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उत्तर प्रदेश

लखनऊ: बारात लेकर पहुंचा दूल्हा, दुल्हन का पता ही निकला फर्जी, मोबाइल भी स्विच ऑफ

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लखनऊ। उन्नाव का रहने वाला दूल्हा जब अपनी बारात लखनऊ लेकर पहुंचा तो उसे वहां दुल्हन का घर ही नहीं मिला। हैरान परेशान दूल्हे के रिश्तेदार और उसके दोस्त रात भर दुल्हन का घर ढूंढते रहे लेकिन बाद में उन्हें जो पता चला उससे उनके पैरों तले जमीन खिंसक गई। उन्हें पता चला कि यहां काजल नाम की कोई लड़की रहती ही नहीं थी।

उन्नाव के दलेलपुर के रहने वाले सोनू जब 4 साल पहले चंडीगढ़ गए थे तब उनकी मुलाकात काजल नाम की लड़की से हुई थी। दोनों ने अपने नंबर की अदला बदली की फिर दोनों बात करने लगे। दोनों में प्यार हुआ। लड़की ने अपना घर लखनऊ के रहीमाबाद हाशिमपुर गांव में बताया था, जिसपर सोनू ने भरोसा कर लिया।

इस दौरान दोनों ने शादी करने का फैसला कर लिया। लड़की ने अपने पिता शीशपाल की सोनू के परिवार से बात कराई। दोनों परिवारों में खुशी का माहौल था। सोनू ने अपने रिश्तेदारों और दोस्तों को अपनी शादी की बात बताई। इस बीच लड़की ने फ़ोन करके बोला अब घर पर रिश्तेदार आ रहे है तो अब सीधे बारात लेकर आना। इसके बाद कोमल ने अपना मोबाइल ऑफ कर लिया।

सोनू ने इस बात पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया क्योंकि उसे 11 जुलाई को बरात लेकर जाना था। 11 जुलाई को जब सोनू अपनी बारात को लेकर काजल के घर लखनऊ पहुंचा तो उसको वहां कुछ ऐसा देखने और सुनने को मिला जिससे उसके पैरों तले जमीन खिंसक गई। उसे पता चला कि यहां न तो काजल नाम की कोई लड़की रहती है। न ही शीशपाल नाम का कोई शख्स। काजल का नंबर भी स्विच ऑफ है।

सोनू और उनके रिश्तेदारों ने नजदीकी थाने में एफआईआर दर्ज़ करवा दी है। जॉइंट कमिश्नर आकाश कुलहरि के मुताबिक, इस पूरे मामले में मुकदमा दर्ज किया गया है। लड़की और उसके परिवार वालों की तलाश की जा रही है।

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उत्तर प्रदेश

योगी सरकार टीबी रोगियों के करीबियों की हर तीन माह में कराएगी जांच

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लखनऊ |  योगी सरकार ने टीबी रोगियों के संपर्क में रहने वाले व्यक्तियों एवं पूर्व टीबी रोगियों की स्क्रीनिंग कराने का निर्णय लिया है। यह स्क्रीनिंग हर तीन महीने पर होगी। वहीं साल के खत्म होने में 42 दिन शेष हैं, ऐसे में वर्ष के अंत तक हर जिलों को प्रिजेंम्टिव टीबी परीक्षण दर के कम से कम तीन हजार के लक्ष्य को हासिल करने के निर्देश दिये हैं। इसको लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने सभी जिला क्षय रोग अधिकारियों (डीटीओ) को पत्र जारी किया है।

लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को किया जा रहा और अधिक सुदृढ़

प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। ऐसे मेें टीबी रोगियों की युद्धस्तर पर स्क्रीनिंग की जा रही है। इसी क्रम में सभी डीटीओ डेटा की नियमित माॅनीटरिंग और कमजोर क्षेत्रों पर ध्यान देने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) का लक्ष्य टीबी मामलों, उससे होने वाली मौतों में कमी लाना और टीबी रोगियों के लिए परिणामों में सुधार करना है। ऐसे में इस दिशा में प्रदेश भर में काफी तेजी से काम हो रहा है। इसी का परिणाम है कि इस साल अब तक प्रदेश में टीबी रोगियों का सर्वाधिक नोटिफिकेशन हुआ है। तय समय पर इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को और अधिक सुदृढ़ किया गया है।

कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग से टीबी मरीजों की तेजी से होगी पहचान

राज्य क्षय रोग अधिकारी डाॅ. शैलेन्द्र भटनागर ने बताया कि टीबी के संभावित लक्षण वाले रोगियों की कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग को बढ़ाते हुए फेफड़ों की टीबी (पल्मोनरी टीबी) से संक्रमित सभी लोगों के परिवार के सदस्यों और कार्यस्थल पर लोगों की बलगम की जांच को बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग जितनी ज्यादा होगी, उतने ही अधिक संख्या में टीबी मरीजों की पहचान हो पाएगी और उनका इलाज शुरू हो पाएगा। इसी क्रम में उच्च जोखिम वाले लोगों जैसे 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों, डायबिटीज रोगियों, धूम्रपान एवं नशा करने वाले व्यक्तियों, 18 से कम बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) वाले व्यक्तियों, एचआईवी ग्रसित व्यक्तियों और वर्तमान में टीबी का इलाज करा रहे रोगियों के सम्पर्क में आए व्यक्तियों की हर तीन माह में टीबी की स्क्रीनिंग करने के निर्देश दिये गये हैं।

हर माह जिलों का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लेने के निर्देश

टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए नैट मशीनों का वितरण सभी ब्लाॅकों पर टीबी की जांच को ध्यान रखने में रखते हुए करने के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही उन टीबी इकाइयों की पहचान करने जो आशा के अनुरूप काम नहीं कर रहे हैं उनमें सुधार करने के लिए जरूरी कदम उठाने का आदेश दिया गया है। क्षेत्रीय टीबी कार्यक्रम प्रबन्धन इकाई (आरटीपीएमयू) द्वारा हर माह में जनपदों का भ्रमण करते हुए वहां की स्थिति का जायजा लेने के भी निर्देश दिए हैं।

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