Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

ISRO को मिली बड़ी सफलता, फ्यूल सेल तकनीक का किया सफल परीक्षण; जानिए क्यों है अहम

Published

on

ISRO got big success, successfully tested fuel cell technology

Loading

बेंगलूरू। भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ISRO को बड़ी सफलता मिली है। दरअसल इसरो ने शुक्रवार को फ्यूल सेल तकनीक (ईंधन सेल प्रौद्योगिकी) का सफल परीक्षण किया। इसरो के भविष्य के मिशन और डाटा इकट्ठा करने के लिहाज से यह फ्यूल सेल तकनीक बेहद अहम है।

इस तकनीक की मदद से ईंधन रिचार्ज किया जा सकता है और इससे कोई उत्सर्जन भी नहीं होता। अंतरिक्ष में ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने और पीने के पानी के लिए यह तकनीक सबसे आदर्श है।

हाइड्रोजन और ऑक्सीजन की मदद से बनाई ऊर्जा

भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ने शुक्रवार को अंतरिक्ष में 100 वॉट श्रेणी के पॉलीमर इलेक्ट्रोलाइट मेंब्रेन फ्यूल सेल पर आधारित पावर सिस्टम (FCPS) का सफल परीक्षण किया। इसरो ने बीती 1 जनवरी को पीएसएलवी-सी58 मिशन के साथ POEM को लॉन्च किया था। अब अंतरिक्ष में इसका परीक्षण किया गया, जो सफल रहा।

इस परीक्षण के दौरान हाइड्रोजन और ऑक्सीजन गैस की मदद से हाई प्रेशर वेसल में 180 वॉट ऊर्जा उत्पन्न की गई। इसरो ने बताया कि फ्यूल सेल तकनीक की मदद से हाइड्रोजन और ऑक्सीजन गैस से ऊर्जा उत्पन्न की गई। साथ ही इससे पीने का पानी मिला और कोई उत्सर्जन भी नहीं हुआ।

गगनयान समेत भविष्य के मिशन में अहम

इस परीक्षण का उद्देश्य अंतरिक्ष में तकनीक का परीक्षण करना, डाटा इकट्ठा करना और इस डाटा की मदद से भविष्य के अंतरिक्ष मिशनों के डिजाइन में फ्यूल सेल तकनीक को लेकर जरूरी बदलाव करना है।

फ्यूल सेल तकनीक एक इलेक्ट्रिक जेनरेटर है, जो इलेक्ट्रोकेमिकल सिद्धांत पर काम करता है। खासकर गगनयान मिशन में जब भारतीय अंतरिक्ष यात्री अंतरिक्ष में रहकर कई दिनों तक परीक्षण करेंगे तो उस स्थिति में फ्यूल सेल तकनीक की मदद से ही इलेक्ट्रिक पावर, पीने का पानी और ऊर्जा पैदा की जाएगी।

वाहनों में भी इस्तेमाल हो सकती है फ्यूल सेल तकनीक

फ्यूल सेल तकनीक के फायदों के देखते हुए ही अब वाहनों में भी बैट्रीज की जगह इसी तकनीक का इस्तेमाल करने पर विचार किया जा रहा है। इससे ना सिर्फ पारंपरिक इंजनों को जल्द रिचार्ज किया जा सकेगा, साथ ही इससे वाहनों से होने वाले उत्सर्जन पर भी बहुत हद तक काबू पाया जा सकेगा।

Continue Reading

नेशनल

किसान एक बार फिर ‘दिल्ली कूच’ करने को तैयार, क्या है किसानों की मांग

Published

on

Loading

नई दिल्ली। अपनी मांगें पूरी नहीं होने को लेकर किसान एक बार फिर ‘दिल्ली कूच’ करने की तैयारी में हैं. किसानों ने एक बार फिर सड़कों पर उतरने की योजना बना ली है. नोएडा के आक्रोशित किसान भारी संख्या में सोमवार (2 दिसंबर) को दिल्ली की ओर कूच करेंगे. रविवार को यहां के किसानों और प्राधिकरण के बीच लगभग 3 घंटे तक बैठक चली. लेकिन बैठक का कोई नतीजा नहीं निकला, जिसके बाद किसानों अपनी मांगों को लेकर 2 दिसंबर को दिल्ली कूच करने का ऐलान किया. इस आंदोलन का मुख्य उद्देश्य गोरखपुर जैसे चार गुना मुआवजे, भूमि अधिग्रहण कानून के लाभ और 10% विकसित भूखंड जैसी मांगों को लागू करवाना है.

किसानों की महामाया फ्लाईओवर से दिल्ली कूच की तैयारी

जानकारी के अनुसार, किसान दिल्ली कूच से पहले महामाया फ्लाईओवर के पास दोपहर 12 बजे से जुटना शुरू होंगे. किसान मोर्चा के बैनर तले किसान नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना क्षेत्र के गांव से आएंगे. किसान बड़ी संख्या में ट्रैक्टर ट्राली लेकर यहां पर पहुंचेंगे. फिर ये यहां से वह एक साथ दिल्ली की ओर कूच करेंगे. इस वजह से एक्सप्रेस-वे पर भी जाम रह सकता है. पुलिस की कोशिश किसानों को रोकने की रहेगी. ऐसे में एक्सप्रेस-वे, महामाया फ्लाईओवर के आस-पास और डीएनडी, चिल्ला बॉर्डर के रास्तों से आना-जाना मुश्किल होगा. पिछली बार भी किसान जब दिल्ली कूच के लिए जुटे थे तब यहां आस-पास की ट्रैफिक व्यवस्था कई घंटे तक बाधित रही.

क्या है किसानों की मांगें?

किसानों की मांग है कि उनको गौतमबुद्ध नगर में जमीन अधिग्रहण पर पूरे राज्य की तरह की दाम का 4 गुना मुआवजा दिया जाए. किसान कहते हैं कि पिछले 10 सालों में जो सर्किल रेट नहीं बढ़ा है उसे भी बढ़ाया जाए.इसके साथ ही, किसान विकसित भूखंड का 10 फीसदी दिए जाने की मांग कर रहे हैं.

 

 

Continue Reading

Trending