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उत्तर प्रदेश

उमस भरी गर्मी और खेती-किसानी के मौसम में जारी रखें पर्याप्त बिजली आपूर्ति: मुख्यमंत्री

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 लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को एक उच्च स्तरीय बैठक में विद्युत आपूर्ति, खाद आपूर्ति, नहरों में पानी और निराश्रित गोवंश को लेकर समीक्षा बैठक की। इस दौरान उन्होंने आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि उमस भरी गर्मी और खेती-किसानी के मौसम में पर्याप्त विद्युत आपूर्ति की जाए। कहीं भी अनावश्यक कटौती न हो। उन्होंने निर्देश दिए कि टोल फ्री नंबर 1912 एक्टिव रखने के साथ ही उपभोक्ता की आने वाली कॉल पर प्रतिक्रिया जरूर दी जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ऊर्जा विभाग के मंत्री के पास हर डिस्कॉम के हर दिन की स्थिति का पूरा विवरण होना चाहिए। मांग और आपूर्ति पर माननीय मंत्री द्वारा स्वयं नजर रखी जाए।उन्होंने यह भी कहा कि सभी मंत्रिगण माननीय जनप्रतिनिधियों से मिलने के लिए एक समय नियत करें। जनप्रतिनिधियों से लगातार संवाद बनाए रखें उनकी अपेक्षाओं, आवश्यकताओं को समझें और यथोचित निराकरण कराएं। उन्होंने कहा कि भूमिगत बिजली केबल डालने से पहले स्थानीय प्रशासन के साथ बैठक करके रणनीति तय करें। कब, कहाँ, कैसे केबल डालनी है, मिलकर तय करें। आमजन की सुविधा का पूरा ध्यान रखें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि फीडर के अनुसार विभाग से जुड़े कर्मियों को इंचार्ज बनाएं और उनकी जवाबदेही सुनिश्चित करें। साथ ही जिन क्षेत्रों में आवश्यक हेतु विद्युत कटौती करनी पड़ रही है, वहां पर दिन में अतिरिक्त विद्युत की आपूर्ति करें। उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों में सिर्फ टिब्यूएल के माध्यम से सिंचाई के लिए पानी की उपलब्धता है, वहां के कृषि फीडर को रोस्टर के अनुसार 12 घंटे विद्युत की आपूर्ति अवश्य करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पुराने विद्युत प्लांट के क्षमता विस्तार और नए विद्युत प्लांट की स्थापना के कार्य में तेजी लाएं। घरेलू और औद्योगिक क्षेत्र में दिन के समय विद्युत कटौती न हो इसका विशेष ध्यान रखें। उन्होंने कहा ऐसा मैकेनिज्म विकसित करें कि डिस्कॉम, जोनल, जनपद और फिर स्टार की जवाबदेही तय की जा सके। सीएम योगी ने कहा की बिजली चोरी के मामलों में पहले की अपेक्षा काफी अंकुश लगा है, इसको और बेहतर करते हुए बिजली चोरी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करें।

नहरों में पानी को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार मानसून सीजन में प्रदेश के 31 जनपदों में सामान्य से ज्यादा, वहीं 43 जनपदों में औसत से कम बारिश हुई है, जबकि प्रदेश के एक जनपद में अभी तक न के बराबर बारिश हुई है। उन्होंने निर्देशित किया कि ऐसी योजना बनाएं कि प्रदेश में बारिश हो या न हो, लेकिन हर खेत को पानी मिले। सीएम योगी ने कहा कि जिन जनपदों में राजकीय नलकूप खराब हैं, उनकी जल्द से जल्द मरम्मत कराएं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के 54 जनपदों में नहरें 80 प्रतिशत के ऊपर टेल फीड हो चुकी हैं, अवशेष जिलों में भी बेहतर व्यवस्था बनाई जाए। उन्होंने यह भी कहा कि जलाशयों में नहरों के माध्यम से पानी पहुंचाएं। साथ ही जलाशयों की डिसिल्टिंग की व्यवस्था भी सुनिश्चित करें। योजना सस्टेनेबल हो इसकी कार्ययोजना बनाएं।

खाद आपूर्ति को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में खाद की कोई कमी नहीं है। प्रदेश के लगभग हर जनपद में 20-25 दिन की खाद उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि खाद से जुड़ी समितियों के पास भी पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध है। सीएम योगी ने कहा कि प्रत्येक किसान को उसकी जरूरत के अनुसार समय से खाद प्राप्त हो, यह सुनिश्चित किया जाए। खाद की कालाबाजारी और तस्करी कर किसानों के हितों से खिलवाड़ करने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।

निराश्रित गोवंश को लेकर सीएम योगी ने कहा कि गोवंश संरक्षण के लिए प्रदेश में वृहद संरक्षण केंद्र बनाए गए हैं।उन्होंने कहा कि निराश्रित गोवंश का संरक्षण केंद्रों में चारे-भूसे का आवश्यक प्रबंध किया जाए। साथ ही सरकारी गोवंश संरक्षण केंद्र में केयर टेकर की व्यवस्था सुनिश्चित करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि गोबरधन योजना को पीपीपी मोड पर प्रदेश के अन्य जनपदों में आगे बढ़ाएं। उन्होंने कहा कि बारिश को देखते हुए निराश्रित गोवंश के लिए मुंह पका, खुरपका और गलाघोटूं से संबंधित टीकाकरण अभियान चलाएं।

बैठक में मंत्री सूर्य प्रताप शाही, स्वतंत्र देव सिंह, एके शर्मा, दिनेश खटीक, बलदेव सिंह औलख, डॉक्टर सोमेंद्र तोमर आदि की उपस्थिति रही।

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उत्तर प्रदेश

महाकुंभ में कैलाश मानसरोवर शिविर का आयोजन, एनआरआई हरि गुप्ता करेंगे मानसरोवर से जुड़े रहस्यों का पर्दाफाश

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महाकुंभ में एनआरआई हरि गुप्ता द्वारा कैलाश यात्रा शिविर कैलाश मानसरोवर से जुड़ी समस्याओं और रहस्यों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए महाकुंभ में एक शिविर का आयोजन किया गया है, जिसमें भारत और विदेश से कई मशहूर हस्तियों, अधिकारियों और सफल व्यवसायियों के शामिल होने की उम्मीद है। जिसमें चर्चित भारतीय फिल्म निर्देशक दुष्यंत प्रताप सिंह मौजूद रहेंगे । दुष्यंत प्रताप सिंह अपने बेहतरीन निर्देशन के साथ – साथ पटकथा लेखन के लिए भी मशहूर हैं और साथ ही अमरजीत मिश्रा ट्रस्टी (दिव्य प्रेम सेवा मिशन) हरिद्वार और मशहूर व्यवसायी एवं सामाजिक कार्यकर्ता सुधीर हलवासिया मौजूद रहेंगे। साथ ही सुधीर हलवासिया ने कहा कि कैलाश मानसरोवर शिविर हमारी भारतीय संस्कृति और मूल्यों को बढ़ावा देगा और उसमें सभी प्रकार से सहयोग करने की बात कही।

इस अवसर पर बॉलीवुड डायरेक्टर दुष्यंत प्रताप सिंह ने कहा कि किसी भी अन्य वासि भारतीयों द्वारा कैलाश मुक्ति अभियान के बैनर तले इतने बड़े अभियान का बीड़ा उठाना अपने आप में ही अद्भुत और बहुत साहस व लगन का विषय है और इस परिपेक्ष में सारे अन्य वासि भारतीयों को तकरीबन 15 से 20 अलग-अलग देशों के भारतीयों को एक झंडे तले लाना और अपने सांस्कृतिक विरासत के लिए आध्यात्मिक विरासत के लिए भोलेनाथ शिव के लिए संघर्ष शुरू करना अपने आप में बहुत ही प्रेरणादायक है और हम लोग भी इस कार्य में जो भी योगदान हमारा हो सकता है वो हम लोग अपना योगदान दे रहे हैं हरि गुप्ता के साथ वहीं दिव्य प्रेम सेवा मिशन के ट्रस्टी अमरजीत मिश्रा जी ने कहा भारत एक सांस्कृतिक व आध्यात्मिक देश के तौर पर वैश्विक रूप से सभी देशों का अगवा है और हरि गुप्ता जी ने यह जो प्रकल्प छेड़ा है l कैलाश मुक्ति अभियान वास्तव में ही बहुत प्रेरणादायक एवं एक अरुण संकल्प है और उन्होंने यह आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास व्यक्त किया की बहुत जल्द ही सभी भारतीयों को जो देश-विदेश पूरे विश्व में जहा जाएं उन्हें अपने आराध्य देव के दर्शन सुगम रूप से उपलब्ध हो सकें।

यह एक विडंबना है कि पिछले 5 सालों से भारतीय पासपोर्ट धारकों को मानसरोवर जाने की अनुमति नहीं है, जबकि अन्य देशों के नागरिक आसानी से वहां जा सकते हैं। किसी भी सरकार द्वारा किसी भी कारण से हिंदू धर्म की तीर्थयात्रा को रोकना उचित नहीं है। यह हिंदू शिवभक्तों के मानवाधिकारों के बिल्कुल खिलाफ है। जबकि भारत सरकार ने 50 किलोमीटर दूर से कैलाश पर्वत को देखने के लिए कुछ मार्ग बनाए हैं, लेकिन यह कुछ ऐसा है जैसे भोजन की थाली को देखना लेकिन उसे सूंघना, छूना, महसूस करना या खाना नहीं। जब भोजन को देखकर सामान्य भूख नहीं मिटती है l तो 50 किलोमीटर दूर से उसे देखने से आध्यात्मिक भूख कैसे मिटेगी।

भले ही यात्रा की अनुमति मिल गई हो, लेकिन वास्तविक यात्रा से भारतीय यात्रियों को कोई लाभ नहीं होगा। उन्हें अभी भी कैलाश की यात्रा के लिए नेपाल और उसके मागों पर निर्भर रहना पड़ता है। भारत से पिथौरागढ़ या सिक्किम के रास्ते बहुत लंबे और उबड़-खाबड़ रास्ते हैं। हरि गुप्ता दिल्ली से कैलाश के लिए सीधी चार्टर उड़ानें शुरू करने के इच्छुक हैं और एयरलाइन ऑपरेटरों से बातचीत कर रहे हैं। दिल्ली से कैलाश तक की केवल 500 किमी की उड़ान है।

आचार्य हरि गुप्ता विदेश में 30 से अधिक वर्षों से रह रहे हैं और एक सफल व्यवसायी है। उन्होंने भोलेनाथ ने कई बार दर्शन किए हैं और कैलाश मुक्ति के लिए आवश्यक कार्य करने के लिए मार्गदर्शन दिया है। वे इस अनुभव को भोलेनाथ की लीला के रूप में भी लिख रहे हैं। आचार्य हरि गुप्ता ने कहा कि कैलाश न केवल हिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण है बल्कि यह सिख, जैन और बौद्धों के लिए भी उतना ही महत्वपूर्ण है। ऐसा कहा जाता है कि सिखों के पहले गुरु गुरुनानक जी ने भी कैलाश की यात्रा की थी।

पहले जैन गुरु ऋषभदेव जी ने भी कैलाश की यात्रा की थी। आचार्य हरि गुप्ता को भोलेनाथ ने कई रहस्य बताए हैं जैसे पांच कैलाश हैं, जिनमें भोलेनाथ की अलग-अलग लीलाएं हैं। इनमें से एक मुख्य कैलाश वर्तमान में तिब्बत के अंतर्गत है, जो चीन के अंतर्गत आता है। उन्हें रहस्यमयी तरीके से कई लोगों से मिलने का मौका भी मिलता है, जिनमें से एक ने भगवान शिव के एक मंदिर के बारे में बताया है जो कैलाश के पास है और जिसके बारे में शायद ही कोई जानता हो, जिसकी ऑडियो रिकॉर्डिंग उनके पास है।

यह अद्भुत शिव मंदिर पास के शहर में एक पहाड़ पर है और सीढ़ियाँ चढ़कर पहुँचा जा सकता है। इसके एक तरफ पानी का झरना है। इसकी परिक्रमा के चारों ओर गहरी घाटी है। भक्तों को खीर का प्रसाद दिया जाता है जिसे चावल को सिर्फ़ इतना पकाकर मीठा किया जाता है कि वह मीठा हो जाए और उसमें कोई मीठा पदार्थ नहीं मिलाया जाता। आगंतुकों को कभी-कभी चार काले कुत्ते भी दिखाई देते हैं जिन्हें चार वेदों का प्रतीक माना जाता है। मंदिर को हर साल पशुपति नाथ मंदिर से पहला एकमुखी रुद्राक्ष भी मिलता है जिस पर नेपाल के राजा का पहला अधिकार होता है।

कुछ साल पहले कैलाश की यात्रा करने वाले संजय जैन ने उन्हें मानसरोवर ताल के बारे में कुछ रहस्य भी बताए हैं। उन्होंने बताया कि मानसरोवर झील में कई पत्थर हैं जिन पर ओम, सांप या डमरू के प्राकृतिक निशान हैं। उन्होंने न केवल उन्हें अपनी आँखों से देखा है बल्कि उन्हें अपने साथ भी लाया है। सत्यापन के लिए दिल्ली में भी ऐसे दो पत्थर उपलब्ध हैं।

दूसरा रहस्य यह है कि मानसरोवर ताल के पास पक्षी किसी से भी भोजन ले लेते हैं जबकि राक्षस ताल के पास पक्षी कोई भी भोजन स्वीकार नहीं करते। यह जानकर आश्चर्य होता है कि यहाँ दो ताल हैं, एक में मीठा और साफ पानी है जबकि दूसरे में वह नहीं है। एक में लहरें हैं और दूसरे में नहीं। एक बर्फ में जम जाता है जबकि दूसरा नहीं। भोलेनाथ द्वारा दी गई एक बहुत ही महत्वपूर्ण अंत र्दृष्टि यह है कि जब हम गूगल मैप को 180 डिग्री घुमाते हैं- तो हम झीलों के आकार को शिवलिंग और योनि के रूप में पहचान सकते हैं।

आचार्य हरि गुप्ता सभी संतों से संपर्क कर रहे हैं और उन्हें इसके लिए आवाज उठाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। उन्होंने इसके लिए सांसदों को ईमेल के जरिए पत्र भी भेजे हैं। भोलेनाथ की प्रेरणा से उन्होंने जय कैलाश नाम से एक भजन भी लिखा है जिसमें भगवान शिव, कैलाश पर्वत और उसके महत्व के बारे में आसानी से बताया गया है। यह गीत Youtube.com/@JaiKailasha पर है। गौरतलब है कि 60 साल के अपने पूरे जीवन में उन्होंने शायद ही कभी संगीत सुना हो और कभी कोई कविता या गीत नहीं लिखा हो। आचार्य हरि गुप्ता इस उद्देश्य के लिए www.kailashmukti.com के नाम से एक वेबसाइट भी बना रहे हैं।

कैलाश आने वाले कई लोगों ने बताया है कि मानसरोवर और उसके आस-पास के स्थानों पर तीर्थयात्रियों के ठहरने, शौचालय, चिकित्सा और यात्रा के लिए शायद ही कोई सुविधा है। उनका इरादा तीर्थयात्रियों के लिए वहां भी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने का है और इसके लिए वे भारत और चीन सरकार के साथ मिलकर काम करना चाहते हैं। आचार्य हरि गुप्ता को पूरा विश्वास है कि यह काम जल्द ही पूरा हो जाएगा क्योंकि इस आंदोलन का मार्गदर्शन स्वयं भोलेनाथ कर रहे हैं। यह भोलेनाथ की ही कृपा है कि 4 महीने पहले एक व्यक्ति द्वारा शुरू किया गया प्रयास अब करोड़ों लोगों तक पहुँच रहा है। वे सभी शिवभक्तों, मीडिया, अधिकारियों और राजनेताओं से अपील कर रहे हैं कि वे इस बारे में आवाज उठाएं और इसे जल्द से जल्द हल करने के लिए मिलकर काम करें ताकि शिवभक्त बिना किसी प्रतिबंध, भय या परेशानी के इस पवित्र स्थान की यात्रा करके अपने इष्ट देव की पूजा से आध्यात्मिक लाभ उठाएँ।

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