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प्रादेशिक

काशी, मेरठ और सहारनपुर के बाद तीसरे सोमवार को भी यूपी में हुआ शिवभक्तों का सम्मान

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लखनऊ। सावन में प्रदेश में शिवभक्त कांवड़ियों पर पुष्पवर्षा का क्रम तीसरे सोमवार को भी जारी रहा। सावन के पिछले दो सोमवार को जहां काशी, मेरठ और सहारनपुर में पुष्पवर्षा की गई वहीं तीसरे सोमवार को रामनगर, बाराबंकी स्थित लोधेश्वर महादेव मंदिर में हेलीकॉप्टर द्वारा कांवरियों पर पुष्प वर्षा की गई। इसके अलावा अयोध्या में भी सरयूतट पर शिवभक्तों पर योगी सरकार ने पुष्पवर्षा कराई है।

बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर पिछले 6 साल से प्रदेश में शिवभक्तों का बिल्कुल खास तरीके से सम्मान किया जा रहा है। सरकार की ओर से ना सिर्फ कांवड़ियों पर पुष्पवर्षा की जा रही है, बल्कि उनकी सुविधाओं का भी विशेष ध्यान रखा जा रहा है। खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मेरठ-दिल्ली हाईवे पर कांवड़ियों पर पुष्पवर्षा कर चुके हैं, जिसके बाद से ही प्रदेश में शिवभक्तों का उत्साह देखने लायक है।

वहीं प्रशासनिक अधिकारी भी जगह जगह शिवभक्तों का सम्मान कर रहे हैं। प्रदेश के सभी बड़े शिवालयों में कांवड़ियों की सुरक्षा और सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा जा रहा है। उत्तर प्रदेश में मौजूद एकमात्र ज्योतिर्लिंग मंदिर श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में शिवभक्तों की सुरक्षा और सुविधाओं की मॉनीटरिंग खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से की जा रही है।

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एस्सार ग्रुप के सह-संस्‍थापक शशि रुइया का 80 साल की उम्र में निधन

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मुंबई। एस्सार ग्रुप के सह-संस्‍थापक शशि रुइया का 80 साल की उम्र में निधन हो गया है। रुइया के पार्थिव शरीर को प्रार्थना और श्रद्धांजलि के लिए वालकेश्वर के बाणगंगा में रखा जाएगा। अंतिम संस्कार यात्रा रुइया हाउस से शाम 4 बजे हिंदू वर्ली श्मशान के लिए निकलेगी।

शशि रुइया ने अपने भाई रवि रुइया के साथ मिलकर एस्सार की स्थापना की थी। वह करीब एक महीने पहले अमेरिका से इलाज करा लौटे थे। मंगलवार को दोपहर 1 बजे से 3 बजे तक उनका पार्थिव शरीर रुइया हाउस में अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। शाम चार बजे रुइया हाउस से शवयात्रा हिंदू वर्ली श्मशान घाट के लिए रवाना होगी।

उद्योगपति शशि रुइया ने अपने पिता नंद किशोर रुइया के मार्गदर्शन में 1965 में अपने व्यावसायिक दुनिया में कदम रखा। उन्होंने अपने भाई रवि के साथ मिलकर 1969 में चेन्नई बंदरगाह पर एक बाहरी ब्रेकवाटर का निर्माण कर एस्सार की नींव रखी। इसके बाद एस्सार ग्रुप ने इस्पात, तेल रिफाइनरी, अन्वेषण और उत्पादन, दूरसंचार, बिजली और निर्माण सहित विभिन्न क्षेत्रों में विस्तार किया।

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