पंजाब
पंजाब में जहरीली शराब से मरने वालों की संख्या बढ़कर हुई 21, पांच ने आज तोड़ा दम
संगरूर। पंजाब के संगरूर जहरीली शराब की घटना में मरने वालों की संख्या बढ़कर 21 हो गई है। 5 लोगों ने आज यानी शनिवार को दम तोड़ दिया। गुज्जरा , उपली , डंडोली में 12 लोगों की मौत हुई जबकि सुनाम में कुल 9 लोगों की मौत हुई है। इस पूरे मामले की जांच के लिए प्रशासन ने एक उच्चस्तरीय कमेटी का गठन किया है।
जानकारी के मुताबिक एडीजीपी कानून एवं व्यवस्था गुरिंदर ढिल्लों आईपीएस की अध्यक्षता में चार सदस्यीय एसआईटी, जिसमें डीआईजी पटियाला रेंज हरचरण भुल्लर आईपीएस, एसएसपी संगरूर सरताज चहल आईपीएस और अतिरिक्त आयुक्त (आबकारी) नरेश दुबे शामिल हैं, जांच की निगरानी करेंगे।
उधर, संगरूर के सिविल सर्जन डॉ. कृपाल सिंह ने बताया कि बुधवार से अब तक हमारे पास 40 मरीज आए हैं। 40 में से 21 मरीजों की जान चली गई है। 11 को पटियाला के राजिंदर अस्पताल में रेफर किया गया है। 6 लोगों को संगरूर सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। तीन मरीज डॉक्टर से सलाह लिए बिना चले गए हैं।
पंजाब
पंजाब के स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिलों के सिविल सर्जनों को HMPV वायरस को लेकर अलर्ट जारी किया
चंडीगढ़। चीन से फैले कोरोना वायरस जैसे ह्यूमन मेटान्यूमो वायरस (HMPV)के भारत में दस्तक देने के बाद केंद्र सरकार के निर्देशों पर सभी राज्यों को निगरानी बढ़ाने का आदेश दिया, जिसे लेकर पंजाब के स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिलों के सिविल सर्जनों को इस वायरस को लेकर अलर्ट कर दिया गया है। पंजाब में बुजुर्गों और बच्चों को मास्क पहनने की सलाह दी गई है।
बता दें कि अब तक 6 राज्यों में कुल 12 मामले सामने आ चुके हैं। गुरुवार(10 जनवरी) को को 3 नए मामलों की पुष्टि हुई। उत्तर प्रदेश के लखनऊ में 60 साल की महिला पॉजिटिव मिली है। गुजरात के अहमदाबाद में 80 साल के बुजुर्ग और हिम्मतनगर में 7 साल का एक बच्चा HMPV संक्रमित मिले हैं। महाराष्ट्र और गुजरात में अब तक 3-3, कर्नाटक और तमिलनाडु में 2-2, पश्चिम बंगाल और यूपी में 1-1 मामले सामने आए हैं। HMPV के बढ़ते मामलों को देखते हुए राज्यों में सतर्कता बढ़ाई गई है। अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड बनाए जा रहे हैं।
HMPV क्या है और कैसे फैलता है?
HMPV एक RNA वायरस है। यह वायरस इंसानों के श्वसन तंत्र पर अटैक करता है। HMPV संक्रमितों में बुखार, खांसी, गले में खराश और सांस लेने में कठिनाई जैसे लक्षण नजर आने लगते हैं। यह खांसी-छींक या दूषित सतह के संपर्क के आने से फैलता है। HMPV से सबसे अधिक खतरा छोटे बच्चों और बुजुर्गों को होता है। WHO के मुताबिक, यह वायरस 2001 में पहली बार पाया गया था। यह कोरोना की तरह तेजी से नहीं फैलता। हालांकि, ठंड के मौसम में इसका असर ज्यादा देखने को मिलता है।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
AIIMS के पूर्व डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि यह वायरस नया नहीं है। इसका इलाज एंटीबायोटिक्स से नहीं किया जा सकता। ज्यादातर मामलों में मरीज अपने आप ठीक हो जाते हैं। कोविडRx एक्सचेंज के फाउंडर डॉ. शशांक हेडा ने बताया कि HMPV को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है। यह साधारण संक्रमण जैसा है। ठंड के मौसम में इसके मामले बढ़ते हैं। HMPV से बचने के लिए विशेषज्ञों ने मास्क पहनने और भीड़ से बचने की सलाह दी है।
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