उत्तर प्रदेश
महाकुंभ में आकर्षण का केंद्र बनेगा भारद्वाज आश्रम, जहां खोजी गई विमान उड़ाने की 500 टेक्नीक
प्रयागराज| महाकुंभ से पहले धार्मिक स्थलों का पुनर्निर्माण योगी सरकार की प्राथमिकता में है। इसी को लेकर योगी सरकार ने भारद्वाज मुनि के आश्रम के पुनर्निर्माण के लिए 13 करोड़ रुपए का बजट रखा है। यहां 85 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है। महाकुंभ आयोजन शुरू होने से पहले सभी काम पूरे करने के निर्देश दिए गए हैं।
महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए प्रयागराज का भारद्वाज मुनि का आश्रम आकर्षण का प्रमुख केंद्र बन रहा है। यहीं दुनिया में पहली बार विमान उड़ाने की टेक्नोलॉजी खोजी गई। पौराणिक मान्यता के अनुसार भारद्वाज मुनि ने यहीं पर विमान उड़ाने के 500 प्रकार के तरीके ईजाद किए हैं। सूर्य की किरणों से चलने वाले विमान की टेक्नोलॉजी खोजने वाले भारद्वाज मुनि पहले ऋषि हैं।
कई राज्यों के मजदूर कर रहे कार्य
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक भारद्वाज मुनि के आश्रम का पुनर्निर्माण का कार्य पूरी गति से आगे बढ़ रहा है। मंदिर के कॉरिडोर को अंतिम रूप देने के लिए दिन रात काम चल रहा है। निर्माण कार्य को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए कई राज्यों के मजदूरों को यहां लगाया गया है।
दीवारों से लेकर मुख्य द्वार तक हो रहा कायाकल्प
मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्राचीन भारतीय विमान निर्माण कला पर आधाारित महान वैज्ञानिक महर्षि भारद्वाज के आश्रम का कायाकल्प किया जा रहा है। यहां दीवारों पर भित्ति चित्र जिसमें भारद्वाज ऋषि से जुड़ी कहानियां, भगवान राम के वन गमन के चित्र, वन्य जीवों के चित्र बनाए जा रहे हैं। इसके अलावा, छाया में बैठने के लिए बेंच, पर्याप्त मात्रा में डस्टबिन, मार्ग प्रकाश के लैंप, मुख्य द्वार का निर्माण, पार्किंग स्थल आदि निर्मित किया जा रहा है।
सप्त ऋषियों में सबसे ज्यादा सम्मान
संगम नगरी में महर्षि भारद्वाज का आश्रम सदियों से सनातन संस्कृति कासंवाहक है। प्रयागराज को तीर्थराज कहा गया है। यहां की पौराणिक मान्यता है कि भारद्वाज मुनि प्रयागराज के प्रथम निवासी ऋषि थे। सप्तऋषि परिवार में भारद्वाज ऋषि का नाम सबसे ज्यादा आदर से लिया जाता है। मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत के अनुसार भारद्वाज आश्रम की देश और दुनिया में बहुत मान्यता है। इसकी वजह से साउथ इंडिया के काफी लोग प्रयागराज आते हैं। आश्रम कॉरिडोर बनने के बाद यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु जुटेंगे।
लंका पर विजय प्राप्त करने के बाद श्री राम ऋषि से मिलने आए
मान्यता है कि वन गमन से पहले प्रभु श्री राम माता सीता और लक्ष्मण भारद्वाज मुनि के आश्रम में रुके थे। यहीं आश्रम से ऋषि ने उनको चित्रकूट जाने की सलाह दी थी। कहा जाता है कि लंका पर विजय प्राप्त करने के बाद प्रभु श्री राम ऋषि से मिलने उनके आश्रम दोबारा लौट कर आए थे।
IANS News
वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।
‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।
‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।
‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।
सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।
इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।
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