उत्तर प्रदेश
उमेश पाल हत्या मामले में माफिया अतीक का बहनोई डॉ. अखलाक गिरफ्तार
मेरठ। प्रयागराज उमेश पाल हत्या मामले में शनिवार देर रात मेरठ के नौचंदी थाना इलाके से एसटीएफ ने माफिया अतीक अहमद के बहनोई डॉ. अखलाक को गिरफ्तार किया है। जानकारी के अनुसार उमेश पाल की हत्या करने के बाद माफिया अतीक का बेटा असद, शूटर मुस्लिम गुड्डू और साबिर मेरठ आए थे।
इन्ही शूटरों को संरक्षण देने के मामले में डॉ. अखलाक को गिरफ्तार किया गया है। एसटीएफ का दावा है कि आरोपी डॉ. अखलाक ने न सिर्फ शूटरों को पनाह दी, बल्कि उनकी आर्थिक मदद कर उमेश पाल की हत्या की साजिश भी रची थी। पुलिस आरोपी डॉ. अखलाक को वज्र वाहन से प्रयागराज के लिए लेकर रवाना हो गई।
बता दें कि उमेश पाल की हत्या के मामले में शूटर असद, मुस्लिम गुड्डू, अरमान गुलाम और साबिर फरार चल रहे हैं। एसटीएफ की जांच में सामने आया कि अतीक की बहन और बहनोई मेरठ के भवानी नगर में रहते हैं। अतीक के बहनोई की पोस्टिंग अब्दुल्लापुर सीएचसी में है।
जांच में यह भी सामने आया कि उमेश पाल की हत्या के बाद दो शूटर डॉ. अखलाक के घर आए थे। इससे पहले अक्सर शूटर अखलाक के घर रुकते रहते थे। एसपी एसटीएफ बृजेश सिंह का कहना है कि पूरी छानबीन के बाद देर रात एसटीएफ ने दबिश देकर डॉ अखलाक को गिरफ्तार कर लिया और थाने लाकर घंटों पूछताछ की। कई अहम जानकारियां हाथ लगने के बाद एसटीएफ की टीम डॉक्टर को अपने साथ लेकर प्रयागराज रवाना हो गई।
उत्तर प्रदेश
डिजिटल महाकुम्भ: तकनीक बनी हथियार, 2,750 एआई सीसीटीवी संदिग्ध गतिविधियों पर रख रहे नजर
महाकुंभ नगर। दिव्य और भव्य महाकुम्भ को पूरी तरह सुरक्षित बनाने के लिए प्रबंधन ने कड़े सुरक्षा इंतजाम किए हैं। इस बार एआई तकनीक को पुलिस ने अपना हथियार बनाया है। 2700 से ज्यादा एआई सीसीटीवी महाकुम्भ नगर में लगाए गए हैं। वह सीधे संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखेंगे और उसकी रिपोर्ट कंट्रोल रूम को देंगे। मेले के दौरान 37,000 पुलिसकर्मी और 14,000 होमगार्ड तैनात किए गए हैं। इसके साथ ही एनएसजी, एटीएस, एसटीएफ और अन्य सुरक्षा एजेंसियां भी चौकसी बरत रही हैं। सीसीटीवी और खुफिया एजेंसियों की निगरानी में हर कोना सुरक्षित है। यहां तक कि मेले में परिंदा भी पर नहीं मार पाएगा।
वॉच टावरों से बनाया सुरक्षा का अभेद्य घेरा
पूरे मेला क्षेत्र में अब तक 123 वॉच टावर बनाए गए हैं, जहां स्नाइपर, एनएसजी, एटीएस और सिविल पुलिस के जवान तैनात हैं। वॉच टावरों को इस तरह डिज़ाइन किया गया है कि इनसे दूरबीन की मदद से पूरे क्षेत्र की निगरानी की जा सके। हर वॉच टावर पर अत्याधुनिक हथियारों और उपकरणों से लैस सुरक्षाकर्मी मौजूद हैं। सभी वॉच टावरों को ऊंचाई और रणनीतिक स्थानों पर स्थापित किया गया है ताकि सुरक्षा में कोई चूक न हो। पुलिस के साथ जल पुलिस और फायर ब्रिगेड भी पूरी तरह मुस्तैद हैं।
स्नानार्थियों और श्रद्धालुओं की सुरक्षा प्राथमिकता
महाकुंभ मेले के डीआईजी वैभव कृष्ण ने बताया कि महाकुंभ में देश-विदेश से करीब 45 करोड़ श्रद्धालु, स्नानार्थी, कल्पवासी और पर्यटक आने की संभावना है। ऐसे में उनकी सुरक्षा के लिए चप्पे-चप्पे पर सख्त निगरानी रखी जा रही है। मेले के सभी जोन और सेक्टर में अलग-अलग स्थानों पर वॉच टावर बनाए गए हैं। प्रवेश के सात मुख्य मार्गों पर भी सुरक्षा के लिए विशेष प्रबंध किए गए हैं।
मुख्य धार्मिक स्थलों पर कड़ी की सुरक्षा
अखाड़ा क्षेत्र, बड़े हनुमान मंदिर, परेड मैदान, वीआईपी घाट, अरैल, झूसी, और सलोरी जैसे संवेदनशील स्थानों पर विशेष वॉच टावर बनाए गए हैं। यहां तैनात जवान आधुनिक हथियारों और उपकरणों से लैस हैं।
अत्याधुनिक तकनीक से लैस हुई कुम्भ की सुरक्षा
– 2,750 AI आधारित सीसीटीवी कैमरे और 80 VMD स्क्रीन मेले की हर गतिविधि पर नजर रख रहे हैं।
– 3 जल पुलिस स्टेशन और 18 जल पुलिस कंट्रोल रूम तैनात हैं।
– 50 फायर स्टेशन और 20 फायर पोस्ट बनाए गए हैं।
– 4,300 फायर हाइड्रेंट किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं।
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