उत्तर प्रदेश
डबल इंजन की सरकार सपने नहीं दिखाती, हकीकत बुनती है : सीएम योगी
मुरादाबाद। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को यहां आवास विकास मैदान में एक बड़ी जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान सीएम योगी मीरजापुर में आयोजित जनसभा से भी वर्चुअली जुड़े। मुख्यमंत्री ने मुरादाबाद और मीरजापुर के लिए एक-एक राज्य विश्वविद्यालयों का शिलान्यास किया। इसमें मुरादाबाद में ₹167 करोड़ की लागत से 50 एकड़ में उत्तर प्रदेश राज्य विश्वविद्यालय सहित ₹ 513.35 करोड़ की 112 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास सीएम योगी ने किया। इसके अलावा मीरजापुर में ₹155 करोड़ की लागत से 25.500 हेक्टेयर में मां विंध्यवासिनी राज्य विश्वविद्यालय का शिलान्यास मुख्यमंत्री के कर-कमलों से हुआ। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने मुरादाबाद में बनने वाले विश्वविद्यालय का नाम गुरु जम्भेश्वर के नाम पर रखने की घोषणा की।
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि मुरादाबाद और मीरजापुर में दशकों पुरानी मांग आज पूरी होने जा रही है। इन दोनों विश्वविद्यालयों को विश्वस्तरीय बनाने के लिए धन की व्यवस्था की गई है। सीएम योगी ने कहा कि हमारा संकल्प था कि हर कमिश्नरी में एक विश्वविद्यालय हो, आज ये संकल्प मीरजापुर और मुरादाबाद में नये विश्वविद्यालयों के शिलान्यास के साथ पूरा हो रहा है। उन्होंने कहा कि सरकारी विश्वविद्यालयों के साथ ही निजी विश्वविद्यालयों को भी आगे बढ़ाया जाएगा। एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का वातावरण बनेगा। मगर सरकारी विश्वविद्यालयों में क्वालिटी के साथ कोई कॉम्प्रोमाइज नहीं किया जाएगा। इसके साथ ही हम वन डिस्ट्रिक्ट वन मेडिकल कॉलेज की भी स्थापना कर रहे हैं, हमारा संकल्प प्रत्येक जिले में एक मेडिकल कॉलेज बनाना है, जो बहुत जल्द पूरा होने जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों ने सबसे पहले शिक्षा व्यवस्था को ध्वस्त किया, स्वास्थ्य व्यवस्था को बर्बाद किया, व्यापारियों और बेटियों को असुरक्षित किया। प्रदेश को दंगों और कर्फ्यू की आग में झोंक दिया, जिससे हमारे नौजवानों के सामने पहचान का संकट आ गया। व्यापारी अपना उद्योग धंधा छोड़-छोड़कर भागने लगे। विकास के कार्य में भाई-भतीजावाद हावी हो गया। चहुंओर अराजकता का तांडव छाने लगा। नतीजन अनलिमिटेड पोटेंशियल वाला ये प्रदेश अपनी पहचान छिपाने के लिए मजबूर कर दिया गया। मगर बीते सात साल में हुआ विकास किसी से छिपा नहीं है। सुरक्षा का बेहतर माहौल स्थापित हुआ है। लाखों करोड़ की निवेश परियोजनाएं धरातल पर उतर रही हैं। रोजगार के नये नये अवसर सृजित हो रहे हैं। सीएम योगी ने कहा कि डबल इंजन की सरकार केवल सपने ही नहीं दिखाती, यह हकीकत बुनती हैं, इसीलिए जनता बार बार मोदी जी को चुनती है। सरकार की नीयत साफ हो तो जनता की बात होती है, सुरक्षा, सड़क, स्वास्थ्य की बात होती है। इसी कड़ी में आज मुरादाबाद और मीरजापुर में बहु प्रतीक्षित विश्वविद्यालय का शिलान्यास हो रहा है।
इस अवसर पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष चौधरी भूपेन्द्र सिंह, मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय, विधायक रितेश गुप्ता, एमएलसी डॉ. जयपाल सिंह ‘व्यस्त’, सत्यपाल सिंह सैनी, हरि सिंह ढिल्लो, गोपाल अंजान, महापौर विनोद अग्रवाल, जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. शैफाली सिंह, विधायक सुशांत सिंह, भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष सत्येन्द्र सिसोदिया, पूर्व सांसद सर्वेश सिंह, जिलाध्यक्ष आकाश पाल, महानगर अध्यक्ष संजय शर्मा सहित भाजपा के सभी पदाधिकारीगण व मीरजापुर के कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल, राज्यमंत्री रजनी तिवारी, विधायकगण रमा शंकर सिंह पटेल, योगेन्द्र उपाध्याय, रत्नाकर मिश्र आदि मौजूद रहे।
लोकार्पित होने वाली प्रमुख परियोजनाएं
16 वृहद गो-आश्रय स्थल, ऑपरेशन कायाकल्प फॉर गवर्नमेंट स्कूल, मेटल हैंडीक्राफ्ट सर्विस सेंटर, प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत ग्रामसभा सोनकपुर में 176 (जी+3) दुर्बल आय वर्ग के भवन, ब्लॉक मुरादाबाद के सिहाली उर्फ गनीमतनगर में राजकीय इंटर कॉलेज, ब्लॉक डिलारी के फरीदपुर भेंडी में राजकीय इंटर कॉलेज, ब्लॉक भगतपुर टांडा के टाह मदन में राजकीय इंटर कॉलेज, ब्लॉक ठाकुरद्वारा के रामूवाला गणेश में राजकीय इंटर कॉलेज, प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम के अंतर्गत महलकपुर माफी ग्रामीण पेयजल परियोजना का लोकार्पण सीएम योगी ने किया।
शिलान्यास होने वाली प्रमुख परियोजनाएं
गन्ना किसान संस्थान प्रशिक्षण केंद्र का प्रशासनिक भवन, छात्रावास भवन, आवासीय भवन एवं अन्य भवन, 24वीं वाहिनी पीएसी की भागीरथी कॉलोनी में टाइप-वी (प्रथम) के 8 नग (जी+1) आवासीय भवन, एनसीएपी निधि के अंतर्गत ग्रीन हेरिटेज ट्राएंगल में वृक्षों का संरक्षण, आई.ई.सी. एवं हेरिटेज रोड पर अन्य विकास कार्य रेलवे स्टेशन रोड पर 300 मीटर फसाड एवं इम्पीरियल तिराहे पर तिरंगे की स्थापना, ब्लॉक डिलारी स्थित चंद्रदेव महाराजा मंदिर का पर्यटन विकास, ट्रेन्चिंग ग्राउंड स्थित प्रोसेसिंग साइट में निर्मित विंडो पैड का विस्तारीकरण, सिटी ब्रांडिंग परियोजना के अंतर्गत सोंदर्यीकरण के 8 कार्य, थाना मझौला, मूंढापांडे एवं मैनाठेर में हॉस्टल/बैरक एवं विवेचना कक्ष का शिलान्यास मुख्यमंत्री ने किया।
उत्तर प्रदेश
महाकुंभ में कैलाश मानसरोवर शिविर का आयोजन, एनआरआई हरि गुप्ता करेंगे मानसरोवर से जुड़े रहस्यों का पर्दाफाश
महाकुंभ में एनआरआई हरि गुप्ता द्वारा कैलाश यात्रा शिविर कैलाश मानसरोवर से जुड़ी समस्याओं और रहस्यों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए महाकुंभ में एक शिविर का आयोजन किया गया है, जिसमें भारत और विदेश से कई मशहूर हस्तियों, अधिकारियों और सफल व्यवसायियों के शामिल होने की उम्मीद है। जिसमें चर्चित भारतीय फिल्म निर्देशक दुष्यंत प्रताप सिंह मौजूद रहेंगे । दुष्यंत प्रताप सिंह अपने बेहतरीन निर्देशन के साथ – साथ पटकथा लेखन के लिए भी मशहूर हैं और साथ ही अमरजीत मिश्रा ट्रस्टी (दिव्य प्रेम सेवा मिशन) हरिद्वार और मशहूर व्यवसायी एवं सामाजिक कार्यकर्ता सुधीर हलवासिया मौजूद रहेंगे। साथ ही सुधीर हलवासिया ने कहा कि कैलाश मानसरोवर शिविर हमारी भारतीय संस्कृति और मूल्यों को बढ़ावा देगा और उसमें सभी प्रकार से सहयोग करने की बात कही।
इस अवसर पर बॉलीवुड डायरेक्टर दुष्यंत प्रताप सिंह ने कहा कि किसी भी अन्य वासि भारतीयों द्वारा कैलाश मुक्ति अभियान के बैनर तले इतने बड़े अभियान का बीड़ा उठाना अपने आप में ही अद्भुत और बहुत साहस व लगन का विषय है और इस परिपेक्ष में सारे अन्य वासि भारतीयों को तकरीबन 15 से 20 अलग-अलग देशों के भारतीयों को एक झंडे तले लाना और अपने सांस्कृतिक विरासत के लिए आध्यात्मिक विरासत के लिए भोलेनाथ शिव के लिए संघर्ष शुरू करना अपने आप में बहुत ही प्रेरणादायक है और हम लोग भी इस कार्य में जो भी योगदान हमारा हो सकता है वो हम लोग अपना योगदान दे रहे हैं हरि गुप्ता के साथ वहीं दिव्य प्रेम सेवा मिशन के ट्रस्टी अमरजीत मिश्रा जी ने कहा भारत एक सांस्कृतिक व आध्यात्मिक देश के तौर पर वैश्विक रूप से सभी देशों का अगवा है और हरि गुप्ता जी ने यह जो प्रकल्प छेड़ा है l कैलाश मुक्ति अभियान वास्तव में ही बहुत प्रेरणादायक एवं एक अरुण संकल्प है और उन्होंने यह आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास व्यक्त किया की बहुत जल्द ही सभी भारतीयों को जो देश-विदेश पूरे विश्व में जहा जाएं उन्हें अपने आराध्य देव के दर्शन सुगम रूप से उपलब्ध हो सकें।
यह एक विडंबना है कि पिछले 5 सालों से भारतीय पासपोर्ट धारकों को मानसरोवर जाने की अनुमति नहीं है, जबकि अन्य देशों के नागरिक आसानी से वहां जा सकते हैं। किसी भी सरकार द्वारा किसी भी कारण से हिंदू धर्म की तीर्थयात्रा को रोकना उचित नहीं है। यह हिंदू शिवभक्तों के मानवाधिकारों के बिल्कुल खिलाफ है। जबकि भारत सरकार ने 50 किलोमीटर दूर से कैलाश पर्वत को देखने के लिए कुछ मार्ग बनाए हैं, लेकिन यह कुछ ऐसा है जैसे भोजन की थाली को देखना लेकिन उसे सूंघना, छूना, महसूस करना या खाना नहीं। जब भोजन को देखकर सामान्य भूख नहीं मिटती है l तो 50 किलोमीटर दूर से उसे देखने से आध्यात्मिक भूख कैसे मिटेगी।
भले ही यात्रा की अनुमति मिल गई हो, लेकिन वास्तविक यात्रा से भारतीय यात्रियों को कोई लाभ नहीं होगा। उन्हें अभी भी कैलाश की यात्रा के लिए नेपाल और उसके मागों पर निर्भर रहना पड़ता है। भारत से पिथौरागढ़ या सिक्किम के रास्ते बहुत लंबे और उबड़-खाबड़ रास्ते हैं। हरि गुप्ता दिल्ली से कैलाश के लिए सीधी चार्टर उड़ानें शुरू करने के इच्छुक हैं और एयरलाइन ऑपरेटरों से बातचीत कर रहे हैं। दिल्ली से कैलाश तक की केवल 500 किमी की उड़ान है।
आचार्य हरि गुप्ता विदेश में 30 से अधिक वर्षों से रह रहे हैं और एक सफल व्यवसायी है। उन्होंने भोलेनाथ ने कई बार दर्शन किए हैं और कैलाश मुक्ति के लिए आवश्यक कार्य करने के लिए मार्गदर्शन दिया है। वे इस अनुभव को भोलेनाथ की लीला के रूप में भी लिख रहे हैं। आचार्य हरि गुप्ता ने कहा कि कैलाश न केवल हिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण है बल्कि यह सिख, जैन और बौद्धों के लिए भी उतना ही महत्वपूर्ण है। ऐसा कहा जाता है कि सिखों के पहले गुरु गुरुनानक जी ने भी कैलाश की यात्रा की थी।
पहले जैन गुरु ऋषभदेव जी ने भी कैलाश की यात्रा की थी। आचार्य हरि गुप्ता को भोलेनाथ ने कई रहस्य बताए हैं जैसे पांच कैलाश हैं, जिनमें भोलेनाथ की अलग-अलग लीलाएं हैं। इनमें से एक मुख्य कैलाश वर्तमान में तिब्बत के अंतर्गत है, जो चीन के अंतर्गत आता है। उन्हें रहस्यमयी तरीके से कई लोगों से मिलने का मौका भी मिलता है, जिनमें से एक ने भगवान शिव के एक मंदिर के बारे में बताया है जो कैलाश के पास है और जिसके बारे में शायद ही कोई जानता हो, जिसकी ऑडियो रिकॉर्डिंग उनके पास है।
यह अद्भुत शिव मंदिर पास के शहर में एक पहाड़ पर है और सीढ़ियाँ चढ़कर पहुँचा जा सकता है। इसके एक तरफ पानी का झरना है। इसकी परिक्रमा के चारों ओर गहरी घाटी है। भक्तों को खीर का प्रसाद दिया जाता है जिसे चावल को सिर्फ़ इतना पकाकर मीठा किया जाता है कि वह मीठा हो जाए और उसमें कोई मीठा पदार्थ नहीं मिलाया जाता। आगंतुकों को कभी-कभी चार काले कुत्ते भी दिखाई देते हैं जिन्हें चार वेदों का प्रतीक माना जाता है। मंदिर को हर साल पशुपति नाथ मंदिर से पहला एकमुखी रुद्राक्ष भी मिलता है जिस पर नेपाल के राजा का पहला अधिकार होता है।
कुछ साल पहले कैलाश की यात्रा करने वाले संजय जैन ने उन्हें मानसरोवर ताल के बारे में कुछ रहस्य भी बताए हैं। उन्होंने बताया कि मानसरोवर झील में कई पत्थर हैं जिन पर ओम, सांप या डमरू के प्राकृतिक निशान हैं। उन्होंने न केवल उन्हें अपनी आँखों से देखा है बल्कि उन्हें अपने साथ भी लाया है। सत्यापन के लिए दिल्ली में भी ऐसे दो पत्थर उपलब्ध हैं।
दूसरा रहस्य यह है कि मानसरोवर ताल के पास पक्षी किसी से भी भोजन ले लेते हैं जबकि राक्षस ताल के पास पक्षी कोई भी भोजन स्वीकार नहीं करते। यह जानकर आश्चर्य होता है कि यहाँ दो ताल हैं, एक में मीठा और साफ पानी है जबकि दूसरे में वह नहीं है। एक में लहरें हैं और दूसरे में नहीं। एक बर्फ में जम जाता है जबकि दूसरा नहीं। भोलेनाथ द्वारा दी गई एक बहुत ही महत्वपूर्ण अंत र्दृष्टि यह है कि जब हम गूगल मैप को 180 डिग्री घुमाते हैं- तो हम झीलों के आकार को शिवलिंग और योनि के रूप में पहचान सकते हैं।
आचार्य हरि गुप्ता सभी संतों से संपर्क कर रहे हैं और उन्हें इसके लिए आवाज उठाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। उन्होंने इसके लिए सांसदों को ईमेल के जरिए पत्र भी भेजे हैं। भोलेनाथ की प्रेरणा से उन्होंने जय कैलाश नाम से एक भजन भी लिखा है जिसमें भगवान शिव, कैलाश पर्वत और उसके महत्व के बारे में आसानी से बताया गया है। यह गीत Youtube.com/@JaiKailasha पर है। गौरतलब है कि 60 साल के अपने पूरे जीवन में उन्होंने शायद ही कभी संगीत सुना हो और कभी कोई कविता या गीत नहीं लिखा हो। आचार्य हरि गुप्ता इस उद्देश्य के लिए www.kailashmukti.com के नाम से एक वेबसाइट भी बना रहे हैं।
कैलाश आने वाले कई लोगों ने बताया है कि मानसरोवर और उसके आस-पास के स्थानों पर तीर्थयात्रियों के ठहरने, शौचालय, चिकित्सा और यात्रा के लिए शायद ही कोई सुविधा है। उनका इरादा तीर्थयात्रियों के लिए वहां भी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने का है और इसके लिए वे भारत और चीन सरकार के साथ मिलकर काम करना चाहते हैं। आचार्य हरि गुप्ता को पूरा विश्वास है कि यह काम जल्द ही पूरा हो जाएगा क्योंकि इस आंदोलन का मार्गदर्शन स्वयं भोलेनाथ कर रहे हैं। यह भोलेनाथ की ही कृपा है कि 4 महीने पहले एक व्यक्ति द्वारा शुरू किया गया प्रयास अब करोड़ों लोगों तक पहुँच रहा है। वे सभी शिवभक्तों, मीडिया, अधिकारियों और राजनेताओं से अपील कर रहे हैं कि वे इस बारे में आवाज उठाएं और इसे जल्द से जल्द हल करने के लिए मिलकर काम करें ताकि शिवभक्त बिना किसी प्रतिबंध, भय या परेशानी के इस पवित्र स्थान की यात्रा करके अपने इष्ट देव की पूजा से आध्यात्मिक लाभ उठाएँ।
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