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प्रादेशिक

बिहार में शिक्षा विभाग ने एक साल के लिए छुट्टी का कैलेंडर किया जारी, मिलेगा इतना अवकाश

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पटना। बिहार में शिक्षा विभाग ने एक साल के लिए छुट्टी का कैलेंडर जारी कर दिया है। अगले 12 महीने में सरकारी स्कूल में 72 दिनों की छुट्टी मिलेगी। इतना ही नहीं तीज और जीवित पुत्रिका व्रत में भी पर्याप्त छुट्टी मिलेगी। पिछले साल तत्कालीन अपर मुख्य सचिव केके पाठक के आदेश पर जो छुट्टी का कैलेंडर जारी किया गया, उससे शिक्षकों में काफी नाराजगी थी। अब शिक्षा विभाग ने उस आदेश को पलटते हुए नया कैलेंडर जारी कर दिया है।

नए कैलेंडर में यानी 2025 में महापुरुषों की जयंती पर स्कूल बंद रखने का आदेश दिया गया है। इतना ही नहीं नीतीश सरकार ने 2025 के कैलेंडर में क्रिसमस की छुट्टी की अवधि भी बढ़ाई है। अगले साल 25 दिसंबर से 31 दिसंबर के बीच स्कूल बंद रहेंगे। वहीं गर्मी की छुट्टी भी 20 दिनों की मिलेगी। 2025 में दो जून से 21 जून को स्कूल बंद रहेंगे।

माध्यमिक शिक्षा के निदेशक योगेंद्र सिंह के हस्ताक्षर पर जारी किए गए लेटर में छुट्टियों की संख्या बढ़ाई गई है। इस बार दीपावली और छठ के बीच में भी स्कूल खुले थे। 2025 में धनतेरस, दीपावली, चित्रगुप्त पूजा, भैया दूज और छठ पूजा को लेकर 20 से 29 अक्टूबर तक स्कूल बंद रहेंगे। यानी एक साथ 10 दिनों का अवकाश मिलेगा।

बिहार सरकार के इस फैसले के बाद शिक्षक संघों का कहना है कि पूर्व के अधिकारियों के फैसलों के कारण शिक्षकों के बीच त्राहिमाम की स्थिति हो गई थी। लेकिन, सीनियर आईएएस अधिकारी एस सिद्धार्थ ने जब से अपर मुख्य सचिव की कुर्सी पर बैठे हैं तब तक हालात काफी हद तक ठीक हुए हैं। एसीएस द्वारा शिक्षा और शिक्षकों के हित में लिए जा रहे फैसलों से बिहार के शिक्षकों ने राहत महसूस कर रहे हैं।

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उत्तर प्रदेश

डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक एक्शन मोड में, स्वास्थ्य विभाग के कई अधिकारियों पर गिरी गाज

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने स्वास्थ्य विभाग में गंभीर अनियमितताओं के चलते कड़ी कार्रवाई की है. लगातार मिल रही शिकायतों के बाद श्रावस्ती के मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. अजय प्रताप सिंह को निलंबित कर दिया गया है. डिप्टी सीएम ने इस संबंध में चिकित्सा स्वास्थ्य महानिदेशालय से संबंधित अधिकारियों को जांच करने के निर्देश भी दिए थे.

शिकायतों के कारण हुई कार्रवाई

शिकायतों में यह आरोप लगाए गए थे कि डॉ. अजय प्रताप सिंह ने अवैध निजी अस्पतालों पर प्रभावी नियंत्रण नहीं किया, टेंडरों में अनियमितताएं कीं, बायो मेडिकल वेस्ट का सही तरीके से निस्तारण नहीं किया और उच्च आदेशों की अवहेलना की. इन शिकायतों के आधार पर डॉ. सिंह को निलंबित कर दिया गया.

फतेहपुर और सुल्तानपुर में भी कार्रवाई

इसके साथ ही, फतेहपुर में तैनात चिकित्सक डॉ. पुण्ड्रीक कुमार गुप्ता को भी निलंबित कर सिद्धार्थनगर के सीएमओ कार्यालय से संबद्ध कर दिया गया है. उनका एक ऑडियो वायरल हुआ था, जिसमें उन्होंने सरकार और प्रशासन के खिलाफ अभद्र टिप्पणी की थी.

 

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