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उत्तर प्रदेश

सीएम योगी ने दिव्यांग होमगार्डों के आश्रितों की सुनी पुकार, भर्ती पर लगी रोक हटी

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लखनऊ। योगी सरकार ने स्थाई रूप दिव्यांग होमगार्डों के परिवारों की आर्थिक सुरक्षा सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए एक बार फिर अपने फैसलों से यह साबित किया है कि वह जनसरोकार से जुड़े मुद्दों को प्राथमिकता देती है। हाल ही में सरकार ने स्थायी रूप से दिव्यांग होमगार्डों के आश्रितों की नियुक्ति पर लगी रोक को हटाने का ऐतिहासिक फैसला लिया है। योगी सरकार के इस निर्णय से उन दिव्यांग हो चुके परिवारों में उम्मीद की किरण जागी है, जो लंबे समय से नियुक्ति के लिए गुहार लगा रहे थे।

अपने सेवाकाल में स्थाई रूप से दिव्यांग हो चुके होमगार्डों के आश्रितों की नियुक्ति की प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने के लिए योगी सरकार ने एक स्पष्ट और बहुस्तरीय जांच प्रक्रिया का निर्धारण किया है। अब नियुक्ति के लिए जिलास्तर से लेकर डीजी होमगार्ड कार्यालय तक कई चरणों में जांच और सिफारिशें की जाएंगी।

नियुक्ति प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने पर सीएम योगी का जोर

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रदेश के होमगार्ड विभाग ने आवेदन का सही और निष्पक्ष तरीके से परीक्षण के लिए नई व्यवस्था लागू की है। इसके लिए पात्र आश्रितों की जांच और नियुक्ति के लिए चार चरणों पर काम करेगा। इसके प्रथम चरण में आवेदन की जांच जिलास्तरीय सीएमओ समिति द्वारा की जाएगी। वहीं दूसरे चरण में जिलास्तरीय समिति द्वारा संस्तुति मिलने पर, जिला कमांडेंट इसे डीजी होमगार्ड के पास भेजेंगे। तृतीय चरण में मुख्यालय स्तर पर गठित समिति होगी जो चिकित्सा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे, सभी तथ्यों की गहन जांच करेगी। इसके बाद फिर अंतिम चरण में डीजी होमगार्ड समिति की सिफारिशों के आधार पर नियुक्ति का अंतिम निर्णय लेंगे।

सीएम योगी ने लंबित मामलों का लिया संज्ञान

पिछले कुछ वर्षों में दिव्यांग होमगार्डों के आश्रितों की नियुक्ति पर लगे प्रतिबंध के कारण लगभग 250 से अधिक मामले लंबित हो गए थे। यह परिवार लगातार अनिश्चितता और आर्थिक संकट का सामना कर रहे थे। लेकिन अब, योगी सरकार के इस कदम के बाद इन लंबित मामलों को प्राथमिकता से निपटाने का रास्ता साफ हो गया है। बता दें कि 2022 में सामने आए अपात्र उम्मीदवारों की भर्ती और अनुग्रह राशि के दुरुपयोग के मामलों ने सरकार को इस नीति पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर किया था। लेकिन योगी सरकार ने इन घटनाओं को सुधार का अवसर बनाया। अब नई प्रक्रिया में हर स्तर पर जांच और निगरानी को मजबूत किया गया है।

स्वास्थ्य विभाग की भूमिका को भी बढ़ाया गया है, जिससे चिकित्सा जांच में कोई त्रुटि न हो इसके लिए प्रतिष्ठित संस्थानों को जांच प्रक्रिया में शामिल किया गया है, ताकि पात्रता का सही आकलन हो सके। साथ ही, जिम्मेदार समितियों को यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है कि हर नियुक्ति पूर्ण सत्यापन के बाद ही हो।

मानवता और न्याय के समन्वय के साथ आगे बढ़ रही योगी सरकार

योगी सरकार का यह कदम केवल प्रशासनिक सुधार नहीं है, बल्कि यह मानवता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। होमगार्ड, जो समाज की सुरक्षा और सेवा के लिए अपनी जान जोखिम में डालते हैं, उनके परिवारों के प्रति यह संवेदनशीलता सरकार के मानवीय दृष्टिकोण को उजागर करती है। यह निर्णय उन परिवारों के लिए राहत लेकर आया है, जो अपने प्रियजन के दिव्यांग होने के बाद आर्थिक और सामाजिक संकट का सामना कर रहे थे।

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उत्तर प्रदेश

डिजिटल महाकुम्भ: तकनीक बनी हथियार, 2,750 एआई सीसीटीवी संदिग्ध गतिविधियों पर रख रहे नजर

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महाकुंभ नगर। दिव्य और भव्य महाकुम्भ को पूरी तरह सुरक्षित बनाने के लिए प्रबंधन ने कड़े सुरक्षा इंतजाम किए हैं। इस बार एआई तकनीक को पुलिस ने अपना हथियार बनाया है। 2700 से ज्यादा एआई सीसीटीवी महाकुम्भ नगर में लगाए गए हैं। वह सीधे संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखेंगे और उसकी रिपोर्ट कंट्रोल रूम को देंगे। मेले के दौरान 37,000 पुलिसकर्मी और 14,000 होमगार्ड तैनात किए गए हैं। इसके साथ ही एनएसजी, एटीएस, एसटीएफ और अन्य सुरक्षा एजेंसियां भी चौकसी बरत रही हैं। सीसीटीवी और खुफिया एजेंसियों की निगरानी में हर कोना सुरक्षित है। यहां तक कि मेले में परिंदा भी पर नहीं मार पाएगा।

वॉच टावरों से बनाया सुरक्षा का अभेद्य घेरा

पूरे मेला क्षेत्र में अब तक 123 वॉच टावर बनाए गए हैं, जहां स्नाइपर, एनएसजी, एटीएस और सिविल पुलिस के जवान तैनात हैं। वॉच टावरों को इस तरह डिज़ाइन किया गया है कि इनसे दूरबीन की मदद से पूरे क्षेत्र की निगरानी की जा सके। हर वॉच टावर पर अत्याधुनिक हथियारों और उपकरणों से लैस सुरक्षाकर्मी मौजूद हैं। सभी वॉच टावरों को ऊंचाई और रणनीतिक स्थानों पर स्थापित किया गया है ताकि सुरक्षा में कोई चूक न हो। पुलिस के साथ जल पुलिस और फायर ब्रिगेड भी पूरी तरह मुस्तैद हैं।

स्नानार्थियों और श्रद्धालुओं की सुरक्षा प्राथमिकता

महाकुंभ मेले के डीआईजी वैभव कृष्ण ने बताया कि महाकुंभ में देश-विदेश से करीब 45 करोड़ श्रद्धालु, स्नानार्थी, कल्पवासी और पर्यटक आने की संभावना है। ऐसे में उनकी सुरक्षा के लिए चप्पे-चप्पे पर सख्त निगरानी रखी जा रही है। मेले के सभी जोन और सेक्टर में अलग-अलग स्थानों पर वॉच टावर बनाए गए हैं। प्रवेश के सात मुख्य मार्गों पर भी सुरक्षा के लिए विशेष प्रबंध किए गए हैं।

मुख्य धार्मिक स्थलों पर कड़ी की सुरक्षा

अखाड़ा क्षेत्र, बड़े हनुमान मंदिर, परेड मैदान, वीआईपी घाट, अरैल, झूसी, और सलोरी जैसे संवेदनशील स्थानों पर विशेष वॉच टावर बनाए गए हैं। यहां तैनात जवान आधुनिक हथियारों और उपकरणों से लैस हैं।

अत्याधुनिक तकनीक से लैस हुई कुम्भ की सुरक्षा

– 2,750 AI आधारित सीसीटीवी कैमरे और 80 VMD स्क्रीन मेले की हर गतिविधि पर नजर रख रहे हैं।
– 3 जल पुलिस स्टेशन और 18 जल पुलिस कंट्रोल रूम तैनात हैं।
– 50 फायर स्टेशन और 20 फायर पोस्ट बनाए गए हैं।
– 4,300 फायर हाइड्रेंट किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं।

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