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प्रादेशिक

अध्यात्म की अयोध्या ने आर्थिक क्षेत्र में लिखा सफलता का नया अध्याय

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अयोध्या| अध्यात्म से समृद्ध राम नगरी अब आर्थिक क्षेत्र में भी सफलता का नया अध्याय लिख रही है। योगी सरकार के कुशल नेतृत्व में ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट में उत्तर प्रदेश को 40 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इसके साथ ही आर्थिक रूप से भी अयोध्या विकास की नई सीढ़ी चढ़ रही है। 2021-22 में अयोध्या से विभिन्न क्षेत्रों में 110 करोड़ का निर्यात हुआ, जो 2022-23 में बढ़कर 254 करोड़ हो गया है।

इन क्षेत्रों में एक्सपोर्ट में हुआ इजाफा

सीएम योगी आदित्यनाथ के प्रयासों ने अयोध्या को आर्थिक रूप से भी काफी समृद्ध किया है। एक तरफ अयोध्या को जहां सोलर सिटी के रूप में नई पहचान दी जा रही है, वहीं निर्यात के रूप में भी अयोध्या ने अलग उड़ान भरी है। भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़े के आधार पर नजर दौड़ाएं तो 2022-23 में रामनगरी से राइस पारब्वायल्ड (एक्सक्लूडिंग बासमती राइस) का 2.76 करोड़ रुपये का निर्यात किया गया। बिटुमिनस कोयला- 90.61 करोड़ रुपये, भाप कोयला 3.81 करोड़ रुपये समेत अन्य कोयला का 4 करोड़ रुपये का निर्यात हुआ है। वहीं आयुर्वेद पद्धति की दवाएं- 3.18 करोड़ रुपये की निर्यात हुई हैं। पोस्टर पेपर- 1.77 करोड़ रुपये, क्राफ्ट पेपर व पेपर बोर्ड 44.02 करोड़ रुपये, क्राफ्ट पेपर व पेपर बोर्ड (भार-150 जी/एम 2 या उससे कम) का 48.56 करोड़ रुपये का निर्यात हुआ। वुड पल्प बोर्ड 3.12 करोड़ रुपये, बेकरी मशीनरी का 3.24 करोड़ रुपये का निर्यात किया गया।

अयोध्या के सर्वांगीण विकास का काल बना वर्तमान समय

आयुक्त गौरव दयाल ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि यह काल अयोध्या के सर्वांगीण विकास का है। केंद्र व प्रदेश की योगी सरकार के नेतृत्व में अयोध्या की आर्थिक क्षेत्र में भी उत्कृष्ट प्रगति हो रही है। भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की ओऱ से जारी आंकड़े के आधार पर अयोध्या से विभिन्न क्षेत्रों में वर्ष 2021-22 में 110 करोड़ का निर्यात हुआ था, जोकि 2022-23 में बढ़कर 254 करोड़ हो गया है। कुल मिलाकर 150 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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