उत्तर प्रदेश
प्राण प्रतिष्ठा के समय गर्भगृह में सिर्फ यह 5 लोग रहेंगे मौजूद, इस तरह पूरी होगी प्रक्रिया
अयोध्या। अयोध्या में प्रभु रामलला के नवनिर्मित मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इसको लेकर विशेष कार्यक्रम तैयार किए जा रहे हैं। मंदिर के उद्घाटन समारोह को लेकर अयोध्या को अलग ही लुक दिया गया है। पूरे शहर को सजाया गया है।
वहीं, प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दौरान राम मंदिर में मौजूद रहने वाले गणमान्य के नाम भी सामने आ गए हैं। दरअसल, मंदिरों में भगवान के प्राण प्रतिष्ठा का समारोह काफी अलग प्रकार का होता है। इस दौरान कुछ ही लोगों के गर्भगृह में मौजूदगी होती है। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के दौरान भी गर्भगृह में केवल पांच लोग रहेंगे।
इस यज्ञ के यजमान के रूप में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंदिर के गर्भगृह में उपस्थित रहेंगे। उनके अलावा यूपी की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, संघ प्रमुख मोहन भागवत, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास इस कार्यक्रम के दौरान मौजूद रहेंगे।
रामलला के आंखों से हटाई जाएगी पट्टी
नए मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम की रूपरेखा भी सामने आई है। भगवान राम के बालरूप प्रभु रामलला की प्रतिमा की आंखों पर पट्टी लगी होगी। 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दौरान उनकी आखों से यह पट्टी हटाई जाएगी। इस समय पीएम नरेंद्र मोदी गर्भगृह में मौजूद रहेंगे। प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए आचार्यों की तीन टीमों का गठन किया गया है।
आचार्यों के पहली टीम की अगुआई स्वामी गोविंद देव गिरी करेंगे। वहीं, आचार्यों की दूसरी टीम को कांची कामकोटि शंकराचार्य विजयेंद्र सरस्वती लीड करेंगे। आचार्यों की तीसरी टीम में काशी के 21 विद्वान रहेंगे।
कुछ ऐसे होगी पूरी प्रक्रिया
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की प्रक्रिया का भी विवरण भी सामने आया है। शास्त्रों के अनुसार, प्राण- प्रतिष्ठा के समय गर्भगृह का परदा बंद रहता है। पट्टी हटाने के बाद मूर्ति को आइना दिखाया जाता हैं। मान्यता है कि भगवान अपने नए आवास में पहले खुद का चेहरा देखते हैं।
इसके बाद वे अपने धाम से भक्तों को दर्शन देते हैं। इसको लेकर विधि को पूरा कराए जाने की तैयारी की गई है। पूरे शहर को इस कार्यक्रम के लिए सजाया जा रहा है। शहर की प्रमुख सड़कों को सूरज की थीम वाले स्तंभों से सजाया जा रहा है। 30 फीट ऊंच स्तंभों पर एक सजावटी गोला बना हुआ है। यह रात की लाइटिंग में सूर्य का आभास देता है। धर्म पथ पर ऐसे 40 स्तंभ लगाए जा रहे हैं।
उत्तर प्रदेश
डिजिटल महाकुम्भ: तकनीक बनी हथियार, 2,750 एआई सीसीटीवी संदिग्ध गतिविधियों पर रख रहे नजर
महाकुंभ नगर। दिव्य और भव्य महाकुम्भ को पूरी तरह सुरक्षित बनाने के लिए प्रबंधन ने कड़े सुरक्षा इंतजाम किए हैं। इस बार एआई तकनीक को पुलिस ने अपना हथियार बनाया है। 2700 से ज्यादा एआई सीसीटीवी महाकुम्भ नगर में लगाए गए हैं। वह सीधे संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखेंगे और उसकी रिपोर्ट कंट्रोल रूम को देंगे। मेले के दौरान 37,000 पुलिसकर्मी और 14,000 होमगार्ड तैनात किए गए हैं। इसके साथ ही एनएसजी, एटीएस, एसटीएफ और अन्य सुरक्षा एजेंसियां भी चौकसी बरत रही हैं। सीसीटीवी और खुफिया एजेंसियों की निगरानी में हर कोना सुरक्षित है। यहां तक कि मेले में परिंदा भी पर नहीं मार पाएगा।
वॉच टावरों से बनाया सुरक्षा का अभेद्य घेरा
पूरे मेला क्षेत्र में अब तक 123 वॉच टावर बनाए गए हैं, जहां स्नाइपर, एनएसजी, एटीएस और सिविल पुलिस के जवान तैनात हैं। वॉच टावरों को इस तरह डिज़ाइन किया गया है कि इनसे दूरबीन की मदद से पूरे क्षेत्र की निगरानी की जा सके। हर वॉच टावर पर अत्याधुनिक हथियारों और उपकरणों से लैस सुरक्षाकर्मी मौजूद हैं। सभी वॉच टावरों को ऊंचाई और रणनीतिक स्थानों पर स्थापित किया गया है ताकि सुरक्षा में कोई चूक न हो। पुलिस के साथ जल पुलिस और फायर ब्रिगेड भी पूरी तरह मुस्तैद हैं।
स्नानार्थियों और श्रद्धालुओं की सुरक्षा प्राथमिकता
महाकुंभ मेले के डीआईजी वैभव कृष्ण ने बताया कि महाकुंभ में देश-विदेश से करीब 45 करोड़ श्रद्धालु, स्नानार्थी, कल्पवासी और पर्यटक आने की संभावना है। ऐसे में उनकी सुरक्षा के लिए चप्पे-चप्पे पर सख्त निगरानी रखी जा रही है। मेले के सभी जोन और सेक्टर में अलग-अलग स्थानों पर वॉच टावर बनाए गए हैं। प्रवेश के सात मुख्य मार्गों पर भी सुरक्षा के लिए विशेष प्रबंध किए गए हैं।
मुख्य धार्मिक स्थलों पर कड़ी की सुरक्षा
अखाड़ा क्षेत्र, बड़े हनुमान मंदिर, परेड मैदान, वीआईपी घाट, अरैल, झूसी, और सलोरी जैसे संवेदनशील स्थानों पर विशेष वॉच टावर बनाए गए हैं। यहां तैनात जवान आधुनिक हथियारों और उपकरणों से लैस हैं।
अत्याधुनिक तकनीक से लैस हुई कुम्भ की सुरक्षा
– 2,750 AI आधारित सीसीटीवी कैमरे और 80 VMD स्क्रीन मेले की हर गतिविधि पर नजर रख रहे हैं।
– 3 जल पुलिस स्टेशन और 18 जल पुलिस कंट्रोल रूम तैनात हैं।
– 50 फायर स्टेशन और 20 फायर पोस्ट बनाए गए हैं।
– 4,300 फायर हाइड्रेंट किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं।
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