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अन्तर्राष्ट्रीय

जापान में आया 7.5 तीव्रता का भूकंप, टकराई सुनामी की लहरें; लोगों को सुरक्षित जगह जाने को कहा

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Earthquake tremors felt again in Lucknow including Delhi-NCR

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टोक्यो। नए साल पर जापान से एक चिंता करने वाली खबर सामने आ रही है। यहां के पूर्वोत्तर क्षेत्र में 7.5 तीव्रता का एक शक्तिशाली भूकंप आया है। इससे देश के पश्चिमी तट के एक बड़े हिस्से में सुनामी की चेतावनी जारी की गई है। हालांकि, इस बीच यह भी जानकारी सामने आई है कि इशिकावा प्रांत के वाजिमा शहर में 1.2 मीटर की सुनामी की लहर टकराई है। फिलहाल, किसी तरह के नुकसान की खबर नहीं है।

एक रिपोर्ट के अनुसार, सुनामी की चेतावनी के बाद लोगों से इशिकावा, निगाता, तोयामा और यामागाता प्रान्तों के तटीय क्षेत्रों को जल्द से जल्द छोड़ने का आग्रह किया गया है। कहा जा रहा है कि पांच मीटर (16 फीट) ऊंची लहरें उठ सकती हैं। कोस्टल एरिया में रहने वाले लोगों को सुरक्षित जगहों पर जाने के लिए कहा गया है।

हवाई स्थित प्रशांत सुनामी चेतावनी केंद्र ने कहा है कि जापान तट पर भूकंप के केंद्र के 300 किलोमीटर के दायरे में खतरनाक सुनामी लहरें उठने की आशंका है। बता दें, भूकंप के झटके टोक्यो और पूरे कांटो इलाके में महसूस किए गए हैं।

इतनी बार महसूस किए गए झटके

जापान मौसम विज्ञान एजेंसी (JMA) ने कहा कि जापान के मुख्य द्वीप होन्शू के जापान सागर की ओर नोटो क्षेत्र में स्थानीय समयानुसार शाम चार बजकर छह मिनट पर 5.7 तीव्रता का भूकंप आया। इसके बाद शाम चार बजकर 10 मिनट पर 7.6 तीव्रता का भूकंप, चार बजकर 18 मिनट पर 6.1 तीव्रता का भूकंप, चार बजकर 23 मिनट पर 4.5 तीव्रता का भूकंप, चार बजकर 29 मिनट पर 4.6 तीव्रता का भूकंप और चार बजकर 32 मिनट पर 4.8 तीव्रता का भूकंप आया। अमेरिकी भूगर्भ सर्वेक्षण ने बताया कि इसके तुरंत बाद 6.2 तीव्रता का एक और भूकंप आया।

2011 में भूकंप के बाद सुनामी से हुई थीं 18 हजार मौतें

जापान में मार्च 2011 में नौ तीव्रता वाले विनाशकारी भूकंप के कारण जबर्दस्त सुनामी आई थी। तब उठी सुनामी की लहरों ने फुकुशिमा न्यूक्लियर प्लांट को तबाह कर दिया था। इसे पर्यावरण को नुकसान के लिहाज से बड़ी घटना माना गया था। तब समुद्र में उठी 10 मीटर ऊंची लहरों ने कई शहरों में तबाही मचाई थी। इसमें करीब 18 हजार लोगों की मौत हुई थी।

अन्तर्राष्ट्रीय

14 जनवरी को अपना आखिरी भाषण देंगे जो बाइडेन

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अमेरिका। अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडेन आगामी 14 जनवरी को अपना आखिरी भाषण देंगे। यही उनका विदाई भाषण भी होगा। इसके लिए ह्वाइट हाउस ने तैयारी शुरू कर दी है। नव निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह से पांच दिन पहले यानि बुधवार को ओवल ऑफिस से बाइडेन का यह विदाई भाषण होगा। बीस जनवरी को पद छोड़ने से पहले यह राष्ट्रपति के तौर पर अमेरिकियों और दुनियाभर के लोगों के लिए बाइडेन का यह अंतिम भाषण होगा, जो रात आठ बजे आरंभ होगा।

इससे पहले बाइडेन सोमवार को विदेश मंत्रालय में अपने कार्यकाल की विदेश नीति पर केंद्रित एक भाषण देंगे। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव केरिन जीन-पियरे ने शुक्रवार को संवाददाताओं को बताया कि बाइडेन सोमवार को अपने भाषण में ‘‘50 से अधिक वर्षों के अपने सार्वजनिक जीवन’’ पर बात करेंगे। राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों के बीच हुई ‘डिबेट’ में बाइडन (82) का प्रदर्शन कुछ खास नहीं था, जिसके बाद से उनकी ही पार्टी के सदस्य बाइडेन के इस पद की दौड़ से हटने की बात करने लगे थे और अंतत: बाइडेन ने ट्रंप के खिलाफ अमेरिकी राष्ट्रपति पद की दौड़ से हटने का फैसला किया था।

बाइडेन की जगह कमला हैरिस से हुआ ट्रंप का मुकाबला

बाइडेन की पीछे हटने के बाद उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को डेमोक्रेट्स की ओर से राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया गया। इसके बाद अमेरिकियों को देश की पहली महिला राष्ट्रपति मिलने की उम्मीद भी जगी, लेकिन डोनाल्ड ट्रंप ने उन्हें चुनाव में हरा दिया। इस प्रकार ट्रंप दोबारा अमेरिका के राष्ट्रपति चुन लिए गए। हालांकि बाइडेन का दावा है कि यदि वह नैतिक दबाव में पीछे नहीं हटे होते तो ट्रंप को हरा सकते थे।

 

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