अंतर्गत योजना की प्रगति की नियमित मॉनिटरिंग करने वाला होगा।

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