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हेल्थ

डायबिटीज के मरीज रखें ध्यान, ये सब्जी खाने से होगा फायदा

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नई दिल्ली। डायबिटीज में डाइट को संतुलित रखना बेहद जरूरी होता है। कोशिश करना चाहिए कि लो ग्लाइसेमिक इंडैक्स वाली चीजों को खाएं जिससे शुगर स्पाइक न हो। साथ ही उन फूड्स का सेवन करें जो कि फाइबर और रफेज से भरपूर है। इसके अलावा कोशिश करें कि मेटाबोलिक रेट बढ़ाने वाली चीजों को खाएं। ऐसी ही एक चीज है लौकी।

लौकी का सेवन आपके शरीर में मेटाबोलिक रेट को बढ़ाने में मददगार है। इसके अलावा इसका फाइबर और रफेज पाचन क्रिया को तेज करता है और ग्लूकोज ते प्रोडक्शन को कंट्रोल करता है। पर आपको लौकी ऐसे खाना चाहिए कि शरीर को इससे ज्यादा से ज्यादा फायदा मिले

डायबिटीज में लौकी खाने के फायदे:

तेजी से पचाता है शुगर: लौकी शुगर पचाने की गति को तेज करता है और पाचन क्रिया में तेजी लाता है। इसके अलावा ये इंसुलिन के प्रोडक्शन को बढ़ा देता है जिससे शुगर अपने आप तेजी से पचने लगता है। इसके अलावा लौकी लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाला है जो कि आसानी से पच जाता है।

फास्टिंग ग्लूकोज भी रहेगा कंट्रोल: लौकी फास्टिंग ग्लूकोज को कंट्रोल करने में मदद करता है। फास्टिंग ग्लूकोज का एक बड़ा कारण लंबे समय तक रहने वाला कब्ज भी है जिसकी वजह से शुगर कंट्रोल करने में दिक्कत होती है। तो, जब आप लौकी का चोखा खाते हैं तो ये कब्ज की समस्या को कम करने में मदद करता है और फास्टिंग शुगर को कम करने में मदद करता है। तो, इन तमाम कारणों से डायबिटीज में लोगों को लौकी का चोखा खाना चाहिए।

 

 

 

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नेशनल

भारत में HMPV वायरस से पीड़ितों की संख्या हुई आठ, मुंबई के हीरानंदानी अस्पताल में छह माह की बच्ची मिली संक्रमित

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नई दिल्ली। चीन के बाद भारत में एमएमपीवी की दस्तक हो गई है। इससे चिंता बढ़ गई है। अब एक नया केस मुंबई में मिला है। मुंबई के पवई स्थित हीरानंदानी अस्पताल में छह माह की बच्ची में HMPV वायरस से पीड़ित मिली है। इसे मिलाकर भारत में अब तक कुल आठ मामले सामने आ चुके हैं. बेंगलुरु, नागपुर और तमिलनाडु में दो-दो और अहमदाबाद और मुंबई में HMPV के एक-एक मामले सामने आए हैं।

चीन में वायरस का संक्रमण बढ़ रहा है, जिससे लोग डर रहे हैं। कुछ लोग इसकी तुलना कोविड-19 से करने लगे हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा है कि HMPV कोई नया वायरस नहीं है। पहली बार साल 2001 में इसकी पहचान हुई थी। वर्षों से दुनियाभर में फैल रहा है। चीन में HMPV के मामलों में बढ़ोत्तरी हुई है। भारत की इस पर नजर है। मुंबई की जिस बच्ची में HMPV का मामला पाया गया है, वह महज छह माह की है। खांसी, सीने में जकड़न और ऑक्सीजन स्तर 84 परसेंट से नीचे गिरने के कारण बच्ची को एक जनवरी को अस्पताल में भर्ती किया गया था। डॉक्टरों ने रैपिड पीसीआर टेस्ट के जरिए पुष्टि की कि वह HMPV से संक्रमित है।

मामले में बीएमसी स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि उन्हें मामले में कोई रिपोर्ट नहीं मिली है। उन्होंने इन्फ्लूएंजा और गंभीर सांस की बीमारी की निगरानी बढ़ा दी है। HMPV बुजुर्गों और बच्चों को प्रभावित करता है लेकिन ये कोविड-19 जैसा नहीं होगा।

किनको HMPV वायरस से ज्यादा खतरा?

इस वायरस से खासकर छोटे बच्चों, बुजुर्गों और कम इम्युनिटी वाले लोगों में ही गंभीर संक्रमण हो सकता है। ज्यादातर लोगों को खांसी-जुकाम जैसा लगता है, जो जल्द ठीक हो जाता है। केंद्र सरकार ने इसे लेकर एडवाइजरी जारी कर कहा है कि इससे डरने की जरूरत नहीं है और राज्य सरकारें भी सतर्क रहें।

HMPV क्या है?

ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) सांस संबंधी बीमारी की वजह बनने वाले वायरस है। इस वायरस का पता पहली बार साल 2001 में चला था.इस वायरस का संबंध पैरामाइक्सोविरिडे परिवार से है। यह ‘रेस्पिरेटरी सिंकाइटियल वायरस’ (आरएसवी) से निकटता से संबंधित है।

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