उत्तर प्रदेश
इलाहाबाद हाईकोर्ट का आदेश- चुनाव के दौरान सबको नहीं जमा कराना होगा असलहा
लखनऊ। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने असलहा धारकों को बड़ी राहत दी है. कोर्ट ने कहा कि जनरल ऑर्डर के जरिए चुनाव के समय प्रशासन सबके असलहा जमा नहीं करा सकता है। चुनाव के दौरान सामान्य तौर पर एक आदेश के जरिए प्रशासन सबके असलहे जमा करा लेता था. कोर्ट ने लंबी सुनवाई के बाद इस मामले में स्पष्ट आदेश दिया है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यह आदेश रविशंकर तिवारी और अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया। कोर्ट के आदेश के बाद प्रशासन केवल उन्हीं के असलहा जमा कराएगा, जिनसे कानून व्यवस्था बिगड़ने का खतरा हो। इसके लिए स्क्रीनिंग कमेटी बनाकर उस व्यक्ति से शस्त्र जमा कराने के लिए कहा जा सकता है. बता दें कि चुनाव नजदीक आते ही शस्त्रधारकों से असलहा जमा कराने होते हैं।
याचिका पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कहा कि राज्य में सुरक्षा उपाय को आधार बनाकर लोगों से असलहा जमा करने के लिए नहीं कहा जा सकता है। हालांकि कोर्ट ने आदेश में कहा कि अगर किसी शस्त्रधारस से कानून व्यवस्था को लेकर खतरा हो तो उसके लाइसेंस जमा कराया जा सकता है, लेकिन इसको लेकर स्क्रीनिंग कमेटी को उसे भी असलहा जमा कराने की वजह बतानी होगी। स्क्रीनिंग कमेटी की अगुवाई डीएम करेंगे, जिसमें एसपी, एडीएम एएसपी सदस्त के तौर पर शामिल होंगे।
उत्तर प्रदेश
संभल जामा मस्जिद विवाद : मस्जिद के सर्वे से नाराज भीड़ ने पुलिस पर किया पथराव
संभल। संभल की जामा मस्जिद विवाद को लेकर रविवार को लोगों का गुस्सा भड़क उठा। मस्जिद के सर्वे से नाराज भीड़ ने पुलिस पर पथराव कर दिया। पुलिस ने भी भीड़ पर काबू पाने के लिए आंसू गैस के गोले दागे हैं। पथराव की घटना हुई जब एक सर्वेक्षण टीम मस्जिद का सर्वेक्षण करने के लिए शाही जामा मस्जिद पहुंची। पुलिस ने स्थानीय लोगों से सर्वेक्षण टीम के पहुंचने पर पथराव न करने की अपील की है। पथराव के बाद पुलिस की तैनाती बढ़ा दी गई है।
डीएम और एसपी मौके पर मौजूद
दरअसल, आज एक बार फिर संभल की जामा मस्जिद में सर्वे का काम किया जा रहा है। इसी बीत सर्वे को लेकर भीड़ आक्रोशित हो गई और इसके बाद संभल में तनाव का माहौल है। इस बीच पुलिस और भीड़ के बीच जमकर धक्का मुक्की हुई। एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई और डीएम डॉ राजेंद्र पेंसिया ने मोर्चा संभाला हुआ है। वहीं आक्रोशित भीड़ को भगाने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े गए। डीएम और एसपी आक्रोशित भीड़ को समझाने के लिए पहुंचे तो आक्रोशित भीड़ ने नारेबाजी की। वहीं हंगामा कर रही आक्रोशित भीड़ पर बमुश्किल काबू पाने में एसपी और डीएम जुटे हुए हैं।
जामा मस्जिद का यह है मामला
हिंदू पक्ष की ओर से न्यायालय में जो वाद दायर किया गया है। उसमें उन्होंने हरिहर मंदिर होने का दावा किया है। न्यायालय ने कोर्ट कमिश्नर नियुक्त कर दिया है। मंगलवार को कोर्ट कमिश्नर ने मस्जिद पहुंचकर सर्वे भी किया था। करीब दो घंटे तक वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी की गई थी। कोर्ट कमिश्नर 29 नवंबर को न्यायालय में रिपोर्ट पेश करेंगे। इस सर्वे के बाद से जामा मस्जिद के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई है। इस वाद को दायर करने में वादीगण में सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता हरिशंकर जैन, पर्थ यादव, महंत ऋषिराज गिरि, राकेश कुमार, जीतपाल सिंह यादव, मदनपाल, वेदपाल और दीनानाथ शामिल हैं। हरिशंकर जैन के बेटे विष्णु शंकर जैन इस मामले में अधिवक्ता के तौर शामिल हैं।
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