Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

उत्तर प्रदेश

माफिया के लिए महा काल है डबल इंजन की सरकार : मुजफ्फरनगर में  बोले सीएम योगी

Published

on

CM Yogi in Muzaffarnagar

Loading

मुजफ्फरनगर। माफिया, भ्रष्टाचारी, अपराधी और बहन बेटियों की इज्जत के साथ खिलवाड़ करने वालों के लिए डबल इंजन की सरकार महा काल है। बेटियों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने वाला कोई भी हो वो धरती पर नहीं रसातल में जाएगा। मुजफ्फरनगर में जो लोग पहले लोगों का पलायन कराते थे आज वो खुद पलायन कर चुके हैं।

ये बातें शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यहां जनसभा को संबोधित करते हुए कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि ये उनका सौभाग्य है कि उन्हें भागवत भूमि शुक्रतीर्थ आने और यहां अक्षय वट को देखने का अवसर मिला है। प्रदेश सरकार बहुत जल्द शुक्रतीर्थ विकास परिषद् का गठन करने जा रही है, इसे लेकर तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। इससे पूर्व उन्होंने पौधरोपण करते हुए प्रदेशवासियों से एक-एक पेड़ लगाने की अपील की। मुख्यमंत्री ने शुक्रतीर्थ में गायों को गुड़ खिलाया और मां गंगा की आरती भी की।

मां गंगा की पवित्र धारा का शुक्रतीर्थ से होकर गुजरने का सपना हुआ साकार

जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि लगभग चार वर्ष बाद उन्हें भागवत भूमि का दर्शन करने का अवसर प्राप्त हुआ है। मां गंगा की पवित्र धारा का शुक्रतीर्थ से होकर गुजरने का सपना आज साकार हो रहा है। मां गंगा इस लोक में कोटि कोटि जीवों के जीवन में सुख और समृद्धि का संचार कर रही हैं और अब इनकी धारा शुक्रतीर्थ से होकर गुजरेगी।

पूरी दुनिया में फैले भारतवंशी यहां के कथा व्यास को बुलाकर श्रीमद भागतव कथा का श्रवण करके अपने जीवन को धन्य करते हैं। ये भारत को भारत बनाने वाली भूमि है। शकुंतला पुत्र महाराज भरत ने यहीं जन्म लेकर हस्तिनापुर की विरासत को आगे बढ़ाने का कार्य किया।

पहले की सरकार के पास आपकी आस्था को सम्मान देने की फुर्सत नहीं थी

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश विकास और विरासत की नई गाथा को आगे बढ़ा रहा है। काशी में विश्वनाथ धाम हो या सोमनाथ से लेकर केदारनाथ, बद्रीनाथ और महाकाल का पुनरोद्धार। यही नहीं अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर आकार ले रहा है। ये कार्य पहले भी हो सकता था, मगर पहले की सरकार के पास आपकी आस्था को सम्मान देने की फुर्सत नहीं थी।

उन्होंने न विरासत को सम्मान दिया, ना विकास को आगे बढ़ाया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार जल्द शुक्रतीर्थ विकास परिषद का गठन करने जा रही है। इससे विकास को नया आयाम मिलेगा, कनेक्टिविटी बढ़ेगी, रोजगार के अवसर पैदा होंगे और विकास के नये नये द्वार खुलेंगे। आज ओडीओपी में शामिल मुजफ्फरनगर का गुड़ पूरी दुनिया में मिठास घोल रहा है।

पलायन कराने वाले खुद पलायन कर गये हैं

मुख्यमंत्री ने कहा कि पश्चिमी यूपी में पहले बेटियों की सुरक्षा पर ग्रहण लग गया था। पलायन शुरू हो गया था। अराजकता चरम पर थी, किसान परेशान थे, नौजवान बेरोजगार था। मगर आज बेटियों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने वाला धरती पर नहीं रसातल में जाएगा। व्यापारियों की सुरक्षा की गारंटी डबल इंजन की सरकार दे रही है। पलायन कराने वाले खुद पलायन कर गये हैं।

गरीब कल्याण और शासन की योजनाएं बिना भेदभाव के साथ उपलबध करायी जा रही हैं। आज कांवड़ियों को कोई परेशान नहीं कर सकता। आज तो उनपर सरकार पुष्प वर्षा करा रही है। पहले की सरकारों के लिए ऐसा करने में अपना वोटबैंक खिसकता दिखता था। मगर आज जनता ने जातिवाद से ऊपर उठकर ऐसे लोगों को सत्ता से ही खिसका दिया है।

मां का दूध तभी फलीभूत होता है, जब हम एक फलदार वृक्ष लगाएं

मुख्यमंत्री ने कहा कि शुक्रदेव जी की प्रेरणा से आज पूरे प्रदेश में 30 करोड़ वृक्ष लगाए जा रहे हैं। सीएम ने सभी से अपील करते हुए कहा कि 100 साल से पुराने वृक्ष को काटने की जगह विरासत वृक्ष के रूप में सम्मान दीजिए। वृक्ष ना सिर्फ हमें आक्सीजन देते हैं बल्कि जल संरक्षण भी करते हैं। आज पूरी दुनिया ग्लोबल वार्मिंग को लेकर परेशान हैं।

ऐसे में हमारा दायित्व है कि हम अधिक से अधिक वृक्ष लगाएं और विरासत वृक्षों का सम्मान करें। हर व्यक्ति ये संकल्प ले कि वो एक पेड़ जरूर लगाएगा और उसकी सुरक्षा भी करेगा। क्योंकि हमारे यहां मान्यता है कि मां का दूध तभी फलीभूत होता है, जब वो एक फलदार वृक्ष लगाता है।

इस अवसर पर प्रदेश सरकार के जलशक्ति मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह, मंत्री कपिल देव अग्रवाल, जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ वीरपाल निर्वाल, विधान परिषद सदस्य वंदना वर्मा, जिलाध्यक्ष विजय शुक्ला, नगर पंचायत अध्यक्ष मीनाक्षी स्वरूप सहित अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे।

उत्तर प्रदेश

कुम्भ के विकास का प्रमाणिक दस्तावेज है कला कुम्भः सीएम योगी

Published

on

Loading

 महाकुम्भ नगर। मुख्यमंत्री ने सेक्टर 7 में तैयार किए गए कला कुम्भ का भी शुभारंभ किया। यूपी स्टेट पवेलियन का शुभारंभ करने के बाद सीएम योगी ठीक सामने बने कला कुम्भ पहुंचे और यहां उन्होंने उत्तर प्रदेश संस्कृति विभाग के द्वारा निर्मित इस अनूठे शिविर का अवलोकन किया। परिसर में विभिन्न सांस्कृतिक झांकियों के बीच सीएम योगी ने फीता काटकर परिसर का उद्घाटन किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने हॉल में मौजूद कलाकृतियों के विषय में भी जानकारी प्राप्त की, जबकि थ्रीडी के माध्यम से कला कुम्भ से संबंधित वीडियो भी देखा। यहां से मुख्यमंत्री सीधे प्रदर्शनी हॉल में गए, जहां उन्होंने सजाई गई अनूठी कलाकृतियों, विभिन्न मंदिरों की रेप्लिका और प्रदर्शनी को सराहा। उन्होंने कला कुम्भ को कुम्भ के विकास का प्रमाणिक दस्तावेज करार दिया। इस दौरान प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति मुकेश मेश्राम ने उन्हें स्मृति चिन्ह भी भेंट किया।

5 एकड़ में निर्मित किया गया है कला कुम्भ

कला कुम्भ में उत्तर प्रदेश की कला, संस्कृति, पुरातत्व के साथ ही कुम्भ आयोजनों से संबंधित अभिलेखों की अनूठी प्रदर्शनी लगाई गई है। मेला क्षेत्र में लगभग 5 एकड़ क्षेत्रफल में लगे कलाकुम्भ में प्रदर्शनी स्थल के साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए मंच भी सजाया गया है। प्रदर्शनी गैलरी में भातखंडे संस्कृति विश्वविद्यालय की यात्रा, उत्तर प्रदेश के स्मारक, पुरातत्व विभाग के संरक्षित स्मारक, पांडुलिपि और स्मृतियों से संबंधित चित्र, अनुकृति और प्रतिकृति प्रदर्शित किए गए हैं। प्रदर्शनी में उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक धरोहर को पुरातात्विक और अभिलेखीय साक्ष्यों के साथ प्रदर्शित किया गया है। कुम्भ के आयोजनों, पौराणिक और ऐतिहासिक ग्रंथों में इससे संबंधित उल्लेख समेत सभी तरह के दस्तावेज, चित्र, लिखित सामग्री और जानकारियों की अनुकृति यहां प्रदर्शित है।

दस्तावेजों की भी लगाई गई है प्रदर्शनी

कला कुम्भ में सबसे अनूठी प्रदर्शनी है महाकुम्भ के ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य पर आधारित दस्तावेजों की प्रदर्शनी। प्रदर्शनी के आठवें खंड में महाकुम्भ का ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य नाम से प्रदर्शनी में 1866 से 1954 के कालखंड की प्रयागराज में आयोजित सभी कुम्भ से संबंधित प्रशासनिक अंतर्दृष्टि को सरकारी पत्रों, अभिलेखों और दस्तावेजों के माध्यम से प्रदर्शित किया गया है। इस खंड में रिपोर्ट, पत्र, प्रशासनिक आदेश आदि शामिल हैं। इस खंड में कुम्भ से जुड़ी पिछले 150 वर्षों की जानकारियों को प्रदर्शित किया गया है। प्रत्येक कुम्भ के अवसर पर अधिकारियों द्वारा उठाए गए व्यवस्थागत कदमों, बुनियादी ढांचों के सुधार, सुरक्षात्मक और आर्थिक उपायों पर प्रामाणिक दस्तावेजी जानकारी प्रदर्शित है।

Continue Reading

Trending