Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश की 100 तहसीलों में टेलीमेट्रिक वेदर स्टेशन से होगी सूखे की मॉनिटरिंग

Published

on

Loading

लखनऊ। प्रदेश में सूखे की मॉनिटरिंग के लिए प्रदेश के विभिन्न जिलों की तहसीलों में टेलीमेट्रिक वेदर स्टेशन (टीडब्ल्यूएस) की स्थापना की जाएगी। इसमें पहले चरण में सूखे से ज्यादा प्रभावित रहने वाले प्रदेश के विभिन्न जिलों की 100 तहसीलों में टेलीमेट्रिक वेदर स्टेशन (टीडब्ल्यूएस) की स्थापना की जाएगी। इसमें बुंदेलखंड के सात जिलों, सोनभद्र और मीरजापुर को प्राथमिकता दी जाएगी, क्योंकि यहां पर हर साल सूखे की संभावना बनी रहती है। इसे लेकर राहत आयुक्त कार्यालय की ओर से अपर जिलाधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं। इसके साथ ही जमीन चिह्नित करने के दौरान आवश्यक गाइड लाइन जारी की गई है।

सोनभद्र की सभी और मीरजापुर की 2 तहसीलों में लगेंगे वेदर स्टेशन

प्रमुख सचिव राजस्व पी. गुरु प्रसाद ने बताया कि प्रदेश में हर साल सूखे के कारण किसानों को काफी समस्या का सामना करना पड़ता है। उनकी इस समस्या को देखते हुए पहले चरण में प्रदेश के विभिन्न जिलों की 100 तहसीलों में टेलीमेट्रिक वेदर स्टेशन स्थापित करने का निर्णय लिया गया है। इसके बाद प्रदेश के सभी जिलों की समस्त तहसीलों में टीडब्ल्यूएस को स्थापित किया जाएगा। राहत आयुक्त जीएस नवीन ने बताया कि पहले चरण में भी हर साल सूखे से ज्यादा प्रभावित होने वाले बुंदेलखंड के 7 जिलों (बांदा, चित्रकूट, हमीरपुर, झांसी, ललितपुर, महोबा और जालौन) की सभी तहसीलों में प्राथमिकता के आधार पर वेदर स्टेशन स्थापित किये जाएंगे। इसके साथ ही सोनभद्र की सभी तहसीलों, मीरजापुर की 2 तहसीलाें और प्रदेश के सभी जिलों की एक-एक तहसील में टेलीमेट्रिक वेदर स्टेशन स्थापित किए जाएंगे। इसके लिये 10 करोड़ रुपये की धनराशि जारी की गयी है। इसको लेकर सभी जिलों के अपर जिलाधिकारियों को जमीन चिह्नीकरण के दौरान आवश्यक गाइड लाइन जारी की गयी है। वहीं इसके बाद प्रदेश की सभी तहसीलों और ब्लॉक में वेदर स्टेशन की स्थापना की जाएगी।

एडब्ल्यूएस और एआरजी से 7 से 10 किमी. की दूरी पर स्थापित किये जाएंगे वेदर स्टेशन

राहत आयुक्त ने बताया कि वेदर स्टेशन स्थापित करने के लिए गाइड लाइन जारी की गयी है। इसमें जमीन चिह्नित करने के दौरान एडब्ल्यूएस/एआरजी के बीच सात से 10 किलोमीटर की दूरी का ध्यान रखने का निर्देश दिया गया है। इसके अलावा 10 मीटर गुणा 10 मीटर का स्थान होना जरूरी है। साथ ही जिस स्थान पर वेदर स्टेशन स्थापित किया जाए, वहां पर बड़े पेड़ भवन से उचित दूरी हों, ताकि स्टेशन पर छाया, धूप, वर्षा और हवा आदि का प्रभाव न पड़े। साथ ही चोरी से सुरक्षा के लिए भी आवश्यक इंतजाम हो।

Continue Reading

IANS News

वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ

Published

on

Loading

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।

‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।

‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।

‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।

सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।

Continue Reading

Trending