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प्रादेशिक

बिहार से बड़ी सियासी खबर, ललन सिंह ने छोड़ा जेडीयू अध्यक्ष पद; नीतीश फिर बन सकते हैं पार्टी सुप्रीमो

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Lalan Singh left the post of JDU President

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पटना। बिहार की सियासी गलियारे से बड़ी खबर आ रही। जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने अपना पद छोड़ दिया है। मीडिया चैनलों के मुताबिक, उन्होंने जेडीयू अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। खबर है कि नीतीश कुमार जेडीयू अध्यक्ष बन सकते हैं। सियासी गलियारे में लगातार ऐसी खबरें आ रही थी कि ललन सिंह कुछ नाराज चल रहे हैं।

वो अपना पद छोड़ने की पेशकश लगातार कर रहे थे, हालांकि नीतीश कुमार उन्हें मनाने में जुटे थे। इसी बीच खबर आई है कि ललन सिंह ने जेडीयू राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स में ऐसी खबरें सामने आई हैं। हालांकि, जेडीयू की ओर से अभी इसकी पुष्टि नहीं की गई है।

ललन सिंह ने नीतीश को भेजा इस्तीफा!

बिहार सीएम नीतीश कुमार से एक दिन पहले ही ललन सिंह को लेकर सवाल किया गया था। बीजेपी नेता सुशील मोदी के जेडीयू में फूट और अध्यक्ष ललन सिंह के हटाए जाने वाले बयान पर नीतीश से मीडियाकर्मियों ने सवाल किए थे। उस समय नीतीश ने कहा था कि कौन क्या बोलते हैं, हम ध्यान नहीं देने जा रहे। आजकल कुछ लोग जो मन में आता है, वह बोलते रहते हैं, जिससे उसको फायदा मिले। लेकिन, इससे किसी को कोई लाभ नहीं मिलने वाला है।

29 को लग सकती है फैसले पर मुहर

नीतीश कुमार ने जिस तरह से जवाब दिया इससे लगा कि वो चाहते हैं कि ललन सिंह से जुड़ा विवाद जल्द सुलझ जाए। अब खबर आ रही है कि JDU अध्यक्ष ललन सिंह ने पद से इस्तीफा दे दिया है। ये बड़ा सियासी घटनाक्रम ऐसे समय में आया है जब 29 दिसंबर को दिल्ली में जेडीयू कार्यकारिणी की बैठक होने वाली है। ऐसा कहा जा रहा ललन सिंह की लालू यादव से नजदीकी के चलते पूरा विवाद बढ़ा। जिसके बाद ललन सिंह को इस्तीफे के लिए मजबूर होना पड़ा।

इस दिग्गज को मिल सकता है जेडीयू अध्यक्ष पद

खबर ये भी है कि ललन सिंह ने अपना इस्तीफा नीतीश कुमार को भेज दिया है। हालांकि, इस पर 29 दिसंबर को मुहर लग सकती है। वहीं नीतीश कुमार खुद अगले पार्टी अध्यक्ष बन सकते हैं। चर्चा ये भी है कि नीतीश कुमार अपने किसी करीबी को अध्यक्ष पद का जिम्मा दे सकते हैं।

इस रेस में सबसे आगे अशोक चौधरी का नाम नजर आ रहा। फिलहाल बिहार की सत्ताधारी पार्टी में चल रहे इस बड़े सियासी घटनाक्रम पर 29 दिसंबर को पार्टी कार्यकारिणी की बैठक में पूरी तस्वीर साफ हो सकती है।

उत्तर प्रदेश

डिजिटल महाकुम्भ: तकनीक बनी हथियार, 2,750 एआई सीसीटीवी संदिग्ध गतिविधियों पर रख रहे नजर

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महाकुंभ नगर। दिव्य और भव्य महाकुम्भ को पूरी तरह सुरक्षित बनाने के लिए प्रबंधन ने कड़े सुरक्षा इंतजाम किए हैं। इस बार एआई तकनीक को पुलिस ने अपना हथियार बनाया है। 2700 से ज्यादा एआई सीसीटीवी महाकुम्भ नगर में लगाए गए हैं। वह सीधे संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखेंगे और उसकी रिपोर्ट कंट्रोल रूम को देंगे। मेले के दौरान 37,000 पुलिसकर्मी और 14,000 होमगार्ड तैनात किए गए हैं। इसके साथ ही एनएसजी, एटीएस, एसटीएफ और अन्य सुरक्षा एजेंसियां भी चौकसी बरत रही हैं। सीसीटीवी और खुफिया एजेंसियों की निगरानी में हर कोना सुरक्षित है। यहां तक कि मेले में परिंदा भी पर नहीं मार पाएगा।

वॉच टावरों से बनाया सुरक्षा का अभेद्य घेरा

पूरे मेला क्षेत्र में अब तक 123 वॉच टावर बनाए गए हैं, जहां स्नाइपर, एनएसजी, एटीएस और सिविल पुलिस के जवान तैनात हैं। वॉच टावरों को इस तरह डिज़ाइन किया गया है कि इनसे दूरबीन की मदद से पूरे क्षेत्र की निगरानी की जा सके। हर वॉच टावर पर अत्याधुनिक हथियारों और उपकरणों से लैस सुरक्षाकर्मी मौजूद हैं। सभी वॉच टावरों को ऊंचाई और रणनीतिक स्थानों पर स्थापित किया गया है ताकि सुरक्षा में कोई चूक न हो। पुलिस के साथ जल पुलिस और फायर ब्रिगेड भी पूरी तरह मुस्तैद हैं।

स्नानार्थियों और श्रद्धालुओं की सुरक्षा प्राथमिकता

महाकुंभ मेले के डीआईजी वैभव कृष्ण ने बताया कि महाकुंभ में देश-विदेश से करीब 45 करोड़ श्रद्धालु, स्नानार्थी, कल्पवासी और पर्यटक आने की संभावना है। ऐसे में उनकी सुरक्षा के लिए चप्पे-चप्पे पर सख्त निगरानी रखी जा रही है। मेले के सभी जोन और सेक्टर में अलग-अलग स्थानों पर वॉच टावर बनाए गए हैं। प्रवेश के सात मुख्य मार्गों पर भी सुरक्षा के लिए विशेष प्रबंध किए गए हैं।

मुख्य धार्मिक स्थलों पर कड़ी की सुरक्षा

अखाड़ा क्षेत्र, बड़े हनुमान मंदिर, परेड मैदान, वीआईपी घाट, अरैल, झूसी, और सलोरी जैसे संवेदनशील स्थानों पर विशेष वॉच टावर बनाए गए हैं। यहां तैनात जवान आधुनिक हथियारों और उपकरणों से लैस हैं।

अत्याधुनिक तकनीक से लैस हुई कुम्भ की सुरक्षा

– 2,750 AI आधारित सीसीटीवी कैमरे और 80 VMD स्क्रीन मेले की हर गतिविधि पर नजर रख रहे हैं।
– 3 जल पुलिस स्टेशन और 18 जल पुलिस कंट्रोल रूम तैनात हैं।
– 50 फायर स्टेशन और 20 फायर पोस्ट बनाए गए हैं।
– 4,300 फायर हाइड्रेंट किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं।

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