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प्रादेशिक

महिलाओं के स्वावलंबन पर योगी सरकार का जोर, अयोध्या में बेटियों के हाथों में सौंपी थी बसों की बागडोर

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लखनऊ। परिवहन निगम की बसों की कमान महिलाओं के हाथ में होगी। योगी सरकार इसके जरिए भी महिलाओं के स्वावलंबन पर जोर दे रही है। महिला चालकों के प्रशिक्षण पर पूरा ध्यान दिया जा रहा है। शारदीय नवरात्रि में सीएम योगी आदित्यनाथ ने रामनगरी में महिलाओं के हाथों में परिवहन निगम की कमान सौंपी थी। अब उन्हें और सशक्त करने के लिए काफी तेजी से कार्य किया जा रहा है। महिलाओं के प्रशिक्षण का पहला बैच 8 मार्च 2021 से शुरू किया था। पहले बैच के उपरांत दूसरे व तीसरे बैच के लिए महिला चालकों को मॉडल ड्राइविंग ट्रेनिंग एण्ड रिसर्च इन्स्टीट्यूट कानपुर में प्रशिक्षण दिया जाएगा। महिला चालकों को लाइट मोटर व्हीकल ड्राइवर लेवल -3 एवं कामर्शियल व्हीकल ड्राइवर लेवल-4 दोनों कोर्स का प्रशिक्षण दिया जायेगा।

तीन माह की होगी प्रशिक्षण अवधि

प्रशिक्षण संस्थान के प्रधानाचार्य एसपी सिंह के मुताबिक लाइट मोटर व्हीकल ड्राइवर लेवल-3 कोर्स की प्रशिक्षण अवधि 344 घंटे (03 माह ) की होगी। इसके बाद कौशल विकास मिशन द्वारा निर्धारित सेक्टर स्किल काउंसिल एएसडीसी दिल्ली के माध्यम से एसेसमेंट कराया जाएगा। उत्तीर्ण अभ्यर्थियों का कामर्शियल व्हीकल ड्राइवर लेवल-4 कोर्स का 400 घंटे (04 माह) का प्रशिक्षण होगा। दोनों कोर्स करने के उपरांत डिपो में 17 माह का प्रशिक्षण होगा। प्रशिक्षण के दौरान 6000 रुपये प्रतिमाह स्टाइपेंड भी दिया जायेगा। यह कोर्स आवासीय है। दोनों कोर्स के दौरान अथ्यर्थियों को छात्रावास में रहना होगा। रहना, खाना आदि निःशुल्क होगा। 24 माह के प्रशिक्षण के उपरांत पिंक बस संचालित करने हेतु डिपो में संविदा चालक के रूप में इनकी तैनाती की जाएगी। इसके लिए आवश्यक है कि अभ्यर्थी पूर्व में किसी संस्थान से कौशल विकास मिशन के अंतर्गत प्रशिक्षण प्राप्त न किया हो।

दूसरे बैच के लिए चाहिए 27 पंजीकरण, अब तक हुए 15

प्रशिक्षण संस्थान के प्रधानाचार्य के मुताबिक पूर्व में एक बैच के अभ्यर्थियों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। दूसरे बैच में 27 लोगों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। अब तक 15 पंजीकरण हो चुके हैं। प्रशिक्षण देने के लिए संस्थान में अभी 12 सीटें और खाली हैं। यहां पहले आने वाली महिलाओं का पंजीकरण किया जाएगा। जनवरी 2024 में इनका प्रशिक्षण पूरा होगा।

सीएम ने रामनगरी में बेटियों के हाथों में दी थी बसों की बागडोर

शारदीय नवरात्रि में मिशन महिला सारथी का आगाज करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रामनगरी अयोध्या में महिला चालकों व परिचालकों के हाथों में बसों की बागडोर दी थी। 51 बसों को हरी झंडी दिखाई गई थी। इनमें से 18 महिलाएं चालक व परिचालक के रूप में थीं। आगे भी बसों की कमान महिला चालकों के हाथों में रहे, इसके लिए उन्हें प्रशिक्षित किया जा रहा है।

 

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उत्तर प्रदेश

पंजाब से दौड़ लगाकर अयोध्या पहुंचा 6 साल का मासूम बच्चा, सीएम योगी ने किया सम्मानित

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अयोध्या। अगर लक्ष्य बना लिया जाए तो उसे पूरा करने से कोई नहीं रोक सकता। 6 साल के एक बच्चे ने इस कहावत को पूरा करके दिखाया है। ये छोटा सा मासूम बच्चा पंजाब से दौड़ लगाकर अयोध्या पहुंचा है। सीएम योगी ने इस बच्चे को मंच पर सम्मानित किया है और मोबाइल भी गिफ्ट किया है।इस मौके पर सीएम योगी ने अयोध्या में भगवान राम लला के चित्र पर पुष्पांजलि देकर दीप प्रज्वलित किया। मंच पर महापौर महंत गिरीश पति त्रिपाठी व सीएम के सलाहकार अवनीश अवस्थी भी मौजूद रहे।

अयोध्या में सीएम योगी ने क्या कहा?

सीएम योगी ने कहा कि रोज अयोध्या मे डेढ़ से 2 लाख श्रद्धालु आ रहे हैं। कोई सोचता था कि एक साल पहले की अयोध्या को ये स्थान प्राप्त होना चाहिए। 2017 से पहले अयोध्या में बिजली भी नहीं थी। केवल 4 घंटे बिजली आती थी। सड़कें गंदी और टूटी हुई थीं। सरयू का जल सड़ता रहता था। राम जी पुष्पक विमान से अयोध्या आए थे लेकिन यहां एक एयरपोर्ट तक नहीं था।

सीएम योगी ने कहा कि देश की पहली सोलर सिटी अयोध्या बन चुकी है। सूर्यवंशियों की अयोध्या सूर्य से चलती है। अयोध्या में ये सब एक दिन में नहीं हुआ बल्कि ये एक लंबा संघर्ष था संतों का, जिन्होंने अपना जीवन इसमें लगा दिया।

सीएम योगी ने कहा कि राम भक्तों, कारसेवकों और संतों के हम कर्जदार हैं। आज बोलने के लिय शब्द नहीं हैं। हम आंदोलन को याद करके भावुक हो जाते हैं। मगर हम सब भाग्यशाली हैं। हमने ये मंदिर बना हुआ देखा है। मेरे पूज्य गुरूजी ने अपने आखिरी समय में अशोक जी से कहा था कि क्या रामजन्मभूमि का मंदिर बन जायेगा? आज कोई भी अयोध्या आता है तो वो अभिभूत होकर जाता है और कहता है कि अयोध्या त्रेता युग की याद करा है। एक से दो साल में जब मंदिर परिसर का काम पूरा होगा, तब अयोध्या विश्व की सबसे सुंदर नगरी होगी।

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