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ऑफ़बीट

आखिर मोबाइल में क्यों होता है फ्लाइट मोड का ऑप्शन, वजह जानकर हो जाएंगे हैरान

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आज के दौर में फ़ोन किसी भी कंपनी का हो, उसमें ‘फ्लाइट मोड’ का ऑप्शन होता ही है। लेकिन क्या आपको पता है हम लोगों के फ़ोन में ये ऑप्शन क्यों दिया जाता है? आइए आज हम आपको इस बारे में बताते है।

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आपको बता दें, सभी फ़ोन में फ्लाइट मोड पाया जाता है। क्योंकि फोन में विद्युत चुंबक होता है। और फोन में आने वाली विद्युतीय सिग्नल फ्लाइट के सिग्नल को भी हैंग कर सकता है। इसीलिए फोन को फ्लाइट मोड पर रखा जाता है ताकि फोन की विद्युतीय सिग्नल हवाई जहाज के विद्युतीय सिग्नल से ना मिले।

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जब मोबाइल को ‘फ्लाइट मोड’ पर रखने से आपके फ़ोन की सारी डेटा सर्विस जैसे WiFi, GSM, ब्लूटूथ आदि डिसेबल हो जाते है। फ्लाइट का लैंडिंग और टेक ऑफ होना दोनों ही संवेदनशील ऑपरेशन है जिनमें बेहद सतर्कता और सावधानी रखने की जरूरत होती है।

उत्तर प्रदेश

संभल में 46 साल बाद खुले मंदिर के कुएं से निकली माता पार्वती की खंडित मूर्ति

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संभल। उत्तर प्रदेश के संभल में बिजली चोरी के खिलाफ अभियान चला रहे प्रशासन को बीते दिनों करीब 46 साल से बंद पड़ा मंदिर मिला था। यह मंदिर उसी इलाके में है, जहां हिंसा हुई थी और लंबे समय से बंद था। इस हिंदू मंदिर में पहले महादेव की मूर्ति निकली।

उसके बाद मंदिर के प्रांगण में स्थित कुएं की खुदाई की गई। इसके बाद इस मंदिर से मां पार्वती की खंडित प्रतिमा बरामद की गई है। फिलहाल पुलिस ने इस प्रतिमा को अपने कब्जे में ले लिया है और जांच-पड़ताल शुरू कर दी है। हालातों को देखते हुए इलाके में भारी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया है।

बता दें कि संभल के नखासा थाना इलाके के मोहल्ला ख़ग्गू सराय में स्थित शिव मंदिर के कपाट खुलने के बाद खुद पुलिसकर्मियों ने मूर्तियों की सफाई की थी। इस दौरान हर-हर महादेव के जयकारों से पूरा आसमान गूंज उठा था। 46 साल बाद खुले मंदिर में पूजा शुरू कर दी गई है। आज भी बड़ी संख्या में भक्त जलाभिषेक करने पहुंचे थे।

ये शिव मंदिर सपा सांसद ज़ियाउर्रहमान बर्क के घर से कुछ ही दूरी पर स्थित है। इस शिव मंदिर पर प्राचीन महादेव मंदिर लिख दिया गया है और मंदिर परिसर में मिले कुएं की खुदाई भी की जा रही है।

बताया जा रहा है कि प्रशासन अब इस मंदिर की कार्बन डेटिंग कराएगा. इसके लिए जिला प्रशासन ने भस्म शंकर मंदिर, शिवलिंग और वहां मिले कुएं की कार्बन डेटिंग कराने के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को एक पत्र लिखा है. इस जांच के जरिए प्रशासन इस बात की जानकारी प्राप्त करेगा कि ये मंदिर और इसकी मूर्ति कितनी पुरानी हैं.

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