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प्रादेशिक

गरीबों के मांगलिक कार्यक्रम के लिए बनाएंगे कल्याण मंडपम : सीएम योगी

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गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को गोरखपुर को 78 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं की सौगात देने के साथ ही दो बड़ी घोषणाएं की। उन्होंने गरीबों के मांगलिक कार्यक्रमों को भव्यता से आयोजित करने के लिए सभी सुविधाओं से युक्त कल्याण मंडपम बनाने का एलान किया तो साथ ही गोरखपुर में 150 एकड़ क्षेत्रफल में अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम की स्थापित करने घोषणा की।
सीएम योगी ने रविवार शाम भाटी विहार कॉलोनी में अपनी विधायक निधि निधि से 6 करोड़ 17 लाख 80 हजार रुपये की लागत से दो एकड़ में बनने वाले मिनी स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का भूमि पूजन व शिलान्यास किया। इसके साथ ही उन्होंने 44 करोड़ 13 लाख रुपये से बनने वाले रामगढ़ताल रिंग रोड (टू लेन) समेत 72 करोड़ रुपये की लागत वाली 42 विकास परियोजनाओं का भी शिलान्यास किया। कुल करीब 78 करोड़ रुपये की 43 परियोजनाओं में 68.11 करोड़ रुपये की लागत वाली जीडीए की पांच तथा 9.69 करोड़ रुपये की लागत वाली जिला नगरीय विकास अभिकरण की 38 विकास परियोजनाएं शामिल हैं।

इस अवसर पर आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री ने कहा कि नगरीय क्षेत्रों में प्रायः रोड पर ही टेंट डालकर शादी या अन्य मांगलिक कार्य होते दिखते हैं। इससे काफी असुविधा होती है। सक्षम लोग तो मैरेज हाउस की व्यवस्था कर लेते हैं लेकिन गरीब व्यक्ति के लिए ऐसा कर पाना मुश्किल होता है। इस दिक्कत को देखते हुए उन्होंने नगर निगम और गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) को कल्याण मंडपम की स्थापना करने का निर्देश दिया है। शुरुआत में गोरखपुर शहर में छह अलग अलगस्थानों पर कल्याण मंडपम बनाए जाएंगे। कल्याण मंडपम की स्थापना में एक से डेढ़ करोड़ की लागत आएगी। यहां शादी व मांगलिक कार्यक्रमों के लिए हाल, रूम, गेस्ट रूम, पार्किंग, ढाई-तीन सौ लोगों की क्षमता का लॉन आदि सभी जरूरी सुविधाएं होंगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी जनप्रतिनिधियों से भी इस पहल से जुड़ने की अपील की।

खेल व खिलाड़ियों के प्रोत्साहन को सरकार संकल्पित

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा सरकार खेल व खिलाड़ियों के प्रोत्साहन को संकल्पित है। गोरखपुर को पूर्वी उत्तर प्रदेश के पहले मिनी स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स की स्थापना के साथ बाघागाड़ा में 150 एकड़ क्षेत्रफल में अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम का भी निर्माण कराया जाएगा। जल्द ही इसकी कार्ययोजना तैयार कर आगे की कार्यवाही प्रारंभ कर दी जाएगी। सीएम ने कहा कि मिनी स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स गोरखपुर के युवाओं के लिए नई सौगात है। इस कॉम्प्लेक्स के निर्माण के लिए 3 करोड़ रुपये की धनराशि उन्होंने अपनी विधायक निधि से दी है। मिनी स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में 300 मीटर का सिंथेटिक रनिंग ट्रैक, बास्केटबाल कोर्ट, इंडोर बैडमिंटन कोर्ट, लॉन टेनिस कोर्ट, वॉलीबॉल कोर्ट तथा टेबिल टेनिस कोर्ट, राइफल व पिस्टल शूटिंग रेंज, क्रिकेट नेट प्रैक्टिस रेंज, कई अन्य खेलों के लिए मल्टी परपज हाल बनाया जाएगा। इससे खिलाड़ियों के जज्बे को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री ने जीडीए के अधिकारियों को निर्देशित किया कि कॉम्प्लेक्स का निर्माण समय सीमा में कराएं और खेल सुविधाओं के विकास के लिए खिलाड़ियों से भी सुझाव लें। मिनी स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के बन जाने के बाद बेहतर कोच की सुविधा के लिए खेल विभाग से एमओयू किया जाए। उन्होंने बताया कि पक्कीबाग और पहलवान जनार्दन सिंह के अखाड़े के पुनरुद्धार की कार्ययोजना बनाई जा रही है। सीएम योगी ने कहा कि 9 वर्ष पूर्व मिनी स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स एक सपना था लेकिन आज आवश्यकता और हकीकत है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में खेलो इंडिया, सांसद खेल कुंभ, फिट इंडिया जैसी गतिविधियों ने खेल के क्षेत्र में नई जागृति उत्पन्न की है। आज यूपी के हर जिले में स्टेडियम, हर विकास खंड में मिनी स्टेडियम, ग्राम पंचायत में खेल का मैदान, गांवों व पार्कों में ओपन जिम की स्थापना से खिलाड़ियों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ओलंपिक, एशियाड, कामनवेल्थ, विश्व चैंपियनशिप में पदक विजेताओं को नकद पुरस्कार देने के साथ सरकारी नियुक्ति से भी जोड़ा जा रहा है। हाल में 500 खिलाड़ियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किया गया। पुलिस विभाग में डिप्टी एसपी से लेकर कांस्टेबल तक के पदों पर खिलाड़ियों को नौकरी मिल रही है।

रिंग रोड से आवागमन सुगमता के साथ पर्यटन को भी मिलेगा बढ़ावा

मुख्यमंत्री ने कहा कि रामगढ़ताल टू लेन रिंग रोड के बन जाने से सर्किट हाउस-पैडलेगंज रोड की भीड़ को चारों तरफ स्थान मिल जाएगा। इससे आवागमन सुगमता तो होगी ही, पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। पर्यटक ताल के चारों ओर से का सुंदरता देख सकेंगे।

कायाकल्प के बाद कान्वेंट को फेल करेंगे बेसिक स्कूल

मुख्यमंत्री ने जीडीए द्वारा कराए जाने वाले 63 बेसिक प्राथमिक विद्यालयों के कायाकल्प का उल्लेख करते हुए कहा कि जर्जर से हो चुके इन स्कूलों में भवन, फ्लोरिंग, फर्नीचर, शौचालय, शुद्ध पेयजल, स्मार्ट क्लास व लाइब्रेरी की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। कायाकल्प के बाद ये स्कूल कान्वेंट को भी फेल करते नजर आएंगे। उन्होंने बताया कि पूर्व में वह अपनी एमएलसी निधि विद्यालयों में फर्नीचर के लिए दे चुके हैं। इस अवसर पर सीएम ने 1.91 करोड़ परिषदीय विद्यार्थियों के अभिभावकों के खातों में 1200 रुपये की दर से अंतरित धनराशि व स्कूलों में बच्चों को उपलब्ध कराई जा रही सुविधाओं का भी उल्लेख किया।

बदल रहा गोरखपुर, हर जगह नयापन

मुख्यमंत्री ने कहा कि गोरखपुर बदल रहा है। पांच साल पहले यहां आया व्यक्ति आज आकर यहां का विकास देखकर रास्ता भूल सकता है। गोरखपुर में एक तरफ एम्स है तो दूसरी तरफ खाद कारखाने की जगमगाहट। हर तरफ फोरलेन और चौड़ी सड़कों की कनेक्टिविटी है। हर जगह नयापन है। जबकि पहले गंदगी और गैंगवार गोरखपुर की पहचान थी। उन्होंने कहा कि आज गोरखपुर विकास के साथ पर्यटन का भी बड़ा केंद्र बन रहा है। यहां फिल्मों की शूटिंग हो रही है। उन्होंने कहा कि विकास से रोजगार सृजन होगा और पहचान भी मजबूत होगी।

स्वच्छता हमारी पहचान बननी चाहिए

सीएम योगी ने सभी लोगों को स्वच्छता सर्वेक्षण में व्यापक भागीदारी के लिए प्रति प्रेरित करते हुए कहा कि घर और बाहर की सफाई के साथ आसपास के खाली प्लॉट में भी कूड़ा न डालें। प्लास्टिक मुक्त गोरखपुर और स्वच्छता हमारी पहचान बननी चाहिए। स्वच्छता से हमें बीमारियों से भी मुक्ति मिलेगी। इस संदर्भ में उन्होंने सफाई पर जोर देकर इंसेफेलाइटिस के सफल नियंत्रण का भी उल्लेख किया।

एक दिन में बना पौधरोपण का रिकॉर्ड

समारोह में मुख्यमंत्री ने सभी लोगों से पौधरोपण और पौधों के संरक्षण की अपील की। बताया कि शनिवार को एक दिन में 30 करोड़ 21 लाख पौधरोपण का रिकॉर्ड बना है। कार्बन उत्सर्जन रोकने और प्रदूषण नियंत्रण के लिए पौधरोपण बहुत जरूरी है।

लाभार्थियों को सम्मानित कर आत्मीय संवाद किया मुख्यमंत्री ने

शिलान्यास समारोह के मंच पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पीएम स्वनिधि योजना तथा पीएम आवास योजना के लाभार्थियों को ऋण स्वीकृति पत्र व आवास की प्रतीकात्मक चाबी देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर उन्होंने लाभार्थियों के रोजगार और आवास को लेकर आत्मीय संवाद कर उनका मनोबल बढ़ाया। इसके पहले मुख्यमंत्री ने मिनी स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का वैदिक मंत्रोच्चार के बीच भूमि पूजन किया और मौलश्री का पौधा लगाकर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया।

सीएम योगी ने शिलान्यास किया तो उद्घाटन भी तय: रविकिशन

शिलान्यास समारोह में सांसद रविकिशन शुक्ल ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किसी कार्य का शिलान्यास तो उन्हीं के हाथों अस्का उद्घाटन भी तय हो जाता है। उन्होंने कहा कि सीएम योगी गोरखपुर व यूपी के खेल और खिलाड़ियों के प्रति संवेदनशील रहते हैं। उनकी कोशिश होती है कि यहां के खिलाड़ी किसी से पीछे न रहें। इसीलिए वह गोरखपुर में मिनी स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स बनवा रहे हैं। रामगढ़ताल रिंग रोड परियोजना का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि इस झील को रोड के रूप में माला पहनाया जाएगा। यह रिंग रोड लाइट से सजेगा। सांसद रविकिशन ने कहा कि मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में गोरखपुर नजीर पेश कर रहा है। सीएम योगी इसे हर दौरे पर विकास की सौगात देते हैं। उन्होंने अधिकाधिक पौधरोपण की भी अपील की और बताया कि सीएम योगी के आह्वान पर कल ही 30 करोड़ पौधे लग गए।
कार्यक्रम में महापौर डॉ मंगलेश श्रीवास्तव ने कहा कि गोरखपुर में खेल व खिलाड़ियों के लिए मुख्यमंत्री ने बड़ा उपहार दिया है। खेल प्रतिभाओं के लिए मिनी स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स मील का पत्थर साबित होगा। समारोह में सीएम योगी का स्वागत करते हुए जीडीए उपाध्यक्ष महेंद्र सिंह तंवर ने शिलान्यास वाली विकास परियोजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस अवसर पर प्रमुख रूप से भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं एमएलसी डॉ धर्मेंद्र सिंह, विधायक विपिन सिंह, महेंद्रपाल सिंह, डॉ विमलेश पासवान, प्रदीप शुक्ल, कालीबाड़ी के महंत रविंद्रदास,मंडलायुक्त अनिल ढींगरा, जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश, सीडीओ संजय मीना, जीडीए बोर्ड के सदस्य दुर्गेश बजाज, भाजपा के जिलाध्यक्ष युधिष्ठिर सिंह, महानगर अध्यक्ष राजेश गुप्ता, पार्षद धर्मदेव चौहान आदि मौजूद रहे।
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इन प्रमुख परियोजनाओं का सीएम योगी ने किया शिलान्यास
– पैडलेगंज से सहारा स्टेट तक रामगढ़ताल रिंग रोड, लागत, 44 करोड़ 13 लाख रुपये
– 63 परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों का कायाकल्प, लागत 11 करोड़ 24 लाख 78 हजार रुपये
– भाटी विहार कॉलोनी में मिनी स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, लागत 6 करोड़ 17 लाख 80 हजार रुपये
– रामनगर चौराहे से सोनौली रोड को जोड़ने वाली सड़क का चौड़ीकरण, साइड इंटरलॉकिंग व अन्य कार्य, लागत 4 करोड़ 3 लाख 16 हजार रुपये
– रामनगर चौराहे से सोनौली रोड को जोड़ने वाली सड़क से विद्युत लाइन व ट्रांसफार्मर की शिफ्टिंग व पथ प्रकाश, लागत 2 करोड़ 52 लाख 52 हजार रुपये

उत्तर प्रदेश

महाकुंभ में कैलाश मानसरोवर शिविर का आयोजन, एनआरआई हरि गुप्ता करेंगे मानसरोवर से जुड़े रहस्यों का पर्दाफाश

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महाकुंभ में एनआरआई हरि गुप्ता द्वारा कैलाश यात्रा शिविर कैलाश मानसरोवर से जुड़ी समस्याओं और रहस्यों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए महाकुंभ में एक शिविर का आयोजन किया गया है, जिसमें भारत और विदेश से कई मशहूर हस्तियों, अधिकारियों और सफल व्यवसायियों के शामिल होने की उम्मीद है। जिसमें चर्चित भारतीय फिल्म निर्देशक दुष्यंत प्रताप सिंह मौजूद रहेंगे । दुष्यंत प्रताप सिंह अपने बेहतरीन निर्देशन के साथ – साथ पटकथा लेखन के लिए भी मशहूर हैं और साथ ही अमरजीत मिश्रा ट्रस्टी (दिव्य प्रेम सेवा मिशन) हरिद्वार और मशहूर व्यवसायी एवं सामाजिक कार्यकर्ता सुधीर हलवासिया मौजूद रहेंगे। साथ ही सुधीर हलवासिया ने कहा कि कैलाश मानसरोवर शिविर हमारी भारतीय संस्कृति और मूल्यों को बढ़ावा देगा और उसमें सभी प्रकार से सहयोग करने की बात कही।

इस अवसर पर बॉलीवुड डायरेक्टर दुष्यंत प्रताप सिंह ने कहा कि किसी भी अन्य वासि भारतीयों द्वारा कैलाश मुक्ति अभियान के बैनर तले इतने बड़े अभियान का बीड़ा उठाना अपने आप में ही अद्भुत और बहुत साहस व लगन का विषय है और इस परिपेक्ष में सारे अन्य वासि भारतीयों को तकरीबन 15 से 20 अलग-अलग देशों के भारतीयों को एक झंडे तले लाना और अपने सांस्कृतिक विरासत के लिए आध्यात्मिक विरासत के लिए भोलेनाथ शिव के लिए संघर्ष शुरू करना अपने आप में बहुत ही प्रेरणादायक है और हम लोग भी इस कार्य में जो भी योगदान हमारा हो सकता है वो हम लोग अपना योगदान दे रहे हैं हरि गुप्ता के साथ वहीं दिव्य प्रेम सेवा मिशन के ट्रस्टी अमरजीत मिश्रा जी ने कहा भारत एक सांस्कृतिक व आध्यात्मिक देश के तौर पर वैश्विक रूप से सभी देशों का अगवा है और हरि गुप्ता जी ने यह जो प्रकल्प छेड़ा है l कैलाश मुक्ति अभियान वास्तव में ही बहुत प्रेरणादायक एवं एक अरुण संकल्प है और उन्होंने यह आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास व्यक्त किया की बहुत जल्द ही सभी भारतीयों को जो देश-विदेश पूरे विश्व में जहा जाएं उन्हें अपने आराध्य देव के दर्शन सुगम रूप से उपलब्ध हो सकें।

यह एक विडंबना है कि पिछले 5 सालों से भारतीय पासपोर्ट धारकों को मानसरोवर जाने की अनुमति नहीं है, जबकि अन्य देशों के नागरिक आसानी से वहां जा सकते हैं। किसी भी सरकार द्वारा किसी भी कारण से हिंदू धर्म की तीर्थयात्रा को रोकना उचित नहीं है। यह हिंदू शिवभक्तों के मानवाधिकारों के बिल्कुल खिलाफ है। जबकि भारत सरकार ने 50 किलोमीटर दूर से कैलाश पर्वत को देखने के लिए कुछ मार्ग बनाए हैं, लेकिन यह कुछ ऐसा है जैसे भोजन की थाली को देखना लेकिन उसे सूंघना, छूना, महसूस करना या खाना नहीं। जब भोजन को देखकर सामान्य भूख नहीं मिटती है l तो 50 किलोमीटर दूर से उसे देखने से आध्यात्मिक भूख कैसे मिटेगी।

भले ही यात्रा की अनुमति मिल गई हो, लेकिन वास्तविक यात्रा से भारतीय यात्रियों को कोई लाभ नहीं होगा। उन्हें अभी भी कैलाश की यात्रा के लिए नेपाल और उसके मागों पर निर्भर रहना पड़ता है। भारत से पिथौरागढ़ या सिक्किम के रास्ते बहुत लंबे और उबड़-खाबड़ रास्ते हैं। हरि गुप्ता दिल्ली से कैलाश के लिए सीधी चार्टर उड़ानें शुरू करने के इच्छुक हैं और एयरलाइन ऑपरेटरों से बातचीत कर रहे हैं। दिल्ली से कैलाश तक की केवल 500 किमी की उड़ान है।

आचार्य हरि गुप्ता विदेश में 30 से अधिक वर्षों से रह रहे हैं और एक सफल व्यवसायी है। उन्होंने भोलेनाथ ने कई बार दर्शन किए हैं और कैलाश मुक्ति के लिए आवश्यक कार्य करने के लिए मार्गदर्शन दिया है। वे इस अनुभव को भोलेनाथ की लीला के रूप में भी लिख रहे हैं। आचार्य हरि गुप्ता ने कहा कि कैलाश न केवल हिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण है बल्कि यह सिख, जैन और बौद्धों के लिए भी उतना ही महत्वपूर्ण है। ऐसा कहा जाता है कि सिखों के पहले गुरु गुरुनानक जी ने भी कैलाश की यात्रा की थी।

पहले जैन गुरु ऋषभदेव जी ने भी कैलाश की यात्रा की थी। आचार्य हरि गुप्ता को भोलेनाथ ने कई रहस्य बताए हैं जैसे पांच कैलाश हैं, जिनमें भोलेनाथ की अलग-अलग लीलाएं हैं। इनमें से एक मुख्य कैलाश वर्तमान में तिब्बत के अंतर्गत है, जो चीन के अंतर्गत आता है। उन्हें रहस्यमयी तरीके से कई लोगों से मिलने का मौका भी मिलता है, जिनमें से एक ने भगवान शिव के एक मंदिर के बारे में बताया है जो कैलाश के पास है और जिसके बारे में शायद ही कोई जानता हो, जिसकी ऑडियो रिकॉर्डिंग उनके पास है।

यह अद्भुत शिव मंदिर पास के शहर में एक पहाड़ पर है और सीढ़ियाँ चढ़कर पहुँचा जा सकता है। इसके एक तरफ पानी का झरना है। इसकी परिक्रमा के चारों ओर गहरी घाटी है। भक्तों को खीर का प्रसाद दिया जाता है जिसे चावल को सिर्फ़ इतना पकाकर मीठा किया जाता है कि वह मीठा हो जाए और उसमें कोई मीठा पदार्थ नहीं मिलाया जाता। आगंतुकों को कभी-कभी चार काले कुत्ते भी दिखाई देते हैं जिन्हें चार वेदों का प्रतीक माना जाता है। मंदिर को हर साल पशुपति नाथ मंदिर से पहला एकमुखी रुद्राक्ष भी मिलता है जिस पर नेपाल के राजा का पहला अधिकार होता है।

कुछ साल पहले कैलाश की यात्रा करने वाले संजय जैन ने उन्हें मानसरोवर ताल के बारे में कुछ रहस्य भी बताए हैं। उन्होंने बताया कि मानसरोवर झील में कई पत्थर हैं जिन पर ओम, सांप या डमरू के प्राकृतिक निशान हैं। उन्होंने न केवल उन्हें अपनी आँखों से देखा है बल्कि उन्हें अपने साथ भी लाया है। सत्यापन के लिए दिल्ली में भी ऐसे दो पत्थर उपलब्ध हैं।

दूसरा रहस्य यह है कि मानसरोवर ताल के पास पक्षी किसी से भी भोजन ले लेते हैं जबकि राक्षस ताल के पास पक्षी कोई भी भोजन स्वीकार नहीं करते। यह जानकर आश्चर्य होता है कि यहाँ दो ताल हैं, एक में मीठा और साफ पानी है जबकि दूसरे में वह नहीं है। एक में लहरें हैं और दूसरे में नहीं। एक बर्फ में जम जाता है जबकि दूसरा नहीं। भोलेनाथ द्वारा दी गई एक बहुत ही महत्वपूर्ण अंत र्दृष्टि यह है कि जब हम गूगल मैप को 180 डिग्री घुमाते हैं- तो हम झीलों के आकार को शिवलिंग और योनि के रूप में पहचान सकते हैं।

आचार्य हरि गुप्ता सभी संतों से संपर्क कर रहे हैं और उन्हें इसके लिए आवाज उठाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। उन्होंने इसके लिए सांसदों को ईमेल के जरिए पत्र भी भेजे हैं। भोलेनाथ की प्रेरणा से उन्होंने जय कैलाश नाम से एक भजन भी लिखा है जिसमें भगवान शिव, कैलाश पर्वत और उसके महत्व के बारे में आसानी से बताया गया है। यह गीत Youtube.com/@JaiKailasha पर है। गौरतलब है कि 60 साल के अपने पूरे जीवन में उन्होंने शायद ही कभी संगीत सुना हो और कभी कोई कविता या गीत नहीं लिखा हो। आचार्य हरि गुप्ता इस उद्देश्य के लिए www.kailashmukti.com के नाम से एक वेबसाइट भी बना रहे हैं।

कैलाश आने वाले कई लोगों ने बताया है कि मानसरोवर और उसके आस-पास के स्थानों पर तीर्थयात्रियों के ठहरने, शौचालय, चिकित्सा और यात्रा के लिए शायद ही कोई सुविधा है। उनका इरादा तीर्थयात्रियों के लिए वहां भी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने का है और इसके लिए वे भारत और चीन सरकार के साथ मिलकर काम करना चाहते हैं। आचार्य हरि गुप्ता को पूरा विश्वास है कि यह काम जल्द ही पूरा हो जाएगा क्योंकि इस आंदोलन का मार्गदर्शन स्वयं भोलेनाथ कर रहे हैं। यह भोलेनाथ की ही कृपा है कि 4 महीने पहले एक व्यक्ति द्वारा शुरू किया गया प्रयास अब करोड़ों लोगों तक पहुँच रहा है। वे सभी शिवभक्तों, मीडिया, अधिकारियों और राजनेताओं से अपील कर रहे हैं कि वे इस बारे में आवाज उठाएं और इसे जल्द से जल्द हल करने के लिए मिलकर काम करें ताकि शिवभक्त बिना किसी प्रतिबंध, भय या परेशानी के इस पवित्र स्थान की यात्रा करके अपने इष्ट देव की पूजा से आध्यात्मिक लाभ उठाएँ।

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