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अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान के बलूचिस्तान में हुए अलग-अलग आतंकी हमलों में 73 लोगों की मौत

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नई दिल्ली। पाकिस्तान के बलूचिस्तान में हुए अलग-अलग हुए आतंकी हमलों में 73 लोगों की मौत हो गई है। सबसे पहली वारदात बलूचिस्तान के मूसाखेल में हुई। डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक नेशनल हाइवे को सोमवार सुबह 40 हमलावरों ने जाम कर दिया।उन्होंने बसों, ट्रक और वैन को रोककर यात्रियों को उतारा। सभी की आईडी देखी और पंजाब प्रांत के 23 लोगों को गोलीमार कर हत्या कर दी। दूसरी घटना बलूचिस्तान के कालात में हुई, जहां 14 सैनिकों को मार डाला गया। बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) ने दोनों वारदात की जिम्मेदारी ली है। इस बीच देर रात पाकिस्तानी आर्मी ने बयान जारी कर बताया कि बलूचिस्तान में जवाबी कार्रवाई में 21 आतंकियों को भी ढेर कर दिया।

इधर रेलवे अधिकारी मुहम्मद काशिफ ने बताया कि सोमवार को बोलन शहर में एक रेल पुल पर आतंकियों ने विस्फोट कर दिया जिसमें 6 लोगों की मौत हो गई। ये रेल मार्ग क्वेटा को पाकिस्तान के बाकी हिस्सों से जोड़ता है, साथ ही पड़ोसी ईरान के साथ रेल लिंक भी है।

बलूचिस्तान में हुए ताबड़तोड़ इन आतंकी हमलों की पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और गृह मंत्री मोहसिन नकवी समेत दुनिया भर के देशों ने निंदा की है। पंजाब सरकार की प्रवक्ता उज्मा बुखारी ने हमलों की निंदा करते हुए इसे असहनीय बताया और बलूचिस्तान सरकार से बीएलए आतंकवादियों को खत्म करने का आह्वान किया। बलूचिस्तान के मुख्यमंत्री सरफराज बुगती ने भी वादा किया कि हमलावरों को न्याय के कटघरे में लाया जाएगा।

वहीं पाकिस्तान की स्थानीय मीडिया के अनुसार पिछले 24 घंटों में पूरे प्रांत में सुरक्षा बलों ने 21 विद्रोही लड़ाकों को मार गिराया है। बलूचिस्तान में पहले भी इसी तरह के हमलों की जिम्मेदारी बीएलए ने ली है। मई में ग्वादर में सात लोगों की हत्या या अप्रैल में हाईवे से कई लोगों को अगवा कर उनकी हत्या की जिम्मेदारी ली थी। बलूचिस्तान में बीएलए जैसे सशस्त्र समूहों का मकसद अलगाववाद है, जो अक्सर पंजाब से काम करने के लिए आने वाले मजदूरों को निशाना बनाते हैं।

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अन्तर्राष्ट्रीय

पीएम मोदी को मिलेगा ‘विश्व शांति पुरस्कार’

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विश्व शांति पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। यह पुरस्कार उन्हें अमेरिका में प्रदान किया जाएगा। इंडियन अमेरिकन माइनॉरटीज एसोसिएशन (एआइएएम) ने मैरीलैंड के स्लिगो सेवंथ डे एडवेंटिस्ट चर्च ने यह ऐलान किया है। यह एक गैर सरकारी संगठन है। यह कदम उठाने का मकसद अमेरिका में भारतीय अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के कल्याण को प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें एकजुट करना है। पीएम मोदी को यह पुरस्कार विश्व शांति के लिए उनके द्वारा किए जा रहे प्रयासों और समाज को एकजुट करने के लिए दिया जाएगा।

इसी कार्यक्रम के दौरान अल्पसंख्यकों का उत्थान करने के लिए वाशिंगटन में पीएम मोदी को मार्टिन लूथर किंग जूनियर ग्लोबल पीस अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। इस पुरस्कार को वाशिंगटन एडवेंटिस्ट यूनिवर्सिटी और एआइएएम द्वारा संयुक्त रूप से दिया जाएगा। जिसका मकसद अस्पसंख्यकों के कल्याण के साथ उनका समावेशी विकास करना भी है।

जाने माने परोपकारी जसदीप सिंह एआइएम के संस्थापक और चेयरमैन नियुक्त किए गए हैं। इसमें अल्पसंख्यक समुदाय को प्रोत्साहित करने के लिए 7 सदस्यीय बोर्ड डायरेक्टर भी हैं। इसमें बलजिंदर सिंह, डॉ. सुखपाल धनोआ (सिख), पवन बेजवाडा और एलिशा पुलिवार्ती (ईसाई), दीपक ठक्कर (हिंदू), जुनेद काजी (मुस्लिम) और भारतीय जुलाहे निस्सिम रिव्बेन शाल है।

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