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उत्तर प्रदेश

सीएम योगी बोले, आज यूपी में आ रहे प्रदेश की आबादी से दोगुने टूरिस्ट

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ये बताते हुए खुशी जाहिर की है कि यूपी में आज प्रदेश की आबादी से दोगुनी संख्या में पर्यटक आ रहे हैं। सीएम योगी सोमवार को लोकभवन सभागार में आयोजित पर्यटन विभाग की विभिन्न योजनाओं के लोकार्पण एवं शिलान्यास समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने 2758 करोड़ की 762 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री ने पर्यटन विभाग से जुड़ी सभी योजनाओं के लिए प्रदेश की जनता को बधाई दी। उन्होंने कहा कि पहली बार प्रदेश के सभी 75 जनपदों में और सभी 403 विधानसभा क्षेत्र में किसी न किसी पर्यटन स्थल को व्यवस्थित रूप से विकसित करने के लिए प्रो पुअर योजना, मुख्यमंत्री पर्यटन संवर्धन योजना एवं जनप्रतिनिधियों के प्रस्ताव पर आधारित योजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण एक साथ हो रहा है।

सरकार द्वारा लिये गये फैसले का लाभ यूपी को प्राप्त हो रहा

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हम सभी को नया यूपी देखने को मिल रहा है। पर्यटन के दृष्टिकोंण से हम केवल स्थल विशेष का विकास नहीं करा रहे, बल्कि इसके माध्यम से वहां के समग्र विकास, ईको सिस्टम और इम्पलायमेंट को गति देने का कार्य भी कर रहे हैं। सरकार की नियत साफ हो और गति में तीव्रता हो तो उसके परिणाम भी देखने को मिलते हैं। प्रदेश में सुरक्षा और कानून व्यवस्था की बेहतर स्थिति ने जहां यूपी के परसेप्शन को बदला है। वहीं सरकार द्वारा लिये गये फैसले का लाभ यूपी को प्राप्त हो रहा है। काशी में काशी विश्वनाथ धाम, अयोध्या में अयोध्या धाम, नैमिष में नैमिष तीर्थ आज पुनर्जीवित हो गया है। विंध्यवासिनी कॉरीडोर नये रूप में है। बृजभूमि फिर से दुनिया को अपनी ओर आकर्षित कर रही है। प्रयागराज का कुंभ, चित्रकूट, शुकतीर्थ, बौद्ध, सूफी, भक्ति और शक्ति के केंद्र के साथ ही हेरिटेज और ईको टूरिज्म को व्यवस्थित तरीके से आगे बढ़ाने का परिणाम है कि जिस यूपी में पहले कोई आना नहीं चाहता था, आज प्रदेश की आबादी से दोगुने टूरिस्ट यहां आ रहे हैं।

आज पूरी दुनिया यूपी को देखना चाहती है

मुख्यमंत्री ने काशी, अयोध्या, मथुरा, प्रयाग, गोरखपुर का उदाहरण देते हुए कहा कि आज सभी जगह होटल बुक हैं, टैक्सियां बुक हैं, मार्केट कई गुना बढ़ चुके हैं, रेस्टुरेंट में तिल रखने की जगह नहीं मिल रही है है। आज पूरी दुनिया यूपी को देखना चाहती है। यूपी अब उपद्रव नहीं उत्सव की भूमि बन चुका है। जिस यूपी के बारे में कहा जाता था कि यहां अराजकता है, इसे डबल इंजन सरकार ने आस्था और आजीविका में बदल दिया है। यूपी को देश के विकास का ब्रेकर कहा जाता था वह आज ब्रेक थ्रू राज्य बन चुका है। यूपी आज बीमारू नहीं बल्कि रेवेन्यू सरप्लस स्टेट है। सबसे ज्यादा निवेश यहां आ रहा है। इसमें भी सर्विस सेक्टर की बड़ी भूमिका है। अच्छे होटल, अच्छे रेस्टोरेंट आ रहे हैं।

सांसद और विधायकों के प्रस्तावों का परिणाम

मुख्यमंत्री ने इस बात की प्रशंसा की कि आज जितनी भी परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास हो रहा है, ये सब स्थानीय सांसद और विधायकों के प्रस्तावों का ही नतीजा है। सीएम ने कहा कि हम लोग किसी धार्मिक स्थल को संरक्षित करते हैं, तो ऐसा करके हम आने वाली पीढ़ि के लिए एक प्रेरणा स्थल का भी विकास करते हैं। उन्होंने कहा कि पहले लोग अयोध्या भय के मारे नहीं आते थे, आज वहां से संतुष्ट होकर लौट रहे हैं। आज काशी विश्वनाथ धाम में एक साथ 50 हजार श्रद्धालु भी आ जाएं तो कोई परेशानी नहीं होती। विंध्यवासिनी धाम में लाखों लोग भी एक साथ आ जाएं तो कोई दिक्कत नहीं है।

हर एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन पर टूरिस्ट डेस्क की स्थापना की जाए

सीएम ने अधिकारियों से कहा कि हमें सीसीटीवी कैमरे को एआई टूल के साथ जोड़ना चाहिए, जिससे हमें ठीक ठीक पता लग सके कि किसी भी पर्यटन स्थल पर कितने टूरिस्ट आ रहे हैं। सीएम योगी ने स्प्रिचुअल टूरिज्म के साथ साथ बुंदेलखंड के किलों को पर्यटन के दृष्टि से विकसित करने की बात कही। उन्होंने पर्यटन विभाग को इस संबंध में जल्द से जल्द पॉलिसी लाकर आगे बढ़ने के लिए कहा। सीएम योगी ने डिजिटल टूरिस्ट मैप तैयार करने के लिए विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया। साथ ही यह भी कहा कि प्रदेश के हर एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन पर टूरिस्ट डेस्क की स्थापना की जाए। जहां से वहां आने वाले पर्यटकों को ये मालूम हो सके कि यहां महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल कौन कौन से हैं, रुकने और खाने-पीने के लिए क्या व्यवस्था है। एक बार हमने ऐसा सिस्टम डेवलप कर लिया तो यूपी इतनी लंबी लकीर खींचेगा कि इसके आस पास भी कोई नहीं दिखेगा।

2019 से भी बेहतरीन और भव्य होगा प्रयागराज कुंभ

मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले वर्ष प्रयागराज का कुंभ है। सरकार इसे 2019 से भी बेहतरीन और भव्य बनाने की तैयारी में जुटी हुई है। कुंभी की स्वच्छता, सुव्यवस्था और सुरक्षा को लेकर हम अभी से बड़ी बड़ी परियोजनाओं पर कार्य शुरू कर चुके हैं। वहीं उन्होंने लखनऊ में कुकरैल नाइट सफारी की चर्चा करते हुए कहा कि इसे जल्द से जल्द शुरू करने की तैयारी है। इससे बच्चों के मनोरंजन के साथ साथ ज्ञान की प्राप्ति होगी। उन्होंने कहा कि चाहे गांव का कोई मंदिर हो, पौराणिक स्थल हो, एडवेंचर और ईको टूरिज्म का केंद्र हो सबको व्यवस्थित तरीके से विकसित किया जाएगा।

इस अवसर पर डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक, पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह, लखनऊ की महापौर सुषमा खर्कवाल, विधायक जय देवी, अमरेश कुमार, योगेश शुक्ला, नीरज वोहरा, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति मुकेश मेश्राम सहित प्रदेश के सभी महत्वपूर्ण स्थलों पर जनप्रतिनिधिगण एवं अधिकारीगण मौजूद रहे।

इन मुख्य परियोजनाओं का हुआ लोकार्पण

अयोध्या में क्चीन हो मेमोरियल पार्क, बहराइच के गुल्लावीर में महाराजा सुहेलदेव जी की प्रतिमा के निकट मंच के सम्मुख सभागार एवं स्मारक, चित्रकूट में लक्ष्मण पहाड़ी का पर्यटन विकास, कासगंज स्थित शूकर (सोरों) क्षेत्र का पंचकोसी परिक्रमा मार्ग, मीरजापुर में विंध्यवासिनी मंदिर पर परकोटा एवं परिक्रमा पथ, मीरजापुर में विंध्यवासिनी मंदिर की गलियों के फसाड का ट्रीटमेंट, मीरजापुर में विंध्यवासिनी मंदिर को जाने वाले मार्गों को जोड़ने वाले पहुंच मार्गों का सुदृढ़ीकरण एवं निर्माण, लखीमपुर-खीरी के महेवा स्थित इंदिरा मनोरंजन पार्क का पर्यटन विकास एवं सौंदर्गीकरण, मथुरा के गोवर्धन स्थित रंजीत सिंह की छतरी पर फसाड लाइट, सिद्धार्थनगर के कपिलवस्तु स्थित भारतीय बौद्ध महाविहार का जीणोंद्धार।

शिलान्यास होने वाली प्रमुख परियोजनाएं

अयोध्या में 16 स्थानों पर फसाइ लाइटिंग एवं पर्यटन अवस्थापना सुविधाएं, अयोध्या में सरयू तट पर गुप्तार घाट एवं राज घाट के मध्य घाटों का पुनरुद्धार, अयोध्या में राम की पैड़ी से राज घाट तक एवं राज घाट से श्रीराम जन्मभूमि मंदिर तक श्रद्धालु पथ का जीर्णोद्धार, अयोध्या में सरयू नदी के लक्ष्मण घाट से नया घाट तक पर्यटन सुविधाओं का विकास एवं सौंदर्गीकरण, अयोध्या में 4 ऐतिहासिक प्रवेश द्वारों का संरक्षण एवं सौंदर्गीकरण, अयोध्या में अंबेडकरनगर, लखनऊ, रायबरेली, सुलतानपुर, गोरखपुर एवं गोंडा मार्ग पर गेट कॉम्प्लेक्स, अयोध्या में राम की पैड़ी पर दर्शक दीर्घा, एडवांस्ड लाइट एन्ड साउंड शो अयोध्या में सरयू रिवर फ्रंट का निर्माण एवं श्रीराम जन्मभूमि मंदिर तक कनेक्टिविटी, अयोध्या में नवीन राही पर्यटक आवास गृह में विद्युतीकरण, वेंटिलेशन सिस्टम, प्लम्बिंग सिस्टम एवं अग्निशमन सुविधाएं, चित्रकूट में तुलसीदास की जन्मस्थली राजापुर का समग्र पर्यटन विकास, चित्रकूट के सीतापुर में फूड प्लाजा के सम्मुख पार्किंग एवं पर्यटन सुविधा केंद्र, फिरोजाबाद में ग्लास म्यूजियम, फिरोजाबाद के सिरसागंज स्थित आर्यकुल महाविद्यालय में सांस्कृतिक संकुल, कौशाम्बी में बौद्ध थीम पार्क, लखनऊ में पर्यटन भवन का जीणर्णोद्धार एवं विस्तारीकरण, लखनऊ में महाराजा बिजली पासी किले पर लाइट एंड साउंड शो तथा पर्यटन विकास, विंध्यवासिनी धाम पर गंगा नदी के दीवान घाट से अखाड़ा घाट के मध्य पक्का स्रान घाट एवं पाथवे, शुक्रतीर्थ धाम में टीएफसी एवं पार्किंग तथा गंगा घाट का उच्चीकरण।

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महाकुंभ में कैलाश मानसरोवर शिविर का आयोजन, एनआरआई हरि गुप्ता करेंगे मानसरोवर से जुड़े रहस्यों का पर्दाफाश

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महाकुंभ में एनआरआई हरि गुप्ता द्वारा कैलाश यात्रा शिविर कैलाश मानसरोवर से जुड़ी समस्याओं और रहस्यों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए महाकुंभ में एक शिविर का आयोजन किया गया है, जिसमें भारत और विदेश से कई मशहूर हस्तियों, अधिकारियों और सफल व्यवसायियों के शामिल होने की उम्मीद है। जिसमें चर्चित भारतीय फिल्म निर्देशक दुष्यंत प्रताप सिंह मौजूद रहेंगे । दुष्यंत प्रताप सिंह अपने बेहतरीन निर्देशन के साथ – साथ पटकथा लेखन के लिए भी मशहूर हैं और साथ ही अमरजीत मिश्रा ट्रस्टी (दिव्य प्रेम सेवा मिशन) हरिद्वार और मशहूर व्यवसायी एवं सामाजिक कार्यकर्ता सुधीर हलवासिया मौजूद रहेंगे। साथ ही सुधीर हलवासिया ने कहा कि कैलाश मानसरोवर शिविर हमारी भारतीय संस्कृति और मूल्यों को बढ़ावा देगा और उसमें सभी प्रकार से सहयोग करने की बात कही।

इस अवसर पर बॉलीवुड डायरेक्टर दुष्यंत प्रताप सिंह ने कहा कि किसी भी अन्य वासि भारतीयों द्वारा कैलाश मुक्ति अभियान के बैनर तले इतने बड़े अभियान का बीड़ा उठाना अपने आप में ही अद्भुत और बहुत साहस व लगन का विषय है और इस परिपेक्ष में सारे अन्य वासि भारतीयों को तकरीबन 15 से 20 अलग-अलग देशों के भारतीयों को एक झंडे तले लाना और अपने सांस्कृतिक विरासत के लिए आध्यात्मिक विरासत के लिए भोलेनाथ शिव के लिए संघर्ष शुरू करना अपने आप में बहुत ही प्रेरणादायक है और हम लोग भी इस कार्य में जो भी योगदान हमारा हो सकता है वो हम लोग अपना योगदान दे रहे हैं हरि गुप्ता के साथ वहीं दिव्य प्रेम सेवा मिशन के ट्रस्टी अमरजीत मिश्रा जी ने कहा भारत एक सांस्कृतिक व आध्यात्मिक देश के तौर पर वैश्विक रूप से सभी देशों का अगवा है और हरि गुप्ता जी ने यह जो प्रकल्प छेड़ा है l कैलाश मुक्ति अभियान वास्तव में ही बहुत प्रेरणादायक एवं एक अरुण संकल्प है और उन्होंने यह आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास व्यक्त किया की बहुत जल्द ही सभी भारतीयों को जो देश-विदेश पूरे विश्व में जहा जाएं उन्हें अपने आराध्य देव के दर्शन सुगम रूप से उपलब्ध हो सकें।

यह एक विडंबना है कि पिछले 5 सालों से भारतीय पासपोर्ट धारकों को मानसरोवर जाने की अनुमति नहीं है, जबकि अन्य देशों के नागरिक आसानी से वहां जा सकते हैं। किसी भी सरकार द्वारा किसी भी कारण से हिंदू धर्म की तीर्थयात्रा को रोकना उचित नहीं है। यह हिंदू शिवभक्तों के मानवाधिकारों के बिल्कुल खिलाफ है। जबकि भारत सरकार ने 50 किलोमीटर दूर से कैलाश पर्वत को देखने के लिए कुछ मार्ग बनाए हैं, लेकिन यह कुछ ऐसा है जैसे भोजन की थाली को देखना लेकिन उसे सूंघना, छूना, महसूस करना या खाना नहीं। जब भोजन को देखकर सामान्य भूख नहीं मिटती है l तो 50 किलोमीटर दूर से उसे देखने से आध्यात्मिक भूख कैसे मिटेगी।

भले ही यात्रा की अनुमति मिल गई हो, लेकिन वास्तविक यात्रा से भारतीय यात्रियों को कोई लाभ नहीं होगा। उन्हें अभी भी कैलाश की यात्रा के लिए नेपाल और उसके मागों पर निर्भर रहना पड़ता है। भारत से पिथौरागढ़ या सिक्किम के रास्ते बहुत लंबे और उबड़-खाबड़ रास्ते हैं। हरि गुप्ता दिल्ली से कैलाश के लिए सीधी चार्टर उड़ानें शुरू करने के इच्छुक हैं और एयरलाइन ऑपरेटरों से बातचीत कर रहे हैं। दिल्ली से कैलाश तक की केवल 500 किमी की उड़ान है।

आचार्य हरि गुप्ता विदेश में 30 से अधिक वर्षों से रह रहे हैं और एक सफल व्यवसायी है। उन्होंने भोलेनाथ ने कई बार दर्शन किए हैं और कैलाश मुक्ति के लिए आवश्यक कार्य करने के लिए मार्गदर्शन दिया है। वे इस अनुभव को भोलेनाथ की लीला के रूप में भी लिख रहे हैं। आचार्य हरि गुप्ता ने कहा कि कैलाश न केवल हिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण है बल्कि यह सिख, जैन और बौद्धों के लिए भी उतना ही महत्वपूर्ण है। ऐसा कहा जाता है कि सिखों के पहले गुरु गुरुनानक जी ने भी कैलाश की यात्रा की थी।

पहले जैन गुरु ऋषभदेव जी ने भी कैलाश की यात्रा की थी। आचार्य हरि गुप्ता को भोलेनाथ ने कई रहस्य बताए हैं जैसे पांच कैलाश हैं, जिनमें भोलेनाथ की अलग-अलग लीलाएं हैं। इनमें से एक मुख्य कैलाश वर्तमान में तिब्बत के अंतर्गत है, जो चीन के अंतर्गत आता है। उन्हें रहस्यमयी तरीके से कई लोगों से मिलने का मौका भी मिलता है, जिनमें से एक ने भगवान शिव के एक मंदिर के बारे में बताया है जो कैलाश के पास है और जिसके बारे में शायद ही कोई जानता हो, जिसकी ऑडियो रिकॉर्डिंग उनके पास है।

यह अद्भुत शिव मंदिर पास के शहर में एक पहाड़ पर है और सीढ़ियाँ चढ़कर पहुँचा जा सकता है। इसके एक तरफ पानी का झरना है। इसकी परिक्रमा के चारों ओर गहरी घाटी है। भक्तों को खीर का प्रसाद दिया जाता है जिसे चावल को सिर्फ़ इतना पकाकर मीठा किया जाता है कि वह मीठा हो जाए और उसमें कोई मीठा पदार्थ नहीं मिलाया जाता। आगंतुकों को कभी-कभी चार काले कुत्ते भी दिखाई देते हैं जिन्हें चार वेदों का प्रतीक माना जाता है। मंदिर को हर साल पशुपति नाथ मंदिर से पहला एकमुखी रुद्राक्ष भी मिलता है जिस पर नेपाल के राजा का पहला अधिकार होता है।

कुछ साल पहले कैलाश की यात्रा करने वाले संजय जैन ने उन्हें मानसरोवर ताल के बारे में कुछ रहस्य भी बताए हैं। उन्होंने बताया कि मानसरोवर झील में कई पत्थर हैं जिन पर ओम, सांप या डमरू के प्राकृतिक निशान हैं। उन्होंने न केवल उन्हें अपनी आँखों से देखा है बल्कि उन्हें अपने साथ भी लाया है। सत्यापन के लिए दिल्ली में भी ऐसे दो पत्थर उपलब्ध हैं।

दूसरा रहस्य यह है कि मानसरोवर ताल के पास पक्षी किसी से भी भोजन ले लेते हैं जबकि राक्षस ताल के पास पक्षी कोई भी भोजन स्वीकार नहीं करते। यह जानकर आश्चर्य होता है कि यहाँ दो ताल हैं, एक में मीठा और साफ पानी है जबकि दूसरे में वह नहीं है। एक में लहरें हैं और दूसरे में नहीं। एक बर्फ में जम जाता है जबकि दूसरा नहीं। भोलेनाथ द्वारा दी गई एक बहुत ही महत्वपूर्ण अंत र्दृष्टि यह है कि जब हम गूगल मैप को 180 डिग्री घुमाते हैं- तो हम झीलों के आकार को शिवलिंग और योनि के रूप में पहचान सकते हैं।

आचार्य हरि गुप्ता सभी संतों से संपर्क कर रहे हैं और उन्हें इसके लिए आवाज उठाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। उन्होंने इसके लिए सांसदों को ईमेल के जरिए पत्र भी भेजे हैं। भोलेनाथ की प्रेरणा से उन्होंने जय कैलाश नाम से एक भजन भी लिखा है जिसमें भगवान शिव, कैलाश पर्वत और उसके महत्व के बारे में आसानी से बताया गया है। यह गीत Youtube.com/@JaiKailasha पर है। गौरतलब है कि 60 साल के अपने पूरे जीवन में उन्होंने शायद ही कभी संगीत सुना हो और कभी कोई कविता या गीत नहीं लिखा हो। आचार्य हरि गुप्ता इस उद्देश्य के लिए www.kailashmukti.com के नाम से एक वेबसाइट भी बना रहे हैं।

कैलाश आने वाले कई लोगों ने बताया है कि मानसरोवर और उसके आस-पास के स्थानों पर तीर्थयात्रियों के ठहरने, शौचालय, चिकित्सा और यात्रा के लिए शायद ही कोई सुविधा है। उनका इरादा तीर्थयात्रियों के लिए वहां भी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने का है और इसके लिए वे भारत और चीन सरकार के साथ मिलकर काम करना चाहते हैं। आचार्य हरि गुप्ता को पूरा विश्वास है कि यह काम जल्द ही पूरा हो जाएगा क्योंकि इस आंदोलन का मार्गदर्शन स्वयं भोलेनाथ कर रहे हैं। यह भोलेनाथ की ही कृपा है कि 4 महीने पहले एक व्यक्ति द्वारा शुरू किया गया प्रयास अब करोड़ों लोगों तक पहुँच रहा है। वे सभी शिवभक्तों, मीडिया, अधिकारियों और राजनेताओं से अपील कर रहे हैं कि वे इस बारे में आवाज उठाएं और इसे जल्द से जल्द हल करने के लिए मिलकर काम करें ताकि शिवभक्त बिना किसी प्रतिबंध, भय या परेशानी के इस पवित्र स्थान की यात्रा करके अपने इष्ट देव की पूजा से आध्यात्मिक लाभ उठाएँ।

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