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अन्तर्राष्ट्रीय

कनाडा की खुफिया एजेंसी के अधिकारियों से मिलता था निज्जर, बेटे ने खोली ट्रूडो सरकार की पोल

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Hardeep Singh Nijjar Meeting with CSIS officers

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ओटावा। कनाडा और भारत के संबंधों को खराब करने की कड़ी में जस्टिन ट्रूडो ने मंगलवार को एक बड़ा बयान दिया। उन्होंने कनाडा में मारे गए खालिस्तान समर्थक आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत की खुफिया एजेंसी का हाथ होने का आरोप लगाया, जिसे भारत सरकार ने पूरी तरह नकार दिया है।

अब निज्जर के बेटे बलराज सिंह ने एक बड़ा खुलासा किया है। बलराज सिंह निज्जर (21) ने कहा कि उनके पिता हत्या से पहले नियमित रूप से कनाडा के खुफिया एजेंसी CSIS के अधिकारियों से मिलते थे।

बलराज सिंह का कहना है कि उनके पिता कनाडा सुरक्षा खुफिया सेवा के अधिकारियों के साथ सप्ताह में एक या दो बार मिलते थे। 18 जून को हत्या से एक या दो दिन पहले भी वह मिले थे। उनकी मौत के दो दिन बाद एक और बैठक होनी थी।

मंगलवार को उन्होंने बताया कि बैठकें फरवरी से होना शुरू हुईं और फिर आने वाले में यह बढ़ती रहीं। अब सबसे बड़ा सवाल है कि आखिर भारत के खिलाफ अभियान चलाने वाले एक शख्स से कनाडा की खुफिया एजेंसी क्यों मिल रही थी।

राजनयिक को देश से निकाला

बलराज सिंह ने कहा कि एक मीटिंग में वह भी मौजूद था, जिसमें बताया गया कि निज्जर की जान को खतरा है। उनके पिता को घर पर रहने को कहा गया था।

ट्रूडो ने मंगलवार को संसद में भारत के खिलाफ एक बड़ा बयान देते हुए कहा कि हमारी खुफिया सेवाएं भारत सरकार और हत्या के बीच संभावित लिंक के बारे में विश्वसनीय जानकारी की जांच कर रही हैं। कनाडा ने इसके बाद एक वरिष्ठ भारतीय राजनयिक को देश से निकाल दिया। जिसके बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है।

भारत ने भी राजनयिक को किया बाहर

भारत सरकार ने ट्रूडो के आरोपों को पूरी तरह नकार दिया है। इसके अलावा भारत ने भी जैसे को तैसा की नीति अपनाई है। भारत ने कनाडा के एक वरिष्ठ राजनयिक को पांच दिनों के अंदर देश छोड़ने का निर्देश दिया है।

भारत ने अपने फैसले की जानकारी देने के लिए कनाडाई राजदूत कैमरन मैके को बुलाया था। विदेश मंत्रालय पहुंचने के कुछ मिनटों के बाद ही कैमरन मैके बाहर निकले। उनके चेहरे पर नाराजगी साफ दिख रही थी। इस दौरान उन्होंने अपना गुस्सा एक रिपोर्टर पर निकाला।

अन्तर्राष्ट्रीय

पीएम मोदी को मिलेगा ‘विश्व शांति पुरस्कार’

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विश्व शांति पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। यह पुरस्कार उन्हें अमेरिका में प्रदान किया जाएगा। इंडियन अमेरिकन माइनॉरटीज एसोसिएशन (एआइएएम) ने मैरीलैंड के स्लिगो सेवंथ डे एडवेंटिस्ट चर्च ने यह ऐलान किया है। यह एक गैर सरकारी संगठन है। यह कदम उठाने का मकसद अमेरिका में भारतीय अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के कल्याण को प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें एकजुट करना है। पीएम मोदी को यह पुरस्कार विश्व शांति के लिए उनके द्वारा किए जा रहे प्रयासों और समाज को एकजुट करने के लिए दिया जाएगा।

इसी कार्यक्रम के दौरान अल्पसंख्यकों का उत्थान करने के लिए वाशिंगटन में पीएम मोदी को मार्टिन लूथर किंग जूनियर ग्लोबल पीस अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। इस पुरस्कार को वाशिंगटन एडवेंटिस्ट यूनिवर्सिटी और एआइएएम द्वारा संयुक्त रूप से दिया जाएगा। जिसका मकसद अस्पसंख्यकों के कल्याण के साथ उनका समावेशी विकास करना भी है।

जाने माने परोपकारी जसदीप सिंह एआइएम के संस्थापक और चेयरमैन नियुक्त किए गए हैं। इसमें अल्पसंख्यक समुदाय को प्रोत्साहित करने के लिए 7 सदस्यीय बोर्ड डायरेक्टर भी हैं। इसमें बलजिंदर सिंह, डॉ. सुखपाल धनोआ (सिख), पवन बेजवाडा और एलिशा पुलिवार्ती (ईसाई), दीपक ठक्कर (हिंदू), जुनेद काजी (मुस्लिम) और भारतीय जुलाहे निस्सिम रिव्बेन शाल है।

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