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प्रादेशिक

फटी जींस, मिनी स्कर्ट पहनकर मंदिर में ना प्रवेश करें युवतियां, मुज़फ्फरनगर में बालाजी मंदिर का फरमान

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में बालाजी मंदिर प्रबंध कमेटी ने एक फरमान जारी किया है। बालाजी मंदिर कमेटी ने मंदिर परिसर के बाहर और अंदर नोटिस बोर्ड लगा दिया है। इस बोर्ड पर साफ-साफ लिखा है कि सभी महिलाएं एवं पुरुष मंदिर में मर्यादित वस्त्र पहनकर ही आएं। छोटे वस्त्र हाफ पैन्ट, बर्मुडा, मिनी स्कर्ट, नाइट सूट, कटी फटी जीन्स आदि पहनकर आने पर बाहर से ही दर्शन कर सहयोग करें।

ऐसे में मंदिर परिसर में केवल मर्यादित वस्त्र पहनकर ही महिलाएं, युवतियां और पुरुष मंदिर परिसर में आ सकते हैं। पुजारी आलोक शर्मा कहते हैं, “यहां हर जगह से भक्त आते हैं। चाहे पुरुष हों या महिला, युवा हों या बूढ़े, कोई भी हो, हम चाहते हैं कि वे गरिमापूर्ण तरीके से मंदिर परिसर में आएं। उन्हें पहले अच्छी तरह से समझाया जाएगा, अगर फिर भी वे जारी रखते हैं, तो उन पर जुर्माना लगाने का प्रावधान होना चाहिए।”

पुजारी आलोक शर्मा ने बताया ऐसा इसलिए किया जा रहा है, क्योंकि बालाजी मंदिर में पुरुषों के साथ महिलाएं, युवतियां और बच्चे दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं। बालाजी मंदिर की अपनी एक मर्यादा है, जिसे हम सभी को पालन करना चाहिए, इसलिए मंदिर कमेटी ने नए नियम कानून बनाए हैं। पुजारी का कहना है कि मंदिर परिसर में महिलाएं और लड़कियां साड़ी या सूट सलवार पहन कर ही आएं। साथ ही महिलाएं और लड़कियां चेहरे पर पल्लू पर्दा लगाकर मर्यादित रूप से मंदिर में प्रवेश करें।

 

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उत्तर प्रदेश

डिजिटल महाकुम्भ: तकनीक बनी हथियार, 2,750 एआई सीसीटीवी संदिग्ध गतिविधियों पर रख रहे नजर

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महाकुंभ नगर। दिव्य और भव्य महाकुम्भ को पूरी तरह सुरक्षित बनाने के लिए प्रबंधन ने कड़े सुरक्षा इंतजाम किए हैं। इस बार एआई तकनीक को पुलिस ने अपना हथियार बनाया है। 2700 से ज्यादा एआई सीसीटीवी महाकुम्भ नगर में लगाए गए हैं। वह सीधे संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखेंगे और उसकी रिपोर्ट कंट्रोल रूम को देंगे। मेले के दौरान 37,000 पुलिसकर्मी और 14,000 होमगार्ड तैनात किए गए हैं। इसके साथ ही एनएसजी, एटीएस, एसटीएफ और अन्य सुरक्षा एजेंसियां भी चौकसी बरत रही हैं। सीसीटीवी और खुफिया एजेंसियों की निगरानी में हर कोना सुरक्षित है। यहां तक कि मेले में परिंदा भी पर नहीं मार पाएगा।

वॉच टावरों से बनाया सुरक्षा का अभेद्य घेरा

पूरे मेला क्षेत्र में अब तक 123 वॉच टावर बनाए गए हैं, जहां स्नाइपर, एनएसजी, एटीएस और सिविल पुलिस के जवान तैनात हैं। वॉच टावरों को इस तरह डिज़ाइन किया गया है कि इनसे दूरबीन की मदद से पूरे क्षेत्र की निगरानी की जा सके। हर वॉच टावर पर अत्याधुनिक हथियारों और उपकरणों से लैस सुरक्षाकर्मी मौजूद हैं। सभी वॉच टावरों को ऊंचाई और रणनीतिक स्थानों पर स्थापित किया गया है ताकि सुरक्षा में कोई चूक न हो। पुलिस के साथ जल पुलिस और फायर ब्रिगेड भी पूरी तरह मुस्तैद हैं।

स्नानार्थियों और श्रद्धालुओं की सुरक्षा प्राथमिकता

महाकुंभ मेले के डीआईजी वैभव कृष्ण ने बताया कि महाकुंभ में देश-विदेश से करीब 45 करोड़ श्रद्धालु, स्नानार्थी, कल्पवासी और पर्यटक आने की संभावना है। ऐसे में उनकी सुरक्षा के लिए चप्पे-चप्पे पर सख्त निगरानी रखी जा रही है। मेले के सभी जोन और सेक्टर में अलग-अलग स्थानों पर वॉच टावर बनाए गए हैं। प्रवेश के सात मुख्य मार्गों पर भी सुरक्षा के लिए विशेष प्रबंध किए गए हैं।

मुख्य धार्मिक स्थलों पर कड़ी की सुरक्षा

अखाड़ा क्षेत्र, बड़े हनुमान मंदिर, परेड मैदान, वीआईपी घाट, अरैल, झूसी, और सलोरी जैसे संवेदनशील स्थानों पर विशेष वॉच टावर बनाए गए हैं। यहां तैनात जवान आधुनिक हथियारों और उपकरणों से लैस हैं।

अत्याधुनिक तकनीक से लैस हुई कुम्भ की सुरक्षा

– 2,750 AI आधारित सीसीटीवी कैमरे और 80 VMD स्क्रीन मेले की हर गतिविधि पर नजर रख रहे हैं।
– 3 जल पुलिस स्टेशन और 18 जल पुलिस कंट्रोल रूम तैनात हैं।
– 50 फायर स्टेशन और 20 फायर पोस्ट बनाए गए हैं।
– 4,300 फायर हाइड्रेंट किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं।

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